अखरोट (Walnut) एक बेहतरीन मेवा गिरी है, जिसमें सब से अधिक ओमेगा 3 मिलता है.
इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण भी दूसरे कई आहारों से अधिक रहते हैं.
मस्तिष्क स्वास्थ्य, ह्रदय स्वास्थ्य और कैंसर रोधी गुण अखरोट खाने के फायदे अथवा लाभ में मुख्य माने जाते हैं (1).
यह अधिकतर बिना पकाये अर्थात कच्चे ही खाए जाते हैं.
कभी कभी इनका समावेश सलाद, खीर, नाश्ते के अन्नों के साथ या सूप इत्यादि में भी किया जाता है.
अखरोट (अंग्रेजी में Walnut; botanical name : Juglans regia) एक पेड़ प्रजाति के फल की गिरी हैं, जिनका मूल आभ्यंतरिक क्षेत्र (Mediterranean region) व मध्य एशिया माना जाता है.
इनसे एक विशेष महंगा तेल walnut oil भी बनता है जिसे पश्चिम देशों में सलाद इत्यादि में उपयोग किया जाता है.
अखरोट (Walnut) – पोषण तथ्य
अखरोट में लगभग 65% तक तैलीय तत्व रहते हैं.
जबकि कम मात्रा में अथवा 15% प्रोटीन भी मिलता है.
इसके पोषक तत्वों की विस्तृत जानकारी USFDA की वेबसाइट पर देखी जा सकती है (2).
क्यों माने जाते हैं अखरोट (Walnut) विशेष लाभकारी
यद्यपि अखरोट में काफी अधिक तेल मिलता है, लेकिन शोध बताते हैं कि इनके सेवन से मोटापे में राहत मिलती है (3, 4).
इनमें अपेक्षाकृत अधिक ओमेगा 3 पाया जाता है जिसे अल्फा लिनोलिक एसिड (ALA) कहते हैं.
अखरोट में कुल तेल का 8–14% तक ओमेगा 3 रहता है. (2, 5, 6, 7).
वास्तव में, अखरोट ही एक ऐसा इकलौता मेवागिरीआहार है जिसमें सबसे अधिक ओमेगा 3 मिलता है (8).
ओमेगा 3 को ह्रदय के अच्छे स्वास्थ्य का कारक माना जाता है.
यह सूजन को भी कम करता है जिस कारण बढ़ती उम्र में कई रोग घेरने कगते हैं (8, 9).
ओमेगा 3 के विशेष लाभ इस लेख में देखें
अन्य मेवागिरियों की अपेक्षा अखरोट में एक विशेष प्रकार का अति लाभकारी गामा टोकोफ़ेरॉल (gamma-tocopherol) नामक विटामिन E पाया जाता है (17, 18).
अखरोट उत्तम प्रकार के एंटीऑक्सीडेंटस से तृप्त पाए जाते हैं जो इनकी भूरी त्वचा पर जमे रहते हैं.
एक अध्ययन के अनुसार, एंटीऑक्सीडेंटस के मामले में, अमरीका के 1113 आहारों में से अखरोट को दूसरे स्थान पर रखा गया;
पहले स्थान पर ब्लैकबेरी रही (19, 20).
अखरोट (Walnut) के विशेष लाभ गुण
वास्तव में, अखरोट में पाए जाने वाले विशेष वानस्पतिक योग ही इसे विशिष्ठ बनाते हैं जिनमे मुख्य निम्नलिखित के कई लाभ प्रमाणित हो चुके हैं:
Ellagic acid (21, 22, 23)
ह्रदय के लिये हितकारी
विस्तृत सन्दर्भ में ह्रदय रोग एक रक्त धमनियों व रक्त कोशिकाओं से जुदा रोग है.
इसे अच्छी जीवन शैली व आहार से रोका जा सकता है (30, 31, 32).
अखरोट खाने से ह्रदय रोग से बचा जा सकता है क्योकि यह:
1 LDL अथवा घातक कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं (33, 34, 35, 36, 37).
2 धमनियों व रक्त कोशिकाओं की सूजन को घटाते हैं (8, 36).
3 रक्त कोशिकाओं की कर्कुश्लता बढ़ा कर धमनियों में प्लाक जमने से रोकते हैं (38, 39, 40).
कैंसर रोधी
कैंसर रोगों का एक समूह है जिसमें बिगड़ी कोशिकाओं की आसमान्य बढ़ोतरी होने लगती है.
अखरोट में विशिष्ट गुण तत्व होने के कारण इन्हें कैंसर से बचने का उत्तम आहार माना गया है (41).
अखरोट के निम्न वर्णित बायोएक्टिव योग कैंसर रोधी पाए गए हैं:
Gamma-tocopherol (44).
Omega-3 fatty acids (45, 46, 47).
Ellagic acid और सम्बंधित योग (23, 48).
Various antioxidant polyphenols (49).
शोधों ने सिद्ध किया है कि अखरोट मेंवे गिरियाँ गुदा, किडनी, छाती व प्रोस्टेट कैंसर से बचाने में सहायक हो सकती हैं (49, 50, 51, 52, 53, 54).
कई सारे अन्य जारी शोध अभी मानव परीक्षणों से गुजरने बाकी भी हैं.
मस्तिष्क स्वास्थ्य
बुजुर्गों पर हुए एक शोध ने अखरोट को समझ व स्मृति बढाने वाला पाया है (55).
एक अन्य शोध में Alzheimer’s disease से ग्रस्त चूहों को जब 10 महीने तक अखरोट खिलाये गए तो उनकी यादाश्त व सीखने समझने की क्षमता में आश्चर्यजनक सुधार देखा गया (56).
बूढ़े चूहों पर हुए एक अन्य शोध ने पाया कि दो माह तक अखरोट खिलाने के बाद उनकी आयु सम्बंधित क्षीण तालमेल में सुधार हुआ था (57, 58).
इन सभी शोधों ने परिणामों के पीछे अखरोट में उपलब्ध ओमेगा3 व एंटीऑक्सीडेंटस को सुधार का मुख्य कारण माना (59, 60).
बढ़िया नींद में सहायक
अखरोट में पाये जाने वाले अवयव Melatonin को बेहतर नीद के लिए लाभकारी पाया गया है.
यह एक हॉर्मोन है जिसका उत्पादन pineal ग्रंथि जिसे अध्यात्म में तीसरा नेत्र कहा जाता है, के द्वारा किया जाता है.
यदि pineal ग्रंथि द्वारा इसका स्राव कम मात्रा में हो रहा हो तो नीद नहीं आना या कम आना जैसे विकार हो जाया करते हैं.
यदि नींद कि कमी आपको परेशान करती है तो अखरोट का सेवन आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है, क्योकि अखरोट में मेलाटोनिन की उच्च मात्रा पाई जाती है. (61)
अखरोट के नुक्सान और भ्रांतियां
अखरोट में पाया जाने वाला Phytic acid खनिजों जैसे कि आयरन व जिंक को पाचन तंत्र से ग्रहण करने में बाधक होता है.
हालाँकि ये रूकावट आहारों से मिलने वाले खनिजो के आड़े नहीं आती, फिर भी यदि आप कोई आयरन या जिंक इत्यादि का सप्लिमेंट अलग से ले रहे हैं तो अखरोट खाने की मात्रा कम कर दें या बंद कर दें (29).
बहुत ही कम लोगों में अखरोट के प्रति एलर्जी भी मिलती है.
उन्हें अखरोट नहीं कहाँ चाहिए.
इन्टरनेट के इस युग में, कुछ जगह आपको अखरोट के ऐसे ऐसे लाभ पढने को मिलेंगे जिनका न तो कोई वैज्ञानिक आधार है न ही आयुर्वेदिक.
इस प्रकार की भ्रांतियों में अखरोट को बच्चों के कृमियों, शैयामूत्र दोष; पथरी रोग, डायबिटीज इत्यादि कई रोगों के नुस्खे मिल जायेंगे.
इनमें से अधिकतर कोरी गप्प होते हैं.
इन्हें अपनाने से पहले पूरी पड़ताल ज़रूर करें.
सारशब्द
अखरोट एक उत्तम एंटीऑक्सीडेंट, ओमेगा 3 व विशिष्ठ योग संपन्न मेवागिरी है जिससे कैंसर, ह्रदय रोग व आयुजनित मस्तिष्क विकारों से बचा जा सकता है.
यदि आप अखरोट को अपने नित्य आहार में स्थान देते हैं तो बुढापे की कई विसंगतियों से बचे रह सकते हैं.
लेख के मुख्य स्रोत: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/ व wikipedia.org