कडवा और तिक्त होए हुए भी गुणकारी करेला एक रुचिकर और पथ्यकारक सब्जी है.
यद्यपि ये स्वादिष्ट नहीं माना जाता लेकिन गुणों के चलते इसका सेवन हर कोई करता ज़रूर है.
इस लेख का मुख्य उदेश्य यही है कि हम सब इस उपहार का भरपूर उपयोग करें.
आईये, जानते हैं क्या हैं गुणकारी करेला के शोध आधारित 6 लाभ.
परिचय
करेले का मूल भारत माना जाता है जहाँ से यह 14वीं सदी में चीन पहुंचा और फिर पूरी दुनिया में.
करेला एक गर्मियों और बरसात में उगने वाली बेल अथवा लता है जिसके फलों की सब्जी बनायीं जाती है.
वनस्पति विज्ञान में इसे लता जाति की स्वयंजात और कृषिजन्य वनस्पति बताया गया है
जिसे कुकरबिटेसी (Cucurbitaceae) कुल के मोमोर्डिका चारेंशिया (Momordica charantia) के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है.
अंग्रेजी में इसे Bitter gourd, Balsam pear और Bitter melon के नामों से जाना जाता है.
भारत में करेले को कारवेल्लक, कारवेल्लिका, करेल, करेली तथा काँरले इत्यादि अन्य नामों से भी जाना जाता है.
करेले की आरोही अथवा विसर्पी कोमल लताएँ,
झाड़ियों और बाड़ों पर स्वयंजात अथवा खेतों में बोई हुई पाई जाती है
इनकी पत्तियाँ 5-7 हिस्सों में विभक्त,
तंतु (ट्रेंड्रिल, tendril) अविभक्त,
पुष्प पीले और फल उन्नत मुलिकावाले (ट्यूबर्किल्ड, tubercled) होते हैं (देखिये विकिपेडिया)
करेले के पोषण तथ्य
घटक | मात्रा | दैनिक ज़रुरत की प्रतिशत |
---|---|---|
उर्जा Energy | 17 Kcal | <1% |
कार्बोहाइड्रेट Carbohydrates | 3.70 g | 3% |
प्रोटीन Protein | 1.00 g | 2% |
कुल वसा Total Fat | 0.17 g | 0.5% |
कोलेस्ट्रॉल Cholesterol | 0 mg | 0% |
फाइबर Dietary Fiber | 2.80 g | 7% |
विटामिन Vitamins | ||
फोलेट Folates | 72 µg | 18% |
नियासिन Niacin | 0.400 mg | 2.5% |
पैंटोथेनिक एसिड Pantothenic acid | 0.212 mg | 4% |
पयरिडॉकसिन Pyridoxine | 0.043 mg | 3% |
रिबोफ्लाविन Riboflavin | 0.040 mg | 3% |
थ्यामिन Thiamin | 0.040 mg | 3.5% |
विटमिन A Vitamin A | 471 IU | 16% |
विटामिन C Vitamin C | 84 mg | 140% |
Electrolytes | ||
सोडियम Sodium | 5 mg | <1% |
पोटैशियम Potassium | 296 mg | 6% |
Minerals | ||
Calcium | 19 mg | 2% |
Copper | 0.034 mg | 4% |
Iron | 0.43 mg | 5% |
Magnesium | 17 mg | 4% |
Manganese | 0.089 mg | 4% |
Zinc | 0.80 mg | 7% |
Phyto-nutrients | ||
Carotene-ß | 190 µg | — |
Carotene-a | 185 µg | |
Lutein-zeaxanthin | 170 µg | — |
गुणकारी करेला के शोध आधारित 6 लाभ
लगभग सभी सभ्यताओं में करेले को एक औषधीय शाक का दर्जा हासिल है.
वर्तमान समय के कई शोधों ने करेले के वैज्ञानिक आधार पर गुण लाभ साबित किये हैं जिनमें से मुख्य इस प्रकार से हैं.
आयुर्वेद में करेले को पेट रोगों, जैसे अलसर, मरोड़, कृमिरोग, कब्ज़ का निवारक;
गाउट, त्वचा रोगों, लिवर रोगों में हितकारी; व प्रमेह नाशक बताया गया है.
प्राकृतिक चिकित्सा में इसके पत्ते और पत्तों के स्वरस के उपयोग को दीपन, भेदन, कफ-पित्त-नाश तथा ज्वर,
कृमि, वातरक्त और आमवातादि में हितकर माना जाता है.
करेले में उपलब्ध विशेष किस्म के phenolic और flavonoid अवयव,
cucurbitane किस्म के triterpenoids, triterpene glycoside,
oleanane किस्म के triterpene saponins,
और इन्सुलिन जैसे पेप्टाइड (insulin like peptides) पाए जाते हैं
जो इसे विशेष औषधीय गुणों की खान बनाते हैं.
