पोषण का भण्डार, अलसी - शोध आधारित 7 गुण alsi ke aushdhiy gun labh fayde upyog

पोषण का भण्डार, अलसी – शोध आधारित 7 गुण

अलसी (Flax seed या flax एक अति पौष्टिक आहार है.

ये बात अलग है कि पिछले कुछ दशकों में भारतीय आहारीय शैली में, इसका उपयोग घटा है.

पश्चिमी देशों व अमेरिका में इसका रुझान इतना अधिक बढ़ा है कि इसे एक सुपर फूड कहा जाने लगा है.

यह इसलिए क्योंकि इसमें रोग निवारक ओमेगा 3 (Omega 3), फाइबर और अन्य कई विशिष्ट वानस्पतिक योग (compounds) मिलते हैं.(1, 2, 3)

पोषण का भण्डार, अलसी - शोध आधारित 7 गुण alsi ke aushdhiy gun labh fayde upyog अलसी के स्वास्थ्य लाभ alsi ke fayde nuksan

Alsi को english में Flaxseeds, common flax और linseeds (botanical name: Linum usitatissimum) कहते हैं.

अतसी, उमा, क्षुमा, पार्वती, नीलपुष्पी, तीसी आदि नामों से भी अलसी को जाना जाता है.

लोक मान्यता के अनुसार Alsi को दुर्गा का पांचवा रूप भी बताया गया है.

एक मत के अनुसार, प्राचीनकाल में नवरात्री के पांचवे दिन स्कंदमाता यानी अलसी की पूजा की जाती थी और इसे प्रशाद के रूप में बांटा जाता था.

जिसके खाने से वात, पित्त और कफ तीनों रोग दूर होते थे और जीते जी मोक्ष की प्राप्ति हो जाती थी.

इस लेख में जानते हैं, क्या है अलसी के औषधीय गुण उपयोग व लाभ फायदे…

अलसी के पोषक तत्व (Nutritional facts of flax seeds)

(प्रति 100 ग्राम मात्रा)

  मात्रा
Calories 534
Water 7 %
Protein 18.3 g
Carbs 28.9 g
Sugar 1.6 g
Fiber 27.3 g
Fat 42.2 g
Saturated 3.66 g
Monounsaturated 7.53 g
Polyunsaturated 28.73 g
Omega-3 22.81 g
Omega-6 5.9 g
Trans fat ~

विटामिन्स

  मात्रा प्रतिशत नित्यमान
Vitamin A 0 µg ~
Vitamin C 0.6 mg 1%
Vitamin D 0 µg ~
Vitamin E 0.31 mg 2%
Vitamin K 4.3 µg 4%
Vitamin B1 (Thiamine) 1.64 mg 137%
Vitamin B2 (Riboflavin) 0.16 mg 12%
Vitamin B3 (Niacin) 3.08 mg 19%
Vitamin B5 (Panthothenic acid) 0.99 mg 20%
Vitamin B6 (Pyridoxine) 0.47 mg 36%
Vitamin B12 0 µg ~
Folate 87 µg 22%
Choline 78.7 mg 14%

मिनरल्स

  मात्रा प्रतिशत नित्यमान
Calcium 255 mg 26%
Iron 5.73 mg 72%
Magnesium 392 mg 98%
Phosphorus 642 mg 92%
Potassium 813 mg 17%
Sodium 30 mg 2%
Zinc 4.34 mg 39%
Copper 1.22 mg 136%
Manganese 2.48 mg 108%
Selenium 25.4 µg 46%

ओमेगा 3 का महत्व ( Omega-3 Fatty Acids)

अच्छी सेहत के लिये ओमेगा 3 बेहद ज़रूरी तत्व हैं. ह्रदय रोग, रक्त विकार जैसे कि प्लेटलेट्स के कार्यकलाप, सूजन (inflammation) के रोग जैसे आर्थराइटिस (Arthritis),  ब्लड प्रेशर इत्यादि की रोकथाम में ओमेगा 3 का योगदान एक प्रमाणित तथ्य है.

पौधों से प्राप्त होने वाले  ALA fatty acids भी मछली के तेल की भांति ( EPA व DHA संतृप्त ) ह्रदय रोग निवारण में लाभकारी सिद्ध हुए हैं  (456).

एक महत्पूर्ण बात, अलसी के omega-3 की क्षमता कम रहती है.

वह इसलिए, क्योकि अलसी में उपलब्ध ALA को हमारे शरीर में  EPA व  DHA में परिवर्तित होना चाहिए,

जो कि एक जटिल और अप्रभावी क्रिया है.  (789).

ओमेगा 3 के महत्व पर विस्तृत लेख इस लिंक पर देखिये

https://ayurvedcentral.com/health-benefits-of-omega-3-in-hindi/

कार्बोहायड्रेटस और फाइबर

अलसी में 29% तक कार्बोहायड्रेट मिलते हैं जिनमें भारी भरकम  95% तक फाइबर होता है.

पचने योग्य कार्बोहायड्रेट केवल 1.5 ग्राम ही होते हैं, जिस कारण यह एक low carbohydrate आहार भी कहलाती है.

अलसी के दो बड़े चम्मच से नित्य ज़रूरत का लगभग 15–25% तक फाइबर मिल जाता है. (10).

इसमें में 20–40% घुलनशील fiber (mucilage gums) और 60–80% अघुलनशील fiber (cellulose and lignin) मिलता है (11).

घुलनशील फाइबर blood sugar व cholesterol levels को नियंत्रित करता है.

यह पाचन क्रिया के लिये भी लाभकारी रहता है क्योकि यह पाचन तंत्र के बैक्टीरिया  को आहार देता है.  (1213).

पानी के साथ मिलने पर, अलसी में मिलने वाली mucilage gums गाढ़ी गोंद जैसी बन जाती हैं.

ये अघुलनशील फाइबर के साथ मिलकर एक बेहतर पेट साफ़ करने का कार्य भी करती है.

और जब पेट नियमित होगा तो कब्ज़ नहीं होगी और डायबिटीज जैसे रोगों से भी बचाव होगा (141516).

आहारीय फाइबर के गुण, किस्में व लाभ इस लिंक पर देखिये

आहारीय फाइबर की अहमियत और 6 प्रमाणित स्वास्थ्य लाभ

लिगनान्स (Lignans)

लिगनान्स  लगभग हर वनस्पति में मिलते हैं जो एंटीऑक्सीडेंट व फाइटो एस्ट्रोजन (antioxidants and phytoestrogens) का कार्य करते हैं.

लेकिन अन्य की अपेक्षा अलसी में इनकी मात्रा 800 गुना तक अधिक पायी जाती है. (17).

क्योकि यह दोनों रक्त में शुगर  और वसा की मात्रा को नियंत्रित करते हैं,

इसलिए आहार में इनकी उपलब्धता से ह्रदय रोग, डायबिटीज व कई अन्य मेटाबोलिक रोगों की रोकथाम होती है. (18).

आँतों के बैक्टीरिया लिग्नंस का खमीरिकरण (fermentation) कर देते हैं जिससे यें कई प्रकार के हॉर्मोन सम्बन्धी कैंसरों (जैसे स्तन, uterus, प्रोस्टेट के कैंसर) से बचाव करने में सहायक हो जाते हैं. (19,20).

अलसी के औषधीय गुण – शोध आधारित विशेष लाभ

वैसे तो अलसी खाने के कई फायदे हैं, जिन्हें अलसी के चमत्कार कहा जाता है, लेकिन उन सब में से निम्न 7 विशेष हैं जिन पर वैज्ञानिक शोधों की मुहर लग चुकी है:

1 मोटापा घटाने में सहायक

अलसी एक उत्तम weight loss आहार है.

इसमें उपलब्ध फाइबर पेट के भरे होने का अहसास करते है जिस कारण लम्बे समय तक भूख नहीं लगती. (2122).

alsi-ke-gun-fayde अलसी के फायदे लाभ

एक शोध के मुताबिक, अन्य वज़न घटाने वाले आहारों की अपेक्षा अलसी लेने से inflammatory markers में 25–46% की कमी पाई गयी (23).

2 ह्रदय के लिये लाभकारी

Omega-3 fatty acids, lignans और फाइबर के कारण अलसी  ह्रदय के स्वास्थ्य के लिये एक उत्तम आहार है.


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3 कोलेस्ट्रॉल नियंत्रक

मानव शोधों से प्रमाणित हुआ है की अलसी के सेवन से cholesterol स्तरों में 6–11% तक की कमी आ जाती है.

इन  शोधों से ये भी पता चला कि  LDL particles में  9–18%  तक की कमी अलसी के उपयोग से आ जाती है (24252627).

कोलेस्ट्रॉल की विस्तृत जानकाकोलेस्ट्रॉलरी के लिये इस लिंक को देखें

कोलेस्ट्रॉल – जानिए सब कुछ और इसके आसान नियंत्रण उपाय भी

4 उच्च रक्तचाप में लाभकारी

बहुत सारे शोधों के परिणाम साबित करते हैं कि High blood pressure कण्ट्रोल करने में अलसी से बेहतर कोई अन्य आहार नहीं. (2829303132).

छ: महीने तक चले एक अध्ययन ने पाया कि अलसी के सेवन से उच्च रक्तचाप के रोगियों के systolic blood pressure (SBP) में 10 mmHg व diastolic pressure (DBP) में 7 mmHg की कमी दर्ज हुई.

इस अध्ययन में शामिल वे लोग जिनका आरंभिक SBP 140 mmHg से अधिक था उन्हें 15 mmHg की कमी मिली, जबकि उनके DBP में 7 mmHg की कमी दर्ज की गयी.  (33).

रक्तचाप की पूरी जानकारी इस लेख में देखिये

रक्तचाप (Blood Pressure) – जानिये, क्या हैं बचने के आसान उपाय

5 डायबिटीज (Diabetes) में कारगर

World Health Organization के अनुसार सन 2012 में प्रत्येक 10 में से 1 व्यस्क व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित पाया गया.   (34).

अध्ययन दिखाते हैं कि टाइप 2 डायबिटीज के लोग यदि 10-20 ग्राम पिसी अलसी का सेवन नित्य करें तो 1-2 मह बाद उनकी ब्लड शुगर में 19.7% तक का सुधार आ जाता है. (3536).

लेकिन, सभी शोधों ने अलसी को डायबिटीज की ब्लड शुगर व इन्सुलिन स्तरों में लाभकारी नहीं पाया है.  (37).

डायबिटीज नियंत्रण के उपायों के लिये इस लिंक के लेख को देखिये

डायबिटीज़ नियंत्रण – अपनाईये ये 15 आसान तरीके

6 पाचन स्वास्थ्य (Digestive Health) के लिये उत्तम

अतिसार, दस्त (Diarrhea) कब्ज़ (constipation) तथा पेट की अन्य गड़बड़ियाँ जैसे अफारा, एसिडिटी इत्यादि, अक्सर  संकटदाई पाचन तंत्र विकृतियाँ समझी जाती हैं, जो सामान्य स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती हैं.

अमेरिका में 2–7% लोग अतिसार व 12–19% लोग कब्ज़ से त्रस्त रहते हैं. यूरोप के आंकड़ों के अनुसार लगभग 27% लोग इनसे प्रभावित रहते है.(3839).

भारत के आंकड़े उपलब्ध नहीं हो पाए हैं, लेकिन यह समस्या इससे भी अधिक हो सकती है.

यह इसलिए क्योकि हम एक उष्णकटिबंधीय (tropical) देश हैं जहाँ पेट के रोग अधिक उग्र होते हैं.

कई शोधों ने पाया है कि अलसी के सेवन से अतिसार और कब्ज़ दोनों में राहत मिलती है.(404142).

अघुलनशील फाइबर मल को विष्टंभी बना कर भार प्रदान कर देता है जिससे यह दस्त और कब्ज़ दोनों को नियंत्रित कर सकने में समर्थ रहता है.(4344).

7 कैंसर रोधी Prevents Cancer

टेस्ट ट्यूब ( Test tube ) व जानवरों पर किये अध्ययन इंगित करते हैं कि अलसी का सेवन कई प्रकार के कैंसर बनने से रोक सकता है, जैसे कि आंत, स्तन, त्वचा व फेफड़ों के कैंसर. (4546).

अलसी के उपयोग से प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) में भी रक्षात्मक प्रभाव देखने को मिले हैं. (4748).

अलसी के बीज खाने का तरीका

यह कई तरीकों से उपयोग की जा सकती है. सभुत खाना, लड्डू बनाना, अंकुरित कर खाना, या तेल का सेवन सभी,अलसी के असरकारी नुस्खे माने जाते हैं. 

इसे पीसकर रोटी, दाल, सब्जी में मिलाकर लिया जा सकता है.

इसके स्वादिष्ट लड्डू व चिक्की गच्चक भी बनते हैं.

अलसी को अंकुरित करके भी खाया जाता है.

अंकुरित अलसी के फायदे भी अधिक होते हैं क्योंकि अंकुरण से विटामिन E भी उत्पन्न होता है जो कि एक उत्तम एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है.

इसे भूनकर भी खाया जाता है.

अलसी के लाभ लेने के लिये इसकी नित्यप्रति दो बड़े चम्मच (tablespoons) की मात्रा पर्याप्त है.

मोटापा घटाने के लिए यह मात्रा बढ़ा कर दिन में तीन बार दो बड़े चम्मच की होनी चाहिए.

ओमेगा 3 पाने के लिये आधा चम्मच अलसी का तेल के फायदे अधिक माने जाते हैं.

सुबह खाली पेट अलसी खाने के फायदे अधिक होते हैं.

अलसी के दुष्प्रभाव

ऐसा नहीं है कि अलसी को एक सुपरफ़ूड मानकर इसका उपयोग अंधाधुन्द करना चाहिए.

इसका नियमित उपयोग दो बड़े चम्मच से अधिक करने की ज़रूरत नहीं.

कुछेक को या विशेष परिस्थितियों में अलसी खाने से नुकसान भी हो जाते हैं.

थाइरोइड समस्या, दवाओं के साथ दुष्प्रभाव, गर्भावस्था, एलर्जी इत्यादि में अलसी नुक्सान भी दे सकती है.

इस लेख में जानिये क्या हैं अलसी के दुष्प्रभाव.

https://ayurvedcentral.com/%E0%A4%85%E0%A4%B2%E0%A4%B8%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%87-6-%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B5-%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%95/

सारशब्द

अलसी का नित्य उपयोग स्वास्थ्य के लिये अति लाभकारी है.

यदि आपको अलसी सूट करती है तो इसके सेवन से कई रोगों से बचा जा सकता है व उत्तम स्वास्थ्य पाया जा सकता है.


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