केसर अथवा केशर एक महंगी वनस्पति है जो ईरान, स्पेन, ग्रीस इत्यादि देशों में उगाई जाती है.
भारत के काश्मीर में पैदा होने वाला केसर (english name: Saffron, botanical name: Crocus sativus) भी बेहतरीन किस्म का माना जाता है।
तेज सुगंध वाला केशर स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी होता है।
इसका उपयोग विभिन्न व्यंजनों, मिठाईयों और औषधियों में किया जाता है।
केसर को पानी में डालने पर रंग केसरिया हो जाता है।
आईये जानते हैं इसके गुण, लाभ, फायदे और औषधीय उपयोग…
केसर के गुण
इसमें picrocrocin और safranal नामक सक्रिय तत्व पाए जाते हैं जो इसके औषधीय गुणों के कारक माने जाते हैं.
विशेषतया एकाग्रता, स्मरण शक्ति और यौनक्षमता बढ़ाने के लिए.
Picrocrocin तत्व इसके केसरिया रंग का कारक भी हैऔर उत्तम एंटीऑक्सीडेंट भी।
आयुर्वेद में केशर को उष्णवीर्य, उत्तेजक, पाचक, वात-कफ नाशक बताया गया है.
यह यौनशक्ति, एकाग्रता, स्मरण शक्ति वर्धक, त्रिदोष नाशक, वातशूल शमन करने वाला भी होता है।
इन्ही गुणों के कारण इसका उपयोग कई बीमारियों में किया जाता है।
1 कामशक्ति वर्धक
केसर का उपयोग कई कामशक्ति वर्धक औषधियों में किया जाता है.
इसके सेवन से पुरुष और महिलाओं दोनों की रतिशक्ति की कमी में राहत मिलती है।
इसके उपयोग से स्तम्भन शक्ति भी बढ़ जाती है.
2 गर्भावस्था में लाभकारी
गुणों से प्रचुर केसर गर्भ की ऐंठन दूर करता है।
गर्भावस्था में इसको लेने से ऐंठन और पेट दर्द में आराम मिलता है।
यह पाचन-प्रणाली को सुधारने के अतिरिक्त गर्भवती महिला की भूख वृद्धि भी करता है
3 पाचन क्रिया सुधारक
पेट संबंधित बीमारियों के इलाज में केसर बहुत लाभकारी है।
बदहजमी, पेट-दर्द, मरोड़, गैस, एसिडिटी आदि पाचन संबंधित विकारों से राहत दिलाने में सहायक है।
इसके नियमित उपयोग से पाचन क्रिया को नियंत्रित रखा जा सकता है।
4 मासिक धर्म की औषधि
केसर का नियमित सेवन महिलाओं के लिए वरदान है।
महिलाओं की मासिक चक्र में अनियमिता, गर्भाशय की सूजन, मासिक चक्र के समय दर्द होने जैसी समस्याओं में केशर का सेवन करने से आराम मिलता है।
5 नवजात के लिए अमृत
अक्सर नवजात को सर्दी-जुकाम की समस्या घेर लेती है।
केसर को नवजात को मां के दूध में मिलाकर या उसके नाक और माथे पर मलने से लाभ होता है।
या केशर, जायफल और लौंग का पानी युक्त हल्का लेप बनाकर नवजात की छाती और पीठ पर लगाने से राहत मिलती है।
सर्दी का प्रकोप कम होता है और बच्चे को भरपूर निद्रा और आराम मिलता है।
6 मस्तिष्क के लिए
सिर दर्द के लिए केसर का उपयोग किया जा सकता है।
केसर को चन्दन के साथ घिसकर इसका लेप माथे पर लगाने से सिर, आंखों और दिमाग को शीतलता मिलती है।
इस लेप को लगाने से दिमाग भी तेज होता है।
7 गंजापन दूर करे
गंजे लोगों के लिये तो केसर संजीवनी बूटी की तरह काम करती है।
जिनके बाल चकते बन कर बीच से उड़ (alopacia) जाते हैं, वह थोड़ी सी मुलेठी को दूध में पीस कर उसमें चुटकी भर केसर डाल कर पेस्ट बना लें।
सोते समय सिर में लगाने से इस प्रकार के गंजेपन की समस्या दूर होती है।
रूसी की समस्या हो या फिर बाल झड़ रहे हों, तो भी यह नुस्खा काम आता है।
8 दस्त अतिसार
अतिसार में भी केसर लाभकारी होता है।
अतिसार होने पर केशर को जायफल, आम की गुठली, सोंठ को पत्थर पर पानी के साथ घिसकर इसका लेप लगाने से फायदा होता है।
9 अनिद्रा दूर करें
केसर अनिद्रा की समस्या में भी काफी प्रभावकारी पाया गया है।
इसके साथ ही यह अवसाद को भी ठीक करने में सहायक पाया गया है।
रात को सोने से पहले दूध में केशर डालकर पीने से अनिद्रा की शिकायत दूर होती है।
10 बुखार में उपयोगी
केसर में ‘क्रोसिन’ नाम का तत्व पाया जाता है, जो वैज्ञानिक रूप से बुखार को दूर करने में उपयोगी माना जाता है।
इसके साथ ही यह एकाग्रता, स्मरण शक्ति और रिकॉल क्षमता को भी बढ़ाने का काम करता है।
11 आंखों के लिये लाभकारी
आंखों की परेशानी को दूर करने में भी मददगार होता है।
एक हालिया शोध में यह बात सामने आयी है कि केसर के सेवन से नजर बे द्रष्टि तंतुओं पर सकारात्मक बदलाव आ सकता है।
यह मोतियाबिंद रोकने में भी लाभकारी रहता है.
12 अन्य फायदे
केशर रक्त शुद्धिकरण करता है।
यह किडनी और लिवर के लिए भी फायदेमंद होता है।
उपयोग विधियां
केसर का उपयोग अकेले बहुत ही कम किया जाता है.
इसे अन्य व्यंजनों या औषधियों में मिलाकर ही लिया जाता है,
केशर युक्त खीर, दूध, मिठाईयां और पुलाव ऐसे व्यंजन हैं जो केशर की सुगंध तो देते ही हैं,
साथ ही इसके गुणों को भी उपलब्ध कराते हैं.