घृतकुमारी अथवा एलोवेरा (Aloe vera) आयुर्वेद की चुनिन्दा शीर्ष वनस्पतियों में से एक है. जानिये एलोवेरा उपयोग की 5 विधियाँ, जो आसान भी हैं औरआपको सवस्थ भी रख सकती हैं.
वेदों में भी इस पौधे के गुणों की चर्चा की गई है.
यह ऐसी वनस्पति है जिसमें रोग निवारण के गुण प्रचुरता में मिलते हैं.
आयुर्वेद की सैंकड़ों भस्मों, रस व रसायनों के उत्पादन में एलोवेरा का उपयोग होता है, जिससे इसके गुणकारी होने के साक्ष्य सिद्ध होते है.
Aloe vera को ग्वारपाठा, पाठा, घीकुआर, कुमारी, कुआर्या इत्यादि नामों से भी जाना जाता है.
घृतकुमारी के सेवन से वायुजनित रोग, पेट के रोग, जोडों के दर्द, अल्सर, अम्लपित्त इत्यादि बीमारियां ठीक हो जाती हैं।
इसके अतिरिक्त एलोवेरा को रक्त शोधक और पाचन क्रिया के लिए भी गुणकारी माना जाता है.
एलोवेरा उपयोग की 5 विधियाँ
प्राचीन काल से ही एलोवेरा का उपयोग मानव सभ्यता द्वारा किया जाता रहा है.
गाँव देहातों में अब भी आपको इसकी सब्जी, अचार और रोटियों में उपयोग मिल जायेंगे.
ज़रूरत है तो आपको केवल जानना है कि कितना आसान है एलोवेरा का उपयोग करना.
1 एलोवेरा का जूस
एलोवेरा जूस पीने से कई वीमारियों का निदान हो जाता है.
बाजार से मंहगा एलोवेरा जूस खरीदने से अच्छा ये रहेगा कि आप घर पर ही एलोवेरा का शुद्ध ताज़ा जूस बनाएं.
इसकी कोई कीमत भी नहीं चुकानी पड़ेगी.
आप को केवल एलोवेरा के पत्तों से गूदा निकालकर मिक्सर में घुमाना भर है, कि सारा गूदा जूस बन जाए।
इस ताजे जूस को आप सप्ताह भर तक फ्रिज में रख सकते हैं, फिर पुनः नया व ताजा जूस दोबारा बना लीजिये।
स्वाद बढाने के लिये इसमें नीम्बू रस, अदरक, कालीमिर्च, पुदीना इत्यादि व नमक या शक्कर भी मिला सकते हैं.
एलोवेरा जूस के 10 फायदे इस लेख में देखे जा सकते हैं.
2 अचार (aloe vera pickle)
नींबू, आम, आंवला आदि की तरह ही एलोवेरा का अचार भी बनाया जाता है.
सामग्री
- एलोवेरा के पत्तों के टुकडे 1 किलोग्राम,
- हल्दी और दालचीनी पिसी 5-5 ग्राम,
- साबुत अजवायन 20 ग्राम,
- पीसी हुई राई 20 ग्राम,
- सादा या सेंधा नमक 50 ग्राम या स्वाद अनुसार
- मिर्च रुची व स्वाद अनुसार
- लहसुन की कलियाँ 25 पिसी हुई
- अदरक पिसा 50 ग्राम
- सरसों का तेल 100 से 200 ग्राम
विधि
इन सबको आपस में मिला कर कांच के मर्तबान में भर दें।
एक सप्ताह तक इसे दिन में धूप में रखकर अगले एक सप्ताह तक के लिए सामान्य तापमान में रखने पर यह अचार तैयार हो जाएगा।
इस अचार को भोजन के साथ खाने से सभी प्रकार के उदर रोग ठीक होते हैं।
बवासीर के रोगी को विशेष आराम मिलता है.
