भिन्डी की सामान्यत: सूखी सब्जी ही बनाई जाती है.
लेकिन इस प्रकार से पकाई भिन्डी के मूल फाइबर व विटामिन K नष्ट हो जाते हैं,
जो स्वास्थ्य के लिये अति उपयोगी व कई रोगों में अत्यंत कारगर साबित हुए हैं.
आईये जानते हैं, किस रूप में भिन्डी कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, ऑस्टियोपोरोसिस, किडनी रोग,
ह्रदय रोग, पेट के रोग, वजन घटाने, खुश रहने व पाचन तंत्र के कैंसर में सहायता कर सकती है.
भिन्डी – क्यों होती है खास
भिन्डी (English name: Okra या lady finger) में विटामिन K व C के अतिरिक्त उत्तम किस्म के फाइबर की प्रचुर मात्रा मिलती है.
यही तीन अवयव इसे कई रोगों में हितकारी बना देते हैं.
यदि आप इसकी सूखी सब्जी की अपेक्षा कोई रसेदार व्यंजन बनाते हैं तो पहली ही बार के उपयोग से आप इसके गुणों से प्रभावित हुए बिना नहीं रहेंगे.
आपकी गैस की शिकायत निवृत हो जाएगी, पेट हल्का हो जायेगा जो आपके mood को खुशमिजाज बना देगा.
जल्दी ही इसके नियमित उपयोग से आप बताई गई सभी विसंगतियों में राहत भी अनुभव करेंगे.
तो आईये जानते हैं इसकी औषधीय रेसिपीज के बारे में…
1 भिन्डी जूस पानी
दो या तीन भिन्डी सब्जी की भांति काट लें.
इसे रात भर पानी के एक गिलास में डाल कर रखें
सुबह इस पानी को निथार लें और पी जाएँ.
चाहें तो इसमें नीबू, काली मिर्च और काला या सेंधा नमक भी मिला सकते हैं.
2 भिन्डी का सूप
भिन्डी को सब्जी की भांति काट कर इसमें पानी मिला कर धीमी आंच पर उबाल लें कि ये थोडा गाढ़ा सूप बन जाए.
स्वाद के लिये नमक, अदरक, प्याज़, लहसुन, काली मिर्च डाल लें.
आखिर में हरे धनिया की कुछ पत्तियां भी डाल कर इस स्वादिष्ट, सेहतमंद सूप का सेवन करें.
आप चाहें, तो अंत में इसमें दूध की मलाई भी मिलाई जा सकती है, जिससे ये क्रीम सूप बन जाएगा.
3 भिन्डी का औषधीय अचार
ये अचार सामान्य भिड़ी के आचार से अलग है, जिसका उपयोग संग्रहणी अथवा पेट के IBS रोग में बहुत फायदा देता है.
इस अचार की विशेषता यह है कि इसमें कुछ भी पका कर नहीं डाला जाता है.
और यह अधिक गुणकारी होने के साथ साथ स्वादिष्ट भी रहता है.
विधि
1 आधा किलो भिन्डी को सब्जी की तरह गोल या आड़ा काट लें.
2 इसमें स्वादानुसार नमक, मिर्च, हल्दी, धनिया पाउडर मिला दें.
3 एक या दो चम्मच राई या सरसों के पिसे दाने और इतना ही सरसों का तेल भी डाल दें.
4 दो या तीन चम्मच सिरका डाल दें.
यदि सेव का सिरका हो तो और भी बेहतर रहेगा.
5 सारी सामग्री को अच्छी तरह मिला कर किसी कांच के खुले मुहं वाले बर्तन में डाल दें, और मुहं पर हवादार पतला कपडा बांध दें.
6 बर्तन को रसोई में किसी छाँव वाली जगह पर रख दें और हर दो दिन बाद थोड़ी पलटी लगा कर अचार को हिलाते रहें.
7 मौसम के अनुसार एक या दो हफ्ते में अचार तैयार हो जायेगा,
जिसकी पहचान भिन्डी का नर्म होना और भीनी मनभावन सुगंध है.
8 तैयार होने पर सेवन करें, आनंद लें
सारशब्द
वास्तविक नायाब गुण पाने के लिये भिन्डी की रसेदार रेसिपीज अपनाईये.
यकीन मानिए, इसके गुण और लाभ आपको आश्चर्यचकित कर देंगे.
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