पपीता (English names: papaya, papaw, or pawpaw) botanical name: Carica papaya, एक बेहतरीन फल है।
यह पाचन तंत्र का भी खयाल रखता है और त्वचा की खूबसूरती का भी।
कई बीमारियों से रक्षा करता है और इसका स्वाद भी बेजोड़ होता है।
इसके कच्चे और पके फल दोनों ही उपयोग में आते हैं, पत्ते और बीज भी।
इन कारणों से घर आँगन में लगाने के लिये यह बहुत उत्तम फल है।
इस पौष्टिक और रसीले फल में महत्वपूर्ण एंजाइम, एंटीऑक्सीडेंटस व कई विटामिन मिलते हैं,
इसलिए नियमित रूप से खाने से शरीर में कई विटामिन्स की कमी नहीं होती।
सभी आवश्यक गुणों से भरपूर पपीता शरीर को पोषण देने वाला अत्यंत स्वास्थ्यवर्धक फल है।
आईये जानते हैं पपीता खाने के 12 फायदे अथवा लाभ जिन्हें शोधों में प्रमाणित किया जा चुका है…
पपीता के पोषण तत्व
मात्रा प्रति 100 g | |
कैलोरी (kcal) 42 | |
कुल वसा 0.3 g | |
संतृप्त वसा 0.1 g | |
बहुअसंतृप्त वसा 0.1 g | |
मोनोअसंतृप्त वसा 0.1 g | |
कोलेस्टेरॉल 0 mg | |
सोडियम 8 mg | |
पोटैशियम 182 mg | |
कुल कार्बोहायड्रेट 11 g | |
आहारीय रेशा 1.7 g | |
शक्कर 8 g | |
प्रोटीन 0.5 g |
विटामिन ए | 950 IU | विटामिन सी | 60.9 mg |
कैल्सियम | 20 mg | आयरन | 0.3 mg |
विटामिन डी | 0 IU | विटामिन बी6 | 0 mg |
विटामिन बी12 | 0 µg | मैग्नेशियम | 21 mg |
पोषक तत्वों की विशेषता
इसमें लाईकोपीन नामक करोटीनॉइड पाया जाता है जो इसे अत्यंत लाभकारी बनाता है.
पपीते में पैपेन नामक एंजाइम पाया जाता है जो भारी गरिष्ठ भोजन को पचाने में सक्षम है.
इसी खूबी के चलते इसे मांसाहार गलाने के काम में भी लेते है।
पपीते में प्रचुर मात्रा में विटामिन-ए होता है।
इसलिए यह आंखों और त्वचा के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है।
इससे आंखों की रोशनी तो अच्छी होती ही है, त्वचा भी स्वस्थ, स्वच्छ और चमकदार रहती है।
पपीते में कैल्शियम और प्रोटीन का उचित संतुलन हड्डियां मजबूत बनाता है।
यह प्रोटीन वाही भी होता है और फाइबर का बेहतरीन स्रोत भी है।
1. पाचन सुधारक
बीमार व्यक्ति को दिए जाने वाले फलों में पपीता का समावेश इसलिए किया जाता है ताकि कमज़ोर पाचन क्रिया को बल दिया जा सके।
पपीते में फाइबर और पपैन एंजाइम पाचन शक्ति को दुरुस्त रखने में सहायक जाने गए हैं।
Papain के कारण ही पपीते को IBS, संग्रहणी रोगियों के लिये विशेष लाभकारी माना जाता है.
यदि कब्ज की शिकायत हमेशा बनी रहती है, तो पपीते का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। (1, 2, 3).
2. कोलेस्ट्रोल नियंत्रक
कोलेस्ट्रोल के थक्के दिल का दौरा पड़ने और उच्च रक्तचाप समेत कई अन्य ह्रदय रोगों का कारण बन सकते हैं।
पपीते में फाइबर, विटामिन A और C जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते है
जो रक्त-शिराओं में कोलेस्ट्रोल के थक्कों को बनने नहीं देते। (4, 5, 6, 7).
कोलेस्ट्रॉल पर विस्तृत जानकारी इस लेख में देखिये
3. आयु के बढ़ाव को रोके
पपीते को अपने आहार में शामिल कर आप उम्र के बढ़ाव को कम कर सकते हैं।
पपीते में विटामिन सी, विटामिन ई और बीटा-कैरोटीन जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं
जो पोषण की जरूरतों को पूरा कर आपको सालों साल जवान बनाये रख सकते हैं।(8, 9, 10, 11, 12).
4. रोग प्रतिरोधी
इम्यूनिटी विभिन्न संक्रमणों के विरूद्ध ढाल का काम करती हैं।
पपीते में इतना विटामिन सी होता है जो आपके प्रतिदिन की विटामिन सी की आवश्यकता का लगभग 75 प्रतिशत होता है।
और विटामिन C हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।
5. डायबिटीज के लिये उत्तम
पपीता का ग्ल्य्सेमिक लोड (Glycemic load) 10 है जोकि कम शुगर की श्रेणी है.
पपीता में घुलनशील फाइबर अधिक होने के कारण ये रक्त शुगर को अचानक बढ़ने नहीं देता.
इसलिए पपीता डायबिटीज रोगियों के लिए आहार के रूप में एक बेहतरीन विकल्प है।
इसके अतिरिक्त, जो डायबिटीज के रोगी नहीं हैं, इसके सेवन से डायबिटीज के खतरों से बच सकते हैं।
डायबिटीज रोग की जानकारी व उपाय इस लेख में देखिये
6. वजन घटाने में सहायक
मीठा होने के बावजूद कैलोरी में कम पपीते को वजन कम करने वाले लोगों को अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए।
पपीता में उपलब्ध फाइबर आपको संतुष्ट और पूर्ण महसूस करवाने के साथ ही आंतों के कार्यों को भी ठीक रखता है
फलस्वरूप वजन घटाना अथवा मोटापा नियंत्रण आसान हो जाता है।
7. कैंसर प्रतिरोधी
अध्ययनों के अनुसार, पपीते के सेवन से गुदा (Colon) और प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
पपीते में एंटी-ऑक्सीडेंट, फीटोन्यूट्रिएंट्स और फ्लेवोनॉयड्स प्रचुर मात्रा में होते हैं
जो शरीर में कैंसर पनपने से रोकते हैं(13, 14, 15).
- पपीते के पत्ते डेंगू रोग में लाभकारी
8. तनाव निवारक
पपीते में विटामिन सी प्रचुरता में उपलब्ध होता है। इस कारण पपीता तनाव दूर करने की ताकत रखता है।
शोध के अनुसार, लगभग 200 मिलीग्राम विटामिन सी स्ट्रेस हार्मोंन को नियंत्रित करने में सक्षम होता है
और पाव भर पपीते में हमें दैनिक ज़रुरत का डेढ़ गुना विटामिन C मिल जाता है.
9. गठिया से बचाव
गठिया जैसी बीमारी शरीर को दुर्बल करने के साथ ही जीवनशैली को भी बुरी तरह से प्रभावित करती है।
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होने के कारण पपीता खाना जोड़ों के लिए बेहद लाभकारी विकल्प हो सकता है।
अध्ययनों के अनुसार विटामिन-सी युक्त भोजन न लेने वाले लोगों में गठिया का खतरा विटामिन-सी का सेवन करने वालों के मुकाबले लगभग तीन गुना अधिक होता है।(16, 17, 18, 19).
गठिया, गाउट, यूरिक एसिड व जोड़ों के दर्द सम्बन्धी उपचार व जानकारी इस लