भारतवर्ष में शहद का वितरण व बिक्री काफी हद तक स्थानीय स्रोतों से की जाती है. इसलिए आपको शुद्ध शहद की पहचान के घरेलू मापदंड पता होने चाहिये.
क्योकि इस प्रकार के स्रोत का शहद किसी मानक प्रयोगशाला से प्रमाणित नहीं होता,
इस कारण गुणवत्ता को लेकर एक संशय भाव बना रहता है.
इस लेख में जानेंगे, कैसे आप घर पर ही शहद की गुणवत्ता की परख कर सकते हैं.
शहद के गुण
शहद अथवा मधु (Honey) बेहद गुणकारी औषधि व आहार है.
यह प्रकृति की एक मधुर देन है जिसे मधुमक्खियां फूलों के पराग में अपनी लार के एंजाइम मिलाकर छत्ते के कोषों में एकत्र करती हैं.
पराग व एंजाइमस की क्रियास्वरूप कुछ समय बाद शहद बनता है।
इसका स्वाद बेहद मीठा होता है।
दूध के बाद शहद ही ऐसा आहार है जो उत्तम एवं संतुलित भोजन की श्रेणी में आता है.
शहद में वे सभी तत्व पाए जाते हैं जो एक संतुलित आहार में होने चाहिये.
यद्यपि शहद में कई पोषक तत्व होते हैं लेकिन इसमें उपलब्ध एंजाइम ही इसे विशेष उपयोगी बनाते हैं.
शहद में लगभग 82 % शर्करा (Sugar) होती है जिसमें से फ्रक्टोस, ग्लूकोज, सुल्फोज, माल्टोज, लेक्टोज आदि प्रमुख हैं।
इसमें आयरन, पोटैशियम, सोडियम व फाइबर बहुत कम मात्रा में पाए जाते हैं।
शहद वात और कफ को नियंत्रित करता है तथा रक्त व पित्त को सामान्य रखता है।
यह नेत्र ज्योति को बढ़ाता है, प्यास को शांत करता है, कफ का सुगम निस्सारण करता है और शरीर की विषाक्तता को कम करता है।
शहद मूत्रमार्ग की व्याधियों तथा निमोनिया, खाँसी, डायरिया, दमा आदि में बहुत उपयोगी होता है।
शुद्ध शहद की पहचान – ये हैं तरीके
1 एक भ्रान्ति है कि यदि शहद जम जाए तो वो नकली होता है.
लेकिन ये हमेशा सही नहीं होता है.
वास्तव में शुद्ध शहद घी की भांति होता है.
सर्दियों में जम जाता है व गर्मियों में तरल रहता है.
यदि गर्मियों में भी आपका शहद जम जाता है तो गुणवता ज़रूर संदिग्ध है.
2 काँच के एक साफ गिलास में पानी भरकर उसमें शहद की एक बूँद टपकाएँ।
अगर शहद नीचे तली में बैठ जाए तो यह शुद्ध है और यदि तली में पहुँचने के पहले ही घुल जाए तो शहद अशुद्ध है.
3 शुद्ध शहद में मधुमक्खी गिरकर फँसती नहीं बल्कि फड़फड़ाकर उड़ जाती है.
4 शुद्ध शहद आँखों में लगाने पर थोड़ी जलन होगी, परंतु चिपचिपाहट नहीं होगी.
5 शुद्ध शहद कुत्ता सूँघकर छोड़ देगा, जबकि अशुद्ध को चाटने लगता है।
6 शुद्ध शहद का दाग कपड़ों पर नहीं लगता।
7 शुद्ध शहद दिखने में पारदर्शी होता है।
लेकिन ये सदैव सही नहीं.
क्योकि कुछ किस्म के पराग का शहद धुन्दला भी हो सकता है.
8 शीशे की प्लेट पर शहद टपकाने पर यदि उसकी आकृति साँप की कुंडली जैसी बन जाए तो शहद शुद्ध है.
बाज़ार में उपलब्ध शहद
बाज़ार में कई कंपनियों के शहद मिलते हैं.
सभी अपने अपने दावे करते हैं.
कुछ सही तो कुछ भ्रामक भी.
लेकिन इन सब की गुणवत्ता FSSAI की वेबसाइट से जानी जा सकती है. (1)
हाल ही में एक कम्पनी ने यह कह कर जनचेतना में भ्रम पैदा कर दिया कि उनके द्वारा बेचा जाने वाला शहद अन्य ब्रांड्स से बेहतर और सस्ता है.
लेकिन उनहोंने यह आज तक नहीं बताया कि क्यों उनके शहद FSSAI के मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं.
वे भ्रम पैदा करते हैं और कहते हैं कि उनका शहद FSSAI के 100 से अधिक मानकों पर खरा उतरा है,
लेकिन यह कभी नहीं बताते कि क्यों इनका शहद FSSAI के सभी मानकों पर खरा क्यों नहीं उतरता है. (2)
शहद के फायदे और उपयोग
1 प्रातःकाल शहद-नींबू पानी के सेवन से कब्ज दूर होता है, रक्त शुद्ध होता है और मोटापा कम होता है.
2 शहद के नियमित उपयोग से शरीर स्वस्थ, सुंदर, बलवान, स्फूर्तिवान बनता है और दीर्घजीवन प्रदान करता है.
3 शहद को घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं।
ये इसमें उपलब्ध जीवाणुरोधी एंजाइम के कारण होता है.
4 ऐसी मान्यता है कि गर्भावस्था में महिलाओं द्वारा शहद का सेवन करने से संतान स्वस्थ एवं मानसिक दृष्टि से अन्य शिशुओं से श्रेष्ठ होती है.
5 त्वचा पर निखार लाने के लिए गुलाब जल, नींबू और शहद मिलाकर लगाना चाहिए.
6 गाजर के रस में शहद मिलाकर लेने से नेत्र-ज्योति में सुधार होता है.
7 उच्च रक्तचाप में लहसुन और शहद लेने से रक्तचाप सामान्य होता है.
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