1 बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट ( Great Antioxidant)
करेला विटामिन C का उत्तम स्रोत होता है.
100 ग्राम करेले में 84 mg विटामिन C पाया जाता है जो हमारी नित्य ज़रूरत से 40% अधिक होता है.
विटामिन C एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर को विषद्रव्यों से मुक्त रखने में सहायता करता है.
करेले में अन्य विटामिन्स व मिनरल्स का भी बेहतर समावेश रहता है. (1)
2 कोलेस्ट्रॉल निवारक ( Reduces Cholesterol)
करेले के जूस में लिपिड कम करने के गुण पाए गए हैं.
करेले के कोलेस्ट्रॉल कम करने करने के गुणों को मोटापे में कमी का कारक भी माना जाता है.
यह करेले के घी तेल इत्यादि वसाओं को विघटित करने के गुणों के कारण होता है.(2, 3, 4)
3 प्राकृतिक इन्सुलिन का स्रोत
डायबिटीज आज के युग की एक बड़ी बीमारी है.
करेले में Charantin नामक cucurbitane किस्म का विशेष triterpenoid पाया जाता है
जिसे कई शोधों में डायबिटीज नियंत्रण का मुख्य कारक पाया है.
शोध जगत में ऐसी भी धरना बन रही है कि इस प्रकार के triterpenoids शरीर में इन्सुलिन उत्पादन के बेहतर विकल्प हो सकते हैं.(5, 6, 7, 8)
सबसे बड़ी बात, ये फाइईटोपेपसाइड-P से युक्त होता है जो एक वानस्पतिक इन्सुलिन है.
करेला खाने से आपको बनी बनायीं इन्सुलिन मिल जाती है, जो सामान्यत: हमारी पैंक्रियास द्वारा बनायीं जाती हैं.(9)
4 मोटापा नियंत्रक (Checks obesity)
मोटापा एक विश्वव्यापी समस्या है.
प्रयोगशाला शोधों में करेले को वसायुक्त आहार को विघटित करने की क्षमता पाई गयी है.
जब चर्बीयुक्त आहार के साथ साथ करेले का सेवन कराया गया तो निष्कर्ष निकला कि करेले के उपयोग से वज़न में बढ़ोतरी नहीं हुई,
जबकि बिना करेले के समूह में वज़न का बढ़ना पाया गया. (10)
5 सूजन निवारक (Anti inflammatory)
सेप्सिस (sepsis) एक ऐसी विसंगति है जो हमारी रोग प्रतिरोध को क्षमता को कम कर कई प्रकार के विकार पैदा करती है.
इस कारण हमारा ऑटो इम्यून तंत्र अपने ही स्वस्थ अंगों को नुक्सान पहुँचाने लगता है.
यह रोग पेट की बीमारी IBS संग्रहणी, और एंटीबायोटिक्स, दर्दनिवारक दवाओं के अत्यधिक उपयोग से पनपता है.
करेले के उपयोग से पेट की आँतों की सूजन और जोड़ों की सूजन में कमी होती पाई गयी है,
जिन्हें ऑटो इम्यून तंत्र का विकार ही माना जाता है. (11)
6 कैंसर रोधी (Prevents cancers)
दुनिया में शायद करेला एक ऐसी इकलौती सब्जी है जिसके कैंसर रोधी गुणों पर सबसे अधिक शोध हुए हैं.
करेले को गुदा के कैंसर, ब्रैस्ट कैंसर, पैंक्रियास के कैंसर, सर्विकल कैंसर,
त्वचा कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, लयूकेमिया, फेफड़ों के कैंसर सहित
कई अन्य कैंसर रोगों के बचाव में लाभकारी पाया गया है. (12)
करेले के सभी कैंसर रोधी गुणों का उल्लेख किसी अन्य लेख में करने का प्रयास करूंगा.
7 अन्य लाभ
डायबिटीज, मोटापा, कैंसर इत्यादि के अतिरिक्त करेला किडनी स्टोन, संग्रहणी में भी लाभकारी होता है.
कुछ प्रयोगशाला शोध ये भी इंगित करते हैं कि करेले का उपयोग HIV जैसी घातक बीमारियों में लाभकारी हो सकता है. (13)
सारशब्द
करेले के गुणों को देखते हुए इसका मौसमी उपयोग ही नहीं, पूरे साल उपयोग करना चाहिए.
करेले की सब्जी, जूस सभी उपयोगी हैं.
करेले के पत्तों की भाजी भी बनाई जा सकती है.
सालभर उपयोग करने के लिए इसके चिप्स बना कर नमक काली मिर्च लगा कर सुखायिये और उपयोग कीजिये.