शिव विवाह का गायन और श्रवण को अनंत शुभ कारक माना गया है.
वेदों में शंकर, शिव, शम्भू , भोलेनाथ, को ऐसा देवता बताया गया है जिन्हें सबका हितकारी माना गया है.
यह एक ऐसी सत्ता का नाम है जिसे सबका शुभकारक जाना गया है.
लोक गाथाओं में इस सत्ता को एक ऐसे रूप में पेश किया गया है जो आमजन की समझ में ऐसे आये कि जैसे शिव भगवान् देवता न होकर एक साधारण देव ही हों
आनंद लीजिये इस गायन का, जो प्रभु शंकर के माता पार्वती के साथ विवाह के सन्दर्भ में हरयाणा में गया जाता है.
अनुपम गायन के लिए आदरणीय पंडित सोमनाथ जी शर्मा का अतिशय आभार,
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माता पार्वती और भोलेनाथ की अन्य प्रेरणादायी कथा इस लिंक पर देखी जा सकती है.
माता पार्वती और शिवजी का प्रसंग
अतिशय धन्यवाद
बेहतरीन, आपका अतिशय आभार
कमाल है, आज तक नहीं सुना था. धन्यवाद
jo is vyah ko dekhega voh bada bhagyashali hoga…. sahi hai, ati sunder