लिवर टॉनिक बनाने की विधि

लिवर टॉनिक प्रीमिक्स – बनाने की विधि

आपको एक एल्युमीनियम पैक में लिवर टॉनिक प्रीमिक्स बनाने की सामग्री भेजी गई है  

जानिये, क्या है इस प्रीमिक्स से लिवर टॉनिक बनाने की विधि:

सामग्री के मुख्य संयोजक इस प्रकार से रहते हैं:

1 चिरायता ( Swertia chirata)

2 कालमेघ (Andrographis paniculata)

3 शरपुन्खा (Tephrosia purpurea)

4 भूमि आंवला (Phylanthus amarus)

5 भृंगराज (Eclipta alba)

6 मकोय (Solanum nigrum)

7 दारुहल्दी (Berberis aristata)

8 नीम (Margosa indicus)

9 दशमूल (Dhashamoola)

बताई गयी पहली आठ औषधियों में से केवल चार या पांच ली जाती हैं, जो मौसमी उपलब्धता के कारण बदलती रहती हैं। 

लिवर टॉनिक प्रीमिक्स – बनाने की विधि

1 एक बर्तन में लगभग सवा दो लीटर पानी लीजिये और सारी सामग्री उस में डाल दें.

2 इसमें पांच चम्मच हल्दी पाउडर (लगभग 20 ग्राम), लगभग 40-50 ग्राम ताज़ा अदरक (बारीक कूटकर), और 10 बड़े चम्मच चीनी मिला लें.

3 इसे उबलने तक गर्म करें। फिर धीमी आंच पर लगभग 15-20 मिनट तक उबलने दें। ताकि इसका काढ़ा अथवा क्वाथ बन जाये। 

4 ठंडा होने पर क्वाथ को छान कर एक या दो साफ शुद्ध की हुई बोतलों में भर कर रख लें। बोतलें पारदर्शी कांच या प्लास्टिक (PET) की ले सकते हैं। 

लिवर टॉनिक तैयार है। 

अनुपान मात्रा

बनाये गए लिवर टॉनिक की 30ml मात्रा (लगभग एक तिहाई चाय का कप) एक गिलास में लें। 

इसमें पानी मिला कर आधा गिलास तैयार कर लें और पी जाएँ। 

इसे भोजन से पहले या बाद में कभी भी दो बार दिन में लें। 

लीवर की अधिक कमजोरी में इसे तीन या चार बार लेने से जल्दी लाभ मिलता है। 

विशेष

यह लिवर टॉनिक स्वाद में कडवा होता है। 

लेकिन फ़िक्र न करें, कड़वाहट केवल दो तीन दिन तक ही महसूस होगी। 

बाद में आप इसे आसानी से ले पाएंगे। 

याद रखिये, अच्छे पाचन के लिए लिवर का स्वस्थ होना बेहद ज़रूरी होता है। 

लिवर की कमज़ोरी कई रोगों को जन्म दे सकती है। (देखिये शोधपत्र)

खमीरीकरण

यदि लिवर टॉनिक का खमीरीकरण होने लगता है तो आप बोतल में झाग/गैस सी बनती देखेंगे। 

जब ऐसा हो तो बोतल का ढक्कन हल्का सा खोल दें या ढीला कर दें ताकि fermentation की गैस बाहर निकलती रहे, अन्यथा बोतल फट भी सकती है। 

Fermentation के काल में इसका सेवन न करें। 

4-6 दिन बाद, जब खमीरीकरण (fermentation) क्रिया पूरी हो जाये (झाग का बनना रुक जाये) तब आप इसे पुन: उपयोग कर सकते हैं.

हाँ, अब  इसकी महक थोड़ी खटास वाली और स्वाद थोडा खट्टा सा प्रतीत होगा, जो खमीरीकरण की वजह से होता है.

खमीरीकरण के लिये आप काढ़े (क्वाथ) को थोडा ठंडा होने पर दो तीन बड़े चम्मच सामान्य सिरके या सेव के सिरके को  मिला सकते हैं। 

यह ज़रूरी नहीं कि आप सिरका अवश्य ही डालें, लेकिन सिरका डालने से खमीरीकरण जल्दी हो जाता है। 

खमीरीकृत पेय पेट के लिए अधिक लाभकारी होता  हैं, इसलिये खमीरीकृत लिवर टॉनिक भी अधिक गुणकारी माना जाता है। 

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