कब्ज kabj ke gharelu upchar nuskhe upay

कब्ज निवारण के 18 कारगर घरेलू उपाय

अनियमित दिनचर्या, खान-पान के कारण कब्ज की समस्या एक आम बीमारी की तरह व्याप्त है।

यह पाचन तन्त्र का प्रमुख विकार भी है।

यह रोग किसी व्यक्ति को किसी भी आयु में हो सकता है.

लेकिन महिलाओं और बुजुर्गों में इस रोग की प्रधानता पाई जाती है।

रोगियों में पेट फ़ूलने की शिकायत भी साथ में देखने को मिलती है।

कब्ज़ रोग के लक्षण

मनुष्यों मे मल निवृति की फ़्रिक्वेन्सी अलग अलग पाई जाती है।

किसी को दिन में एक बार मल विसर्जन होता है तो किसी को दिन में 2-3 बार।

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कुछ लोग हफ़्ते में 3 या 4 बार मल विसर्जन करते हैं।

अधिक कठोर और सूखा मल जिसको बाहर धकेलने के लिये जोर लगाना पडे, कब्ज़ रोग कहलाता है।

कब्ज निवारण के कारगर उपाय

कब्ज़ के उपाय बड़े ही सहज हैं।

कुछेक नुस्खे इस्तेमाल करने से इसका निवारण हो जाता है और इससे होने वाले रोगों से भी बचाव भी हो जाता है।

यह उपाय मौसमी फलों, सब्जियों और पेय आहारों के हैं जो आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं.

कब्ज़ में लाभकारी फल

अमरूद और पपीता ये दोनो फ़ल कब्ज रोगी के लिये अमॄत समान है।

ये फ़ल दिन मे किसी भी समय खाये जा सकते हैं।

इन फ़लों में पर्याप्त रेशा होता है और ये आंतों को शक्ति भी देते हैं।

इन्हें लेने से मल आसानी से विसर्जित हो जाता है।

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अंजीर एक कब्ज हरण फ़ल है।

3-4 अंजीर फ़ल रात भर पानी में गलावें।

सुबह खाएं।

यह आंतों को गतिमान कर कब्ज का निवारण करता है।

3 अंगूर मे भी कब्ज निवारण के गुण होते हैं।

सूखे अंगूर ( किश्मिश) पानी में 3 घन्टे गलाकर खाने से आंतों को ताकत मिलती है और हाजत आसानी से आती है।

जब तक बाजार मे अंगूर मिलें नियमित रूप से उपयोग करते रहें।

4 पका हुआ बिल्व अथवा बेल का फ़ल (botanical name: Aegle marmelos) कब्ज के लिये श्रेष्ठ औषधि है।

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इसे पानी में उबालें।

फ़िर मसलकर रस निकालकर नित्य 7 दिन तक पियें। कब्ज़ मिट जायेगी।

5 नींबू भी कब्ज में गुण्कारी होता है।

मामुली गरम जल में एक नींबू निचोडकर दिन में 2-3 बार पियें।

या फिर नीम्बू का अचार खाएं. जरूर लाभ होगा।

शाक सब्जियां अधिक खायें

6 सब्जियों में भिन्डी, तोरी, गाजर, मटर, लौकी, सब प्रकार के पत्तों के साग,  प्रतिदिन खाने से कब्ज में लाभ होता है।

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7 पालक का रस या पालक कच्चा खाने से कब्ज नाश होता है।

एक गिलास पालक का रस रोज पीना उत्तम है।

पुरानी कब्ज भी इस सरल उपचार से मिट जाती है।

8. सब प्रकार के पत्तों के सूप भी कब्ज़ में लाभकारी होते हैं.

दूध का सेवन

9 सोते समय ठंडा या कुनकुना दूध पियें.

ठंडा या कुनकुना दूध कब्ज़ निवारक होता है, जबकि अधिक गरम दूध कब्ज़ कारक.

10. रात को सोते समय एक गिलास कुनकुना गरम में 2 -3 चम्मच केस्टर आईल (अरंडी तेल) मिलाकर पियें।

मल आंतों में चिपक रहा हो तो यह नुस्खा परम लाभकारी है। लेकिन, अरंडी का तेल कभी कभार ही लेना चाहिये।

इसकी आदत हो जाने पर आंतों की सामान्य गतिशीलता कम हो जाती है, और फिर बिना अरंडी के तेल के काम ही नहीं चलता।

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11 एक गिलास दूध में 1-2 चम्मच घी मिलाकर रात को सोते समय पीने से भी इस रोग का समाधान होता है।

12 एक कप कुनकुने गरम दूध मे 1 चम्म्च शहद मिलाकर पीने से कब्ज मिटती है।

दूध शहद का यह योग दिन मे 3 बार पीना हितकर है।

भरपूर पानी पियें

13 कब्ज का मूल कारण शरीर मे तरल की कमी होना है।

पानी की कमी से आंतों में मल शुष्क हो जाता है और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है।

अत: इससे परेशान रोगी को 24 घंटे मे, मौसम के अनुसार, 3 से 5 लिटर पानी पीने की आदत डालनी चाहिये।

इससे रोग निवारण मे बहुत मदद मिलती है।

14. जल्दी सुबह उठकर एक लिटर हल्का गरम पानी पीकर 2-3 किलोमीटर घूमने जाएं। बहुत बढिया उपाय है।

फाइबर युक्त आहार लें

15 भोजन में रेशे यानि फाइबर की मात्रा अधिक रखने से कब्ज का निवारण होता है।

हरी पत्तेदार सब्जियों और फ़लों में प्रचुर रेशा पाया जाता है।

भोजन मे करीब 40 से 70 प्रतिशत तक हरी शाक या फ़ल या दोनो चीजे शामिल करें।

16 इसबगोल की की भूसी कब्ज में परम हितकारी होती है।

दूध या पानी के साथ 2-3 चम्मच इसबगोल की भूसी रात को सोते वक्त लेना फ़ायदे मंद है।

यह एक कुदरती रेशा है और आंतों की सक्रियता बढाता है।

17 एक और बढिया तरीका है। अलसी के बीज  भी आहारीय फाइबर से भरपूर होते हैं.

अलसी का मिक्सर में पावडर बना लें।

एक गिलास पानी में इस  पावडर के करीब 20 ग्राम डालें और 3-4घन्टे तक गलने के बाद छानकर यह पानी पी जाएं।

बेहद उपकारी ईलाज है।

18 भोजन में तेल और घी की मात्रा का उचित स्तर बनाये रखें।

चिकनाई युक्त पदार्थ पेट को साफ़ रखने में लाभकारी होते हैं.


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