सदाबहार के फूलों से आप वाकिफ ज़रूर होंगे.
दुनियाभर में पाया जाने वाला सदाबहार पौधा लगभग साल भर फूलों से लदा मिल जायेगा.
इसके औषधीय गुणों पर कई शोध हो चुके हैं जो इसे एक उत्तम व सुलभ औषधि का दर्जा देने के लिये काफी है.
सदाबहार की पहचान
विंका अथवा सदाबहार ( English name: Periwinkle, Vinca) को सदाफूली, नयनतारा नामों से भी जाना जाता है.
अब इसका वैज्ञानिक नाम Catharanthus roseus है जिसे पहले Vinca rosea कहा जाता था.
यह न केवल सुन्दर और आकर्षक फूल होता है, बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर माना गया है।
पाँच पंखुड़ियों वाला सदाबहार पुष्प श्वेत, गुलाबी, फालसाई, जामुनी आदि कई रंगों में खिलता है.
सदाबहार – क्या खास है इसमें
इसमें Vincristine व Vinblastine नामक क्रियाशील तत्व पाए जाते हैं.
इन तत्वों को कई शोध कैंसर और डायबिटीज के लिये उपयुक्त मानते हैं.
शोधों में जैसे-जैसे इसकी खूबियों का पता चलता जा रहा है वैसे-वैसे इस की मांग भी देश-विदेश में बढती जा रही है.
कैंसर रोधी दवाओं के लिये इसकी खेती भी की जाने लगी है.
अब इसे संजीवनी बूटी कहना भी कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.
औषधीय इतिहास
ब्रिटेन के प्राचीन सातवीं शताब्दी के औषधीय शास्त्र में विंका का वर्णन मिलता है.
ब्रिटिश औषधी विशेषज्ञ कल्पचर ने मुंह व नाक से रक्तस्राव होने पर इसके प्रयोग की सलाह दी थी.
बाद में, लॉर्ड बेकन ने भी अंगों की जकड़न में इसका प्रयोग बताया है.
उन्होंने स्कर्वी, अतिसार, गले के दर्द, टांसिल्स में, सूजन, रक्तस्राव आदि रोगों में इसके प्रयोग के विषय में विस्तृत रूप से लिखा भी है.
भारत में प्राकृतिक व आयुर्वेदिक चिकित्सक मधुमेह रोगियों को इसके फूल का प्रयोग सुबह खाली पेट करने की सलाह देते हैं.
इसके अतिरिक्त कैंसर, विशेषकर रक्त कैंसर में इसकी उपयोगिता सिद्ध होने के कारण इसका उपयोग कैंसर की वैकल्पिक चिकित्सा में भी किया जाता है. (1)
सदाबहार के उपचार व उपयोग विधियाँ
1 डायबिटीज नियंत्रक
सदाबहार की 8-10 कोमल पत्तियाँ चबाकर खाने से मधुमेह रोग से राहत मिलती है. (2)
यह प्रयोग 20 से 25 दिन तक करें .
अपनी शुगर की जाँच कराएँ; यदि कम होने लगती है तो यह प्रयोग जारी रखें जब तक कि शुगर सामान्य न हो जाए.
2 बवासीर में उपयोगी
बवासीर में इसकी पत्तियों और फूलों को मसलकर लगाने से आराम मिलता है.
ये आदिवासी लोक चिकित्सा है.
जानकारों के अनुसार, ऐसा प्रतिदिन रात को सोने से पहले किया जाना ठीक होता है.
3 ततैया का डंक लगने पर
ततैया या मधुमक्खी के डंक मारने पर इसकी पत्तियों के रस को लगाने से बहुत जल्दी आराम मिलता है.
इसे डंक के स्थान पर हर आधे घंटे लगायें.
साथ ही 5-7 पत्तियों को चबा भी लें.
4 घाव, खुजली में उपयोगी
इसके पत्तों के रस को घाव पर लगाने से घाव भी जल्दी ठीक होते हैं.(3)
त्वचा पर खुजली, लाल निशान या किसी तरह की एलर्जी होने पर पत्तियों के रस को लगाने पर आराम मिलता है.
5 कील मुहांसे का इलाज
सदाबहार के फूलों और पत्तियों के रस को मुहांसों पर लगाने से कुछ ही दिनों में इनसे निजात मिल जाती है।
पत्तियों और फूलों के रस को मुहांसों पर दिन में कम से कम दो बार लगाने से जल्दी आराम मिलता है.
6 कैंसर अवरोधी
वैज्ञानिक सदाबहार के फूलों व पत्तों का उपयोग कर कैंसर जैसे भयावह रोगों के लिए उत्तम मानते हैं.
ल्युकेमिया के उपचार के लिए इसे अत्यंत उपयोगी माना गया है.(1)
7 डेंगू चिकुनगुन्या में लाभकारी
डेंगू व chikungunya के उपचार में भी सदाबहार के पत्ते उपयोगी साबित होते हैं.
8 ब्लड प्रेशर सुधारक
पत्तों का उपयोग हाई BP में भी कारगर रहता है. (4)
सारशब्द
सदाबहार पर हुए शोधों से ये प्रमाणित होता जा रहा है कि इसका उपयोग हमें कई रोगों से बचा सकता है.
यदि हम बिलकुल तंदुरुस्त हैं तो भी इसके पत्ते यदि हम यदा कदा चबाते रहें तो कई गंभीर रोगों से बचे रह सकते हैं.