शाक या साग कैसे बनाते हैं

शाक या साग – कौन से लाभकारी, कौन से नहीं

उत्तर भारत में सरसों का शाक या साग एक लज़ीज़ व्यंजन माना जाता है

जिसे मक्का की रोटी व भरपूर मक्खन के साथ परोसा जाता है.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद में सरसों के साग को सबसे निंदनीय बताया गया है?

शाक या साग – किसे कहते हैं

वनस्पतियों के पत्तों से बनाये गए आहार को शाक या साग कहते हैं.

जिन्हें पत्ती भाजी भी कहा जाता है.

शाक या साग अत्यंत हलके आहार हैं, जिन्हें कमज़ोर पाचन में भी लिया जा सकता है.

आईये जानते हैं विभिन्न सागों के आयुर्वेदीय गुणों व दोषों को…

सरसों (Mustered leaves)

सरसों के शाक या साग के गुण लाभ फायदे sarson ke gun labh fayde faide

आयुर्वेद के अनुसार सरसों का शाक या साग सभी शाकों में निंदनीय शाक है.

वैसे यदि देखा जाए तो उत्तर भारत के अतिरिक्त, दुनिया भर में इसे कहीं भी उपयोग नहीं किया जाता है.

सरसों का साग यद्यपि स्वादिष्ट; कटुरसयुक्त, बहुत मल मूत्र कारक होता है.

लेकिन यह भारी, गर्मी व पीड़ा करने वाला, रूखा, तीक्ष्ण, तथा तीनों दोषों को बढ़ाने वाला भी होता है.

शायद इसीलिये, मक्खन का उपयोग इसकी खुश्की अथवा रूखेपन और गर्मी कम करने के लिए ही किया जाता होगा.

पालक (Spinach)

पालक के शाक या साग के गुण लाभ फायदे palak ke gun labh fayde faide

इसका साग शीतवीर्य, शोथघ्न (releases excess body fluids) मूत्रजनन (Diuretic), दाहशामक (coolant) व रोचन (Appetite stimulant) होता है.

पालक का साग आंत्रविकारों (gut disorders) और पथरी अथवाअश्मरी (urinary calculi) में उपयोगी है.

इसे लिवर के दोष जैसे पीलिया इत्यादि और छाती की जकड़न के लिये भी गुणकारी माना गया है.

बथुआ, बाथरो (Lambsquarters)

bathua bathro lambsquarters बथुआ के शाक या साग के गुण लाभ फायदे bathu ke gun labh fayde faide

आयुर्वेद में वर्णन है कि यद्यपि शाकों को निषिद्ध माना गया है, तथापि वास्तुक (बथुआ) गुणों में अन्य सागों से बेहतर है.

बथुआ का साग क्षारयुक्त (rich in potassium) स्वादिष्ट, अग्निदीपक (appetite excitanat), पाचक (digestive) है.

यह लघु (easily digestable), शुक्र तथा बल को बढ़ने वाला (tonic) तथा सारक (free radical scavenger) भी होता है.

और रक्तपित्त (Gout, rhumatism) बवासीर (piles), कृमि (worms) में लाभकारी है.

बथुआ का शाक या साग त्रिदोष नाशक भी है.

बथुआ के शाक पर विस्तृत लेख यहाँ देखें

चौलाई (Amaranthus)

चौलाई के शाक या साग के गुण लाभ फायदे chaulai cholai ke gun labh fayde faide

चौलाई का साग शीतल, मूत्रजनन, वेदनाहर, शक्तिदायक व स्तन्यजनन (useful for breast enlargement) होता है.

इसके उपयोग से सोजाक, देवियों के सब प्रकार के प्रदर (Leucohorrea) और मासिक धर्म सम्बन्धी रोग ठीक होते हैं.

मूत्रल होने के कारण, चौलाई का साग किडनी व मूत्राशय की पथरी  में  लाभ करता है.

यह गाँठ, फोड़े, फुंसी में भी लाभकारी माना जाता है.

चौलाई की कई किस्में होती हैं, लेकिन सभी के गुण धर्म लगभग एक ही जैसे हैं.

कुलफा, नोनिया, लोणा (Portulaca)

कुलफा कुल्फा के शाक या साग के गुण लाभ फायदे kulfa portulaca ke gun labh fayde faide

कुलफा अम्लरसयुक्त (sour), सारक, कफ्फ, पित्त, वाणीदोष (हकलाना इत्यादि), व्रण (घाव), खांसी, प्रमेह को दूर करने वाला

व शोथ एवं नेत्ररोग में हितकर है.

कुलफा का साग मूत्रकृच्छ (difficulty in urination) में भी लाभकारी है.

मूत्रल  व पोटैशियम तृप्तता होने के कारण कुलफा उच्च रक्तचाप में भी लाभदायक है.

कुल्फा अथवा नोनिया के अन्य गुण जानने के लिये यहाँ क्लिक कीजिये.

पुनर्नवा (Horse purslane)

पुनर्नवा के शाक या साग के गुण लाभ फायदे punrnava ke gun labh fayde faide

पुनर्नवा का साग एक उत्तम मूत्रल,और लिवर तथा स्प्लीन के लिये अमूल्य रसायन है.

यह खाने में ठंडी, सूखी और हल्की होती है.

पुनर्नवा उष्णवीर्य, तिक्त, रूखी और कफ नाशक भी होती है.

जोड़ों पेट इत्यादि की सूजन (Inflamation), पांडुरोग (Anemia), ह्रदयरोग, लिवर के रोगपथरी (Kidney, urinary stone), खांसी, डायबिटीज, उर:क्षत(सीने, फेफड़ों के घाव) आर्थराइटिस, वातरक्त (gout, uric acid) और पीड़ा  (Pain) के लिये  पुनर्नवा संजीवनी मानी जाती है.

कुछ शोध पुनर्नवा को कैंसर, पेट के रोगों जैसे amoebiasis में लाभकारी व रोग प्रतिरोधक भी मानते हैं.

पुनर्नवा पर विस्तृत लेख यहाँ पढिये.

गिलोय (Tinospora cordifolia)

गिलोय गलो गुलवेल के शाक या साग के गुण लाभ फायदे giloy ke gun labh fayde faide

गिलोय अथवा अमृता का साग सब सागों में सर्वोत्तम बताया गया है.

यह त्रिदोषहर, सब प्रकार के प्रमेहों (including diabetes) को नष्ट करने वाला, बलवर्धक, रोगप्रतिरोधक, सर्वरोगसंहारक, रसायन व ग्राही होता है.

इसके उपयोग से सब प्रकार के ज्वर, तृषा, दाह, वात, रक्तविकार, वातरक्त (gout & uric acid), कामला (jaundice), कुष्ठ व पांडू रोग समाप्त हो जाते है.

कडवा होने के कारण इसका उपयोग आहार की अपेक्षा चिकित्सा में अधिक किया जाता है.

लेकिन गिलोय के पत्तों को अन्य शाकों में मिला कर खाने से इसके गुणलाभ लिये जा सकते हैं तथा साथ ही कटुता को भी कम किया जा सकता है.

गिलोय के गुण जानने के लिये इस लिंक पर क्लिक कीजिये.

सहिंजन (Moringa)

सेंजना मुनगा शिग्रू के शाक या साग के गुण लाभ फायदे munaga shigru senjana ke gun labh fayde faide

यदि कहा जाए कि सहिंजन का प्रचुर उपयोग हमारे ग्रामवासियों को रोगमुक्त रखने में सहायक है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.

सहिंजन, सेंजना या मुनगा एक  ऐसी वनस्पति है जिसकी पत्तियों एवं फलियों में 300 से अधिक रोगों की रोकथाम के गुण पाए जाते हैं.

इसमें 9 विटामिन्स समूह, 46 एंटी आक्सीडेंटस, 36 दर्द निवारक और 18 तरह के एमिनो एसिड मिलते हैं.

सहिंजन के अधिक गुण जानने के लिये इस लिंक को देखिये.

सारशब्द

शाकों का हमारे आहार में अहम स्थान है.

यदि हम सब प्रकार के शाकों का उपयोग करें तो सेहतमंद जीवन लाभ  लिया जा सकता है.

रोगानुसार उपयुक्त शाकों का सेवन हमें नैसर्गिग स्वाथ्य लाभ भी दे सकता है.




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