यह अचार स्वादिष्ट व्यंजन होने के साथ ही गुणकारी औषधि भी है|
3 सब्जी (aloe vera ki sabji)
एलोवेरा की स्वादिष्ट सब्जी भी बनाई जाती है. जिसकी विधि इस प्रकार से है.
सामग्री
- एलोवेरा – 2 हरे गूदेदार पत्ते
- हींग – चुटकी भर
- जीरा – 1/2 छोटी चम्मच
- तेल – 1-2 बड़े चम्मच
- हल्दी – 1/2 छोटी चम्मच
- धनिया पाउडर – 1 छोटी चम्मच
- अमचूर – 1/2 छोटी चम्मच
- नमक – 1 छोटी चम्मच या स्वादानुसार
- हरी मिर्च – 1 बारीक कटी हुई
बनाने की विधि
एलोवेरा को धोकर इसके दोंनो ओर के कांटे काट कर हटा दीजिये, और इसके छोटे छोटे टुकड़े काट लीजिये.
एक बर्तन में 2 कप पानी डालकर उबलने के लिए रख दीजिए.
पानी में ½ छोटी चम्मच नमक और थोडी़ सी हल्दी डाल दीजिए.
पानी में उबाल आने पर इसमें एलोवीरा के टुकडे़ डाल दीजिए और 6-7 मिनिट के लिए उबलने दीजिये.
गैस बंद कर दीजिए और टुकड़ों को पानी से निकाल लीजिए.
अब इन टुकड़ों को दो बार पानी से धो लीजिए (ऎसा करने से एलोवेरा का कड़वापन कम हो जाता है).
पैन में तेल डालकर गरम कर लीजिए, तेल गर्म होने पर इसमें जीरा, हींग, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर और हरी मिर्च डालकर मसाले को धीमी आंच पर थोडा़ सा भून लीजिए.
मसाले में एलोवीरा के टुकडे़ डालकर इसमें नमक, सौंफ पाउडर और अमचूर डाल दीजिए और लगातार चलाते हुए 3-4 मिनिट के लिए पका लीजिए.
सब्जी बनकर तैयार है, इसे किसी प्लेट में निकाल कर हरे धनिए के साथ गार्निश कीजिए, एलोवेरा सब्जी़ को आप फ्रिज में रखकर 4-5 दिन तक खा सकते हैं.
सुझाव: इस सब्जी में दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिला कर लिया जाए तो यह पेट के संग्रहणी अथवा IBS रोग के लिए भी लाभकारी हो जाती है.
4 रोटी चपातियाँ
एलोवेरा के रस में आटा गूंथकर रोटीयां बनायें.
घी लगाकर इन पौष्टिक व स्वास्थ्यवर्द्धक रोटीयों को खाईये।
5 सौन्दर्य उपयोग
एलोवेरा को सौंदर्य निखार के लिए हर्बल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट जैसे एलोवेरा जैल, बॉडी लोशन, हेयर जैल, स्किन जैल, शैंपू, साबुन, फेशियल फोम आदि में भी प्रयोग किया जाता है।
चेहरे, बालों और त्वचा के लिए इसके गूदे का उपयोग कीजिये, लाभकारी रहेगा.
यदि चेहरे पर पिम्पल हों तो एलोवेरा लगाने के बाद फिटकरी की डली भी पिम्पल मुहांसों पर मल दें.
बालों में रूसी हो तो इसके गूदे में नीम्बू का रस मिला कर उपयोग में लें.
निषेध और सावधानियां
एलोवेरा गर्भावस्था में नहीं खाना चाहिए.
एलोवेरा के सेवन के शुरुआती दिनों में किसी किसी को पेट में मरोड़ पड़ने की अनुभूति होती है.
ऐसा होने पर एलोवेरा में थोड़ी अजवाइन मिलाकर सेवन करें, मरोड़ नहीं पड़ेंगे.
एलोवेरा गुणों का भण्डार है.
इसके नियमित उपयोग से पेट की क्रियाएँ ठीक रहती हैं.
बेहतर स्वाथ्य के लिये, इसका नियमित उपयोग करते रहना चाहिए.