गिलोय, जिसे आयुर्वेद में “अमृता” या “गुडुची” के नाम से जाना जाता है, एक सर्वगुणसम्पन्न औषधीय वनस्पति है।
यह एक ऐसी इकलौती वनस्पति है जिसका उपयोग आयुर्वेद की कई औषधियों में किया जाता है।
यह वनस्पति अपने औषधीय गुणों और रोग-प्रतिरोधक क्षमता और ताकत बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में सदियों से उपयोग किये जाती रही है।
गिलोय भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न नामों से जानी जाती है, जैसे: संस्कृत: अमृता, गुडुची, हिंदी: गिलोय, तमिल: शिंडिलकोडी, तेलुगु: तिप्पा-टीगा, मलयालम: अमृतु, कन्नड़: अमृतबल्ली, बंगाली: गुलंचा, और मराठी: गुळवेल।
अमृता के प्रमुख स्वास्थ्य लाभ निम्न प्रकार से हैं।
रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है
अमृता अथवा गिलोय शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है, जिससे शरीर बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में सक्षम होता है। यह संक्रमण से बचाने में बेहद प्रभावी जानी गई है।
तनाव और चिंता को कम करती है
गिलोय एक प्राकृतिक एडेप्टोजेन है, जो तनाव को कम करने और मानसिक शांति को बढ़ावा देने में मदद करती है।
मधुमेह प्रबंधन में सहायक
गिलोय का उपयोग आयुर्वेद में मधुमेह (मधुमेह या “मधुमेह”) को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित करती है।
पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाती है
गिलोय का सेवन पाचन को सुधारता है और कब्ज, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं को कम करती है।
अमृता है उत्तम लिवर टॉनिक
गिलोय जिगर को डिटॉक्स करता है और इसे स्वस्थ रखता है। यह जिगर की बीमारियों को रोकने में मदद करती है।
सूजन-रोधी गुण
गिलोय गठिया और अन्य सूजन संबंधी समस्याओं के इलाज में उपयोगी है। यह जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करती है।
शक्ति के लिए अमृता
गिलोय शारीरिक और मानसिक थकान को कम करके शरीर को शक्ति और ऊर्जा प्रदान करती है।
एनीमिया का इलाज
गिलोय शरीर में रक्त उत्पादन को बढ़ावा देती है, जिससे एनीमिया की समस्या को ठीक किया जा सकता है।
श्वसन तंत्र को मजबूत करती है
गिलोय अस्थमा, खांसी और ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों के लक्षणों को कम करने में मदद करती है।
अमृता से मिलती है स्वस्थ त्वचा
गिलोय के सेवन से त्वचा की चमक और स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह मुंहासे और झुर्रियों जैसी समस्याओं को कम करता है।
बुखार को नियंत्रित करती है
अमृता का उपयोग मलेरिया, डेंगू और वायरल बुखार जैसी स्थितियों में बुखार को कम करने के लिए किया जाता है।
यह शरीर को ठंडक पहुंचाकर संक्रमण से लड़ने में मदद करती है।
बालों को मजबूत करती है
गिलोय का सेवन बालों को झड़ने से बचाती है और उनकी गुणवत्ता को सुधारती है।
हृदय स्वास्थ्य में सुधार
गिलोय का नियमित सेवन रक्तचाप को संतुलित करती है और हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है।
मूत्र रोगों का इलाज
अमृता का उपयोग मूत्र संक्रमण और किडनी से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में भी किया जाता है।
अमृता में हैं कैंसर-रोधी गुण
गिलोय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और कैंसर के खतरे को कम करते हैं।
आयुर्वेद सेंट्रल की Amrita अमृता ही क्यों
- उच्च गुणवत्ता वाले घनसत्व: अमृता अधिकतम प्रभावकारिता के लिए प्रीमियम-ग्रेड गिलोय के घनसत्व (टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया एक्स्ट्रैक्ट ) से निर्मित की जाती है।
- सुरक्षित और शुद्ध: हानिकारक एडिटिव्स, प्रिजर्वेटिव्स और एलर्जेंस से मुक्त।
- परंपरा से प्रेरित: समग्र स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक सिद्धांतों के अनुरूप।
Amrita अमृता के संयोजक तत्व
प्रत्येक कैपस्यूल में उच्च सघनता युक्त गिलोय का ऑर्गैनिक घनसत्व 500mg
High potency Tinospora cordifolia (अमृता) extract 500mg
Amrita अमृता की सेवन मात्रा, विधि
1–2 कैप्सूल, खाली पेट पानी के साथ, दिन में एक या दो बार या डॉक्टर की सलाह अनुसार।
Packing
60 capsules in virgin grade HDPE jars.