नीम ( Botanical name: Azadirachta indica) से बढ़िया कारगर कोई अन्य औषधि नहीं हो सकती जो सब प्रकार के त्वचा विकारों से निजात दिला सके. इसीलिए कहते हैं कि नीम है सर्वोत्तम रक्त शोधक.
नीम का उपयोग ऐसा निखार ला सकता है जो कोई भी sun-cream या एंटी पिम्पल क्रीम नहीं ला सकती.
आयुर्वेद में नीम (english name: Margosa) को बहुत ही उपयोगी औषधि माना गया है।
इसका स्वाद तो कड़वा होता है लेकिन इसके अनेक प्रभावशाली लाभ मिलते है।
नीम एक बहुत ही गुणकारी वनस्पति है जो भारतीय पर्यावरण के अनुकूल है और लगभग पूरे देश में पाई भी जाती है।
आईये जानते हैं नीम के रक्तशोधक और त्वचा विकारों में मिलने वाले गुणों, उपयोग और लाभ फायदे के बारे में…
नीम के गुण
नीम के हर अंश, यानि पत्तों, फलों, छाल व बीजों के तेल में Nimbidin नामक सक्रिय तत्व रहता है
जिस के कारण ही नीम रक्त शोधक, anti bacterial व anti fungal गुण लिये होता है.
आयुर्वेद के मतानुसार नीम एक शीतल वनस्पति है जो पित्त को निकालने का सामर्थ्य रखती है.
त्वचा रोग और नीम
गर्मी और बरसात के मौसम में घमौरियां, फुंसियाँ, pimples, Fungal infection की वजह से खुजली, गण्डमाला इत्यादि होना एक सामान्य त्वचा दोष है.
आयुर्वेद में इन्हें पित्त दोष का कुपित होना कहते हैं.
नीम इन सब दोषों को हरने का सामर्थ्य रखता है.
इसके सक्रिय घटक nimbidin को एक उत्तम रक्त शोधक माना जाता है;
साथ ही त्वचा की फफूंद, बैक्टीरिया, या रक्त में इन्फेक्शन को दुरुस्त करने वाला भी.
नीम है सर्वोत्तम रक्त शोधक – कैसे करें उपयोग
1 नीम के पत्तों का लेप बनाएं
नीम के पत्ते लेकर उनको पीस लें. इसमें बेसन, हल्दी व थोडा सा कपूर मिला कर लेप तैयार करें.
चाहें तो थोडा चन्दन का बुरादा भी मिला दें. इस लेप को चेहरे व बदन पर लगायें.
सूखने पर चेहरा धो लें या नहा लें. पहली बार में ही आपको शीतलता का भान होगा.
इसे नित्य उपयोग करें.
2 नहाने के लिये पत्तों का काढ़ा बनायें
नीम के पत्ते ले कर दोगुने पानी (100 gram पत्तों में 200 gram पानी) में प्रेशर कुकर में 10 मिनट के लिये उबालें.
ठंडा होने पर इसे फ़िल्टर कर रख लें.
चाहें तो इसमें महक के लिये एक या दो नीम्बू भी निचोड़ दें.
नहाने के अंत में इसकी 50ml की मात्रा को एक लिटर पानी के साथ बदन पर उंढेल ( body wash) लें.
3 पीने के लिये काढ़ा बनाएं
नीम के पत्ते लेकर दोगुना पानी डाल दें.
इसमें हल्दी, अदरक, कालीमिर्च व नमक मिला कर 10 मिनट के लिये कुकर में उबाल लें.
ठंडा होने पर छान कर फ्रिज में रख लें. रोज़ 30ml की मात्रा लेकर उसमें पानी मिला कर पियें, दिन में दो या तीन बार.
तीन दिन में ही लाभ मिलेगा.
यदि इसे एक या दो माह तक लेते रहेंगे तो आप अपना निखार देख कर हैरान रह जायेंगे.
4 नीम्बोली या कच्चे पत्ते खाएं
ये थोड़ा कठिन काम है लेकिन सब से अधिक कारगर.
इसलिए, क्योंकि नीम कडवा होता है.
यदि आप नित्य 40 पत्ते या 8 नीम्बोली 40 दिन तक खाते हैं तो शरीर का कायाकल्प ही हो जाता है.
5 सिर में इन्फेक्शन व बालों के लिये
नीम के पत्ते पीस कर सिर में लगाएं या फिर नीम के तेल से मालिश करें.
सारी infections का अंत हो जाएगा.
सावधानी
नीम के उपयोग के साथ साथ इस बात का भी ध्यान रखें कि आप का पेट भी साफ़ रहे.
यानि, कब्ज़ न होने दें.
यदि आप नीम के उपयोग के दिनों में त्रिफला चूर्ण का भी सेवन करें तो लाभ शीघ्र मिलेगा.
Beautiful knowledge. Thanks