औषधीय उपयोगों के अतिरिक्त मसाले के रूप में काली मिर्च का उपयोग सर्वत्र होता है।
एक सफ़ेद अथवा श्वेत मिर्च भी होती है जिसे दखनी मिर्च भी कहते हैं.
जानते हैं क्या है काली मिर्च, सफ़ेद मिर्च में फर्क या भेद.
काली मिर्च वनस्पति जगत में पिप्पली कुल (Piperaceae) की मरिचपिप्पली (Piper nigrum) नामक बारहमासी बेल होती है,
जिसके सूखे फलों का नाम मिर्च अथवा मरिच (English name: Pepper या peppercorn) है।
भारत में इसका विशेष प्रकार का ‘रसम’ अथवा सूप बनाया जाता है.
जिसे भूख बढ़ाने और ज्वर शांति के लिए भोजन के साथ पिया जाता है।
पश्चिमी देशों में भी इसका विशिष्ट उपयोग विविध प्रकार के आहारों की डिब्बाबंदी में, खाद्य पदार्थो के परिरक्षण के लिए और मसाले के रूप में किया जाता है।
फर्क केवल इतना है कि पश्चिमी जगत सफ़ेद मिर्च का उपयोग अधिक करता है
जबकि भारत में काली मिर्च ही अधिक उपयोग की जाती है.
मिर्च के पोषक तत्व
पोषक तत्वों के लिहाज से मिर्च में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम की प्रचुरता पाई जाती है.
100 मिर्च में हमारी नित्य ज़रूरत का
Calcium 44%,
Iron53%,
Magnesium 42% और
Potassium 37% तक मिल जाता है,
जबकि फाइबर पूरा 100% तक.
इसके सक्रिय तत्व ही इसके औषधीय गुणों के कारक रहते हैं
जिनमें 5 से 9 प्रतिशत तक पाइपरीन (Piperine), पाइपरिडीन (Piperidin) और शैविसीन (Chavicine) नामक अल्कालॉयड मुख्य हैं.
ऐल्केलायडों के अतिरिक्त एक सुगंधित तैल 1 से 2.6 प्रतिशत तक,
6 से 14 प्रतिशत हरे रंग का तेज सुगंधित गंधाशेष,
और 30 प्रतिशत स्टार्च इत्यादि भी पाए जाते हैं।
मिर्च के विभिन्न रंग
अन्य कई फलों की भांति मिर्च की भी कच्ची और पकने की स्थितियां होती है.
कच्ची मिर्च हरी होती है जबकि पूरा पकने पर इसके बीजों रंग लगभग काला हो जाता है.
बीच की एक स्थिति में, जिसे अधपकी मिर्च कह सकते हैं, इसका रंग लाल भी रहता है.
जब कच्चे फलों को सुखा दिया जाता है तो दाने का रंग सूखे मटर की भांति हरा होता है.
अधपकी मिर्च का रंग लाल और पूरी पकी मिर्च का रंग काला हो जाता है.
काली मिर्च, सफ़ेद मिर्च में फर्क
(difference between black pepper and white pepper)
सफेद और काली मिर्च दोनों, एक ही पौधे के फल होते हैं;
बस अपने रंग की वजह से उनका नाम अलग हो जाता है, और उपयोग भी।
सफ़ेद मिर्च बनाने के लिए काली मिर्च को सुखा कर उसका छिलका निकाल देते हैं
ठीक वैसे ही जैसे साबुत उड़द से धुली उड़द की दाल बनाना।
पके हुए सूखे फलों को छिलकों से बिलगाकर सफेद गोल मिर्च बनाई जाती है।
सफ़ेद मिर्च भी मसाले के रूप में प्रयुक्त होती है।
लेकिन इसका तीखापन कम होता है
इसका प्रयोग हल्के रंग व स्वाद के व्यंजनों जैसे कि सूप, सलाद, ठंडाई, बेक्ड रेसिपी इत्यादि में किया जाता है।
काली मिर्च – औषधीय गुणों में बेहतर
मिर्च के अधिकतर सक्रिय तत्व छिलके में ही प्रचुर रहते हैं, जिनके कारण काली मिर्च तेज़ लगती हैं और सफ़ेद मिर्च फीकी.
सफ़ेद मिर्च के उपयोग केवल खाने में ही होता है जिसके दो कारण हैं:
क्योकि यह केवल मिर्च की सुगंध देती है, तेज़ नहीं लगती, इसलिए इसका उपयोग कम मिर्च मसाले खाने वाले पश्चिम जगत के लोग ही करते हैं.
भारत में सफ़ेद मिर्च का उपयोग, ठंडाई, क्रीम सूप इत्यादि में करने का चलन अब थोडा बढ़ गया है जिनमें लोग इसका स्वाद तो चाहते हैं लेकिन इसके काले छिलके नहीं.
दूसरी तरफ काली मिर्च में पूरे गुण समाहित रहते हैं जो प्रकृति ने इसमें डालने चाहे होंगे.
यदि आप मिर्च के औषधीय गुणों का पूरा लाभ लेना चाहते हैं तो काली मिर्च का ही अधिक उपयोग कीजिये
और सफ़ेद का बिलकुल कम.
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