Spirituality अध्यात्म

Guru ji jahan baithu vahan chhaya ji hindi

गुरु जी, जहाँ बैठूं वहां छाया जी

गुरु जी, जहाँ बैठूं वहां छाया जी सोही तो मालक म्हारी नज़रां आया जी Guru ji, jahan baithu vahan chhaya ji So hi to malak mera najrana aaya ji. O’ my beloved Guruji, wherever I am, i experience the thick shadow of the divine grace. It’s such wonderful bliss! And I get the most precious […]

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भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला

भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला, कौसल्या हितकारी॥

रामनवमी पर्व की बधाई, मंगल कामनाएं!! आनंद लीजिये गोस्वामी तुलसीकृत रामचरित मानस की रामावतरण चौपाईयों का, जिन्हें लगभग सभी शीर्ष गायकों ने स्वरबद्ध किया है. यह गायन स्वर्गीय जगजीत सिंह जी की प्रस्तुति है.     भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला, कौसल्या हितकारी। हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप बिचारी॥ लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा, निज

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पायो निधि राम नाम

पायो निधि राम नाम – यही है असली धनतेरस का महत्त्व

धनतेरस का गूढ़ आध्यात्मिक महत्त्व है. सांसारिक वस्तुएं वैसे ही नष्ट होती रहती हैं, जैसे कि पेन, कॉपी, जूते, चप्पल, कपड़े और हमारा शरीर. संतजन कहते हैं जब हम अपनी माता या पिता (परमेश्वर) से कुछ नहीं मांगते तो उन्हें फ़िक्र होने लगती है कि कैसे हमारी संतान हमसे कुछ भी नहीं मांग रही. वे

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जीवन जीने के दस सूत्र - खुशवंत सिंह (Khushwant Singh)

बेहतर जीवन जीने के दस सूत्र – खुशवंत सिंह (Khushwant Singh)

खुशवंत सिंह ( Khushwant Singh) जी ((born Khushal Singh, 15 August 1915 – 20 March 2014) ने 98 साल की खुशहाल जीवन यात्रा की. पूरा भारत उनको जानता है जो दो बार पद्म विभूषण से नवाज़े गए. 1974 में और पुन:  2007 में. Operation Blue Star के कारण  1974 का पद्म विभूषण उन्होंने 1984 में वापिस कर

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जीवन है संग्राम

मन चंचल, चल राम शरण में – यही है आनन्द की सही कुन्जी

    मनसा वाचा, कर्मणा, मैं हूँ मेरे राम, अर्पित तेरी शरण में, सहित कर्म शुभ काम ॥ मन चंचल, चल राम शरण में राम ही तेरा जीवन साथी, नित्य हितैषी, सब दिन साखी, दो दिन के हैं, ये जग वाले, हरि अंग संग है, जन्म मरण में ॥१॥   जग में तूने प्यार बढ़ाया,

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