अगस्त एक ऐसी अदभुत भारतीय वनस्पति है जिसके गुणों पर कई शोध किये गए हैं
और कई अन्य अभी भी हो रहे हैं. (1)
इसका उपयोग मध्य और दक्षिण भारत में काफी प्रचलित है.
उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल में भी इसके फूलों, फलियों व पत्तों से पकवान तैयार किये जाते हैं.
अगाथी (Sesbania grandiflora) हथिया, अग्थिया, अगवा, अग्चे, अगथियो, अगसी इत्यादि अन्य प्रचलित नामों से भी जाना जाता है.
अगस्त तारा या नक्षत्र के उदय होने पर (अक्टूबर-दिसम्बर) इसमें फूल आते हैं जो जनवरी से मार्च तक फूलते रहते हैं.
फूलों से भांति भांति के व्यंजन, जैसे सब्जी, पकोड़े, अचार व गुलकंद इत्यादि बनाये जाते हैं.
इसकी कोमल फलियों व पत्तों से भी सब्जी व साग बनाये जाते हैं.
आईये जानते हैं क्या हैं अगस्त के 11 कारगर गुण…
1. रोग प्रतिरोधक (Boosts immunity)
शोधों से प्रमाणित हो गया है कि अगस्त का उपयोग इम्युनिटी बढाकर हमें रोग प्रतिरोधक शक्ति प्रदान करता है.
अगस्त के फूल सर्दियों से ठीक पहले उपलब्ध होते हैं,
इसका उपयोग सर्दियों में होने वाली खांसी, जुकाम, बलगम इत्यादि की समस्या से बचाव करने में सहायक रहता है.(2)
2. यूरिक एसिड से बचाव (Hypouricemia activity)
यूरिक एसिड का जमाव गाउट व गोउटी आर्थराइटिस का मुख्य कारक माना जाता है.
अगस्त के फूलों व पत्तों के उपयोग से शरीर में यूरिक एसिड का जमाव नहीं होने पाता
जिससे इन बीमारियों व शरीर की यूरिक एसिड से होने वाली पीड़ा से राहत मिलती है. (3)
3. कमजोरी और एनीमिया (Weakness & Anemia)
देहातों में अगस्त के पत्तों का साग खून की कमी के लिये खिलाया जाता है.
शोध भी प्रमाणित करते हैं कि अगस्त के उपभोग से आयरन संग्रहण में बढ़ोतरी होती है. (4)
4. लिवर कार्यशीलता (Liver function)
अगस्त में पाए जाने वाले tanins लिवर की कार्यकुशलता बढ़ाते हैं.
पीलिया होने पर, गांवों में इसके पत्तों का साग खिलाया जाता है.
शोध भी इसके लिवर सम्बन्धी गुणों को प्रमाणित करते हैं(1)
5. डायबिटीज़ नियंत्रक (Hypoglycemic)
अगस्त में कसैले रस की प्रचुरता के कारण इसे डायबिटीज नियंत्रण में लाभकारी पाया गया है.
कसैले रस पैंक्रियास की क्रियाशीलता बढ़ाते हैं व साथ ही इन्सुलिन की क्षमता भी.
6. हाई ब्लड प्रेशर में लाभकारी (Lowers blood pressure)
अगस्त एक मूत्रल वनस्पति है.
शरीर के तरल रुकने के कारण हाई ब्लड प्रेशर की समस्या पनपती है जो मूत्रल आहार (जिससे अधिक पेशाब आता हो) लेने से नियंत्रित किया जा सकता है.
अगस्त को धमनियों के लचीलेपन के लिये भी लाभकारी पाया गया है,
जिस कारण इनमें कोलेस्ट्रॉल का जमाव कम होता है.
7. रतौंधी और दृष्टिमान्द्य (Night blindness and impaired vision)
आधुनिक खानपान के चलते रतौंधी व नज़र की कमजोरी एक व्यापक समस्या बन गयी है.
अगस्त का उपयोग इन समस्याओं से रहत दिलाने में लाभकारी हो सकता है.
रतौंधी के लिये इसके फलों का रस आँखों में डाला जाता है.
प्रारंभिक शोध इस दिशा में काफी आशावान नज़र आते हैं.
8. संग्रहणी में लाभकारी ( Helps check IBS)
संग्रहणी अथवा IBS भी इस जनरेशन का एक बड़ा व्यापक रोग बन गया है.
शोधों में पाया गया है कि अगस्त का उपयोग पेट में संग्रहणी पैदा करने वाले विषाणुओं को मारने में काफी कारगर है. (5)
9. कैंसर से बचाव ( Prevents tumors)
अगस्त के क्रियाशील तत्व कैंसर रोधी पाए गए हैं.
इसका उपयोग रक्त और पेट के कैंसर में से बचाव करने में सहायता कर सकता है. (6)
10. मोटापा निवारक (Weight loss)
उत्तम प्रकार के फाइबर के कारण अगस्त का सेवन कार्बोहायड्रेट व वसा का शोषण कम करने में सहायक माना जाता है.
इस कारण, भोजन में मोटापा बढ़ाने वाले अवयव कम मात्रा में अवशोषित होते हैं.
11. स्मृती और बुद्धि सहायक (improves memory and intellect)
अगस्त में पाए जाने वाले विशेष क्रियाशील अवयव मंडूकपर्णी व ब्राह्मी जैसे गुणों से भरपूर पाए जाते हैं.
देहातों में भी इसे बच्चों के लिये लाभकारी माना जाता है.
अगस्त की किस्में
इसकी दो किस्में पाए जाती हैं,
जिनमे एक के फूल लाल व श्वेत जबकि दूसरी किस्म के फूल सफ़ेद रंग के होते हैं.
खाने में लाल रंग के फूल श्वेत रंग के फूलों से अधिक कसैले होते है.
सारशब्द
प्रकृति ने हमें इतना कुछ दे रखा है कि रोग होने की गुंजाईश ही न रहे.
आवशयकता है तो केवल इतनी कि हम हर मौसमी वनस्पति का उपयोग अवश्य करें.
अगस्त का उपयोग भी हमें कई रोगों से बचा कर उत्तम स्वास्थ्य दे सकता है.