नीम के औषधीय गुण

नीम के औषधीय गुण – 13 उपयोगी और कारगर नुस्खे

नीम ( Botanical name: Azadirachta indica) एक बहुपयोगी वनौषधि है.

बेशक, इसका स्वाद कड़वा होता है लेकिन इसके गुण इसे एक बेहद प्रभावशाली वनस्पति का दर्जा देते  हैं।

आयुर्वेद में भी नीम को मानव के लिए अतिगुणकारी वनस्पति बताया गया है।

ये भारत की सर्वसुलभ वनौषधि है.

हिमालय के बर्फीले और ठन्डे हिस्सों को छोड़ लगभग पूरे भारत  में नीम पाया जाता है। 

नीम के औषधीय गुण

नीम के पत्तों, फलों, छाल व बीजों में Nimbidin नामक सक्रिय तत्व रहता है

जो रक्त शोधक, anti bacterial व anti fungal गुण लिये होता है.

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आयुर्वेद में नीम को शीतल वनस्पति बताया गया है,

जो पित्त हरने का सामर्थ्य रखता है और दूषित रक्त को शुद्ध करता है.

नीम के 13 उपयोगी नुस्खे

1 नीम छाल का लेप लगाने से सभी प्रकार के चर्म रोगों और घावों का निवारण होता है।

2 नीम की दातुन करने से दांत चमकदार और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं।

त्वचा विकारों के लिये

3 यदि पसीने से बदबू आती है तो रोज़ 5 नीबोली या 20 पत्ते नीम के खाएं.

पसीने की बदबू से निजात मिल जायेगी.

4 नीम की पत्तियां चबाने से रक्त का शोधन होता है,

चेहरे के कील मुहांसे ठीक होते हैं

और त्वचा विकार रहित और कांतिवान बनती है।

5 नीम की पत्तियों को पानी में उबाल लें.

इस औषधीय पानी से नहाने से चर्म विकार ठीक होते हैं.

 ये मीज़ल्स के उपचार में सहायक है और उसके विषाणु को फैलने न देने में सहायक है।

6 निम्बोली (नीम फल) से निकाले गये तेल से मालिश की जाये तो शरीर कांतिवान बनता है।

मच्छरों का इलाज

7 यदि आप रोज़ नीम की 20 पत्तियां चबायेंगे तो मच्छर भी आपको काटने से डरेंगे.

यह एक लोकप्रचलित अनुभूत उपयोग है.

100 ग्राम मिटटी के तेल में नीम के तेल का एक चम्मच मिला कर स्प्रे करने से भी मच्छरों का सफाया हो जाता है.

बालों के लिये

8 नीम के पत्तों के लेप को सिर में लगाने से फंगस, रूसी, alopacia जैसे रोग ठीक होते हैं,

बाल स्वस्थ और चमकीले रहते हैं.

बाल झड़ने की समस्या भी कम हो जाती है.

अन्य विकार

9 नीम की पत्तियों के रस को आंखों में डालने से आंख आने की बीमारी (नेत्रशोथ या कंजेक्टिवाइटिस) में लाभ मिलता है.

10 नीम की पत्तियों के रस को शहद में मिलाकर पीने से लिवर के रोग पीलिया (Jaundice, hepatitis) में फायदा होता है

11 नीम के पत्तियों के रस को कान में डालने से कान के विकारों में फायदा होता है।

12 नीम के तेल की 5 से 10 बूंदों को सोते समय दूध में डालकर पीने से अधिक पसीना आने और जलन होने सम्बन्धी विकारों में बहुत फायदा होता है।

13 नीम के बीजों के चूर्ण को खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेने से बवासीर में लाभ मिलता है।




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