यदि आप 40 साल की उम्र पार कर चुके हैं तो आपको हडजोड (Cissus) जैसे रसायन अवश्य लेने चाहिये जो आयु जनित विकारों से बचा कर रख सकें.
और आपको हमेशा निरोग सेहतमंद रखें.
उम्र बढ़ने के साथ साथ शरीर की क्रियाएं भी मंद पड़ने लगती हैं.
जोड़ों, मांसपेशियों के दर्द, लोच में कमी, ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोग पनपने लगते हैं.
पुरुषत्व में कमी आने लगती है.
डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल जैसी विसंगतियां घेरने लगती हैं.
ऐसे में आपको चुनना चाहिये ऐसा विकल्प जो इन सबसे बचा कर रखे और जिसके कोई दुष्प्रभाव भी न हों.
हडजोड (Cissus) है बेहतरीन समाधान
हडजोड या ‘अस्थिसंधानक‘ (वानस्पतिक नाम : Cissus quadrangularis) एक ऐसी वनस्पति है
जिसे आयुर्वेद और विज्ञान अस्थियों और कई अन्य विसंगतियों के लिए कारगर बताते हैं.
शोधों में प्रमाणित हो चुका है कि Cissus के उपयोग से न केवल अस्थि स्वास्थ्य ठीक रखा जा सकता है
बल्कि डायबिटीज, ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित किया जा सकता है. (1) (2) (3) (4) (5) (6) (7)
इसे हमेशा उपयोग किया जा सकता है क्योंकि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता.
टॉनिक के रूप में
शोध बताते हैं कि Cissus के उपयोग से खिलाड़ियों, बॉडीबिल्डर्स और एथलीट्स की क्षमता में बेहतरीन सुधार होता है.
उनकी मांसपेशियों की लोच बढ़ने से थकान नहीं होती और वे लम्बे समय तक उर्जावान बने रह सकते हैं.(6)
सायसस (Cissus) के संयोजक तत्व
प्रति कैप्सूल के मुख्य संयोजक तत्व इस प्रकार हैं
Cissus quadrangularis extract 550mg
Trikatu extract 50mg
Excepients QS
पैकिंग
90 कैप्स्यूल्स HDPE जार में.
सेवन विधि
एक capsule पानी के साथ दिन में दो बार या चिकित्सक के विशेष निर्देशानुसार.
रोगों की अधिक उग्रता में इसे दिन में तीन या चार बार उपयोग करना चाहिये, पहले 10-15 दिन तक.
बाद में दिन में दो बार इसका उपयोग रोग के पूरे ठीक होने तक तक किया जाना चाहिये.
टॉनिक के रूप में एक कैप्स्यूल, दिन में एक या दो बार प्रतिदिन.
यदि इस टॉनिक या औषधि सम्बन्धी आपके कोई प्रश्न या जिज्ञासा हैं तो कृपया फ़ोन नंबर 78891 50990 पर Whatsapp सन्देश भेज कर समाधान ले सकते हैं