मनसा वाचा, कर्मणा, मैं हूँ मेरे राम,
अर्पित तेरी शरण में, सहित कर्म शुभ काम ॥
मन चंचल, चल राम शरण में
राम ही तेरा जीवन साथी,
नित्य हितैषी, सब दिन साखी,
दो दिन के हैं, ये जग वाले,
हरि अंग संग है, जन्म मरण में ॥१॥
जग में तूने प्यार बढ़ाया,
कितना सिर पर, भार चढ़ाया,
पल–पल मुश्किल होगी रे पगले,
भवसागर के पार करन में ॥२॥
सब चिंता मिट जायें तेरी,
भज ले, तज दे, हेरा फेरी,
इक निर्दोष ठिकाना कर ले,
शरण मिले, हरि कमल चरण में ॥३॥
Blessed voice & music: Smt Prem Nijhawan
Audio generosity: Shreeramsharnam.org