वैसे तो शहद-दालचीनी के अलग अलग लेने के भी कई लाभ फायदे हैं, लेकिन दोनों का इकठ्ठा योग अधिक फायदे देने वाला रहता है.
शोध भी यह प्रमाणित करते हैं कि शहद और दाल चीनी के योग में अनेकों रोगों का निवारण करने की अदभुत शक्ति होती है.
वह इसलिए क्योकि शहद एक योगवाही औषधि का काम कर दालचीनी के प्रभाव को बढ़ा देता है.
योगवाही का अर्थ है ऐसा पदार्थ जो औषधि को शरीर की कोशिकाओं तक पहुँचाने का काम करे.
आईये जानते हैं क्यों खास होते हैं शहद व दालचीनी के इकठ्ठा उपयोग करने के फायदे…
शहद व दालचीनी के गुण
वैज्ञानिक इस तथ्य को स्वीकार कर चुके हैं कि शहद कई बीमारियों की अचूक औषधि है।
पश्चिम के वैज्ञानिक कहते हैं कि शहद मीठा जरूर है लेकिन अगर इसे सही मात्रा में सेवन किया जावे तो मधुमेह रोगी भी इससे लाभान्वित सकते हैं।
शहद धरती पर एक ऐसा पदार्थ है जो कभी खराब नहीं होता है।
और दुनिया के सभी देशों में शहद पैदा होता है।
एक बात और, शहद को कभी उबालना नहीं चाहिये , वर्ना इसमें मौजूद एन्जाईम्स नष्ट हो जाएंगे।
लेकिन कुछ उपचार ऐसे हैं जिनमें शहद को गर्म करना पड़ सकता है।
बहुत दिनों तक ठंडे और अंध्रेरे की जगह में रखा रहने पर शहद जम जाता है और क्रिस्टल्स बन जाते हैं।
इसके लिये किसी बर्तन में पानी गर्म करके उसमे शहद का पात्र कुछ समय रख दें।
शहद पिघल जाएगा।
दालचीनी को जादुई मसाला अथवा वंडर स्पाइस भी कहते हैं.
एक ओर जहां ये खाने का जायका बढ़ाने के काम आता है वहीं सेहत के लिहाज से भी इसके बहुत से फायदे हैं.
सेहत और खूबसूरती दोनों ही चीजों के लिए दालचीनी का इस्तेमाल किया जाता है.
दालचीनी में मौजूद कंपाउंड कई औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं.
जो सेहत और खूबसूरती दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं.
यूं तो दालचीनी अपने आप में ही एक अच्छी औषधि है लेकिन इसे शहद या दूध के साथ मिलाकर पीना अधिक फायदेमंद होता है.
शहद-दालचीनी के 12 बेशकीमती लाभ
1 हृदय रोगों में लाभकारी
शहद और दालचीनी के पावडर का पेस्ट बनाएं और इसे रोटी पर चुपडकर खाएं।
घी या जेली के स्थान पर यह पेस्ट इस्तेमाल करें।
इससे आपकी धमनियों में कोलेस्टरोल जमा नहीं होगा और हार्ट अटेक से बचाव होगा।
जिन लोगों को एक बार हार्ट अटेक का दौरा पड चुका है वे अगर इस उपचार को करेंगे तो अगले हार्ट अटेक से बचे रहेंगे।
इसका नियमित उपयोग करने से द्रुत श्वास की कठिनाई दूर होगी ।
हृदय की धडकन में शक्ति का समावेश होगा।
अमेरिका और कनाडा के कई नर्सिंग होम में प्रयोग किये गये हैं और यह निष्कर्ष आया है कि जैसे-जैसे मनुष्य बूढा होता है, उसकी धमनियां और शिराएं कठोर हो जाती हैं।
शहद और दालचीने के मिश्रण से धमनी काठिन्य रोग में हितकारी प्रभाव देखा गया है।
2 संधिवात (आर्थराइटिस) रोग
संधिवात रोगी दो बडे चम्मच शहद और एक छोटा चम्मच दालचीनी का पावडर एक गिलास मामूली गर्म जल से लें।
सुबह और शाम को लेना चाहिये।
कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपने शौध में कहा है कि चिकित्सकों ने नाश्ते से पूर्व एक बडा चम्मच शहद और आधा छोटा चम्मच दालचीनी के पावडर का मिश्रण गरम पानी के साथ दिया।
इस प्रयोग से केवल एक हफ़्ते में ३० प्रतिशत रोगी संधिवात के दर्द से मुक्त हो गये।
एक महीने के प्रयोग से जो रोगी संधिवात की वजह से चलने फ़िरने में असमर्थ हो गये थे वे भी चलने फ़िरने लायक हो गये।
3 मूत्राशय का संक्रमण
ब्लैडर में इन्फ़ेक्शन होने पर दो बडे चम्मच दालचीनी का पावडर और एक बडा चम्मच शहद मिलाकर गरम पानी के साथ देने से मूत्रपथ के रोगाणु नष्ट हो जाते हैं।
4 कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिये
बढे हुए कोलेस्ट्रॉल आधा टीस्पून दालचीनी पावडर में शहद मिलाकर आधा लिटर मामूली गरम जल के साथ लें।
इससे सिर्फ़ 2 घंटे में खून का कोलेस्टरोल लेविल 5 से 10 प्रतिशत तक नीचे आ जाता है।
और दिन मे तीन बार लेने से कोलेस्टरोल बढे हुए पुराने रोगी भी ठीक हो जाते हैं।
5 पेट के रोग
शहद और दालचीनी के पावडर का मिश्रण लेने से पेट दर्द और पेट के अल्सर जड से ठीक हो जाते हैं।
जापान और भारत में किये गये रिसर्च में साबित हुआ है कि दालचीनी और शहद के प्रयोग से उदर की गैस का भी समाधान हो जाता है।
6 मुहांसे
तीन बडे चम्मच शहद और एक चाय चम्मच दालचीनी पावडर का पेस्ट बनाएं।
रात को सोते वक्त चेहरे पर लगाएं। सुबह गरम जल से धोलें।
दो हफ़्ते के प्रयोग से मुहासे समाप्त होकर चेहरा कांतिमान दिखेगा।
7 त्वचा विकार
दालचीनी और शहद समान भाग लेकर मिश्रित कर एक्ज़ीमा, दाद जैसे चर्म उद्वेग पर लगाने से अनुकूल परिणाम आते हैं।
8 मोटापा निवारण
एक चाय चम्मच दाल चीनी पावडर एक गिलास जल में उबालें
फ़िर आंच से उतारकर इसमें दो बडे चम्मच शहद मिलाकर सुबह नाश्ते से ३० मिनिट पूर्व सुहाता गरम पीयें।
ऐसा ही रात को सोने के पहिले करना है।
यह उपचार नियमित लेने से शरीर की अनावश्यक चर्बी समाप्त होती है और अधिक केलोरी वाला भोजन लेने पर भी शरीर में चर्बी नहीं बढती है।
9 कैंसर से बचाते हैं शहद-दालचीनी
जापान और आस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने अमाशय और अस्थि कैंसर की बढी हुई स्थिति को दालचीनी और शहद का उपयोग से पूरी तरह काबू में किया है।
ऐसे रोगियों को एक बडा चम्मच शहद और एक चाय चम्मच दालचीनी के पावडर गरम जल के साथ एक माह तक लेना चाहिये।
10 अर्ध-बहरापन में सहायक
कम सुनने के रोग में दालचीनी और शहद बराबर मात्रा में लेने से फ़यदा होता है।
इसे दिन में दो बार लेना हितकर होता है।
11 दीर्घ जीवन देते हैं शहद-दालचीनी
लंबी उम्र के लिये दालचीनी और शहद की चाय नियमित उपयोग करें।
तीन गिलास पानी उबालें।
इसमें तीन चाय चम्मच के बराबर शहद और एक चाय चम्मच के बराबर दालचीनी का पावडर मिलाएं।
इस चाय का एक चौथाई गिलास हर तीसरे घंटे पीयें।
इससे त्वचा स्वच्छ और झुर्री रहित बनाने में मदद मिलती है।
यह बुढापे को दूर रखने का सर्वोत्तम उपाय भी है।
दीर्घ जीवन की कामना रखने वाले लोग 100 की उम्र में भी थिरकते दिखेंगे।
12 प्रतिरक्षा तंत्र शक्तिशाली बनाता है
शहद और दालचीनी के उपयोग से इम्युन सिस्टम ताकतवर बनता है।
खून मे सफ़ेद कणों की वृद्धि होती है जो रोगाणु और वायरस के हमले से शरीर की सुरक्षा करते है।
जीवाणु और वायरल बीमारियों से लडने की ताकत बढती है।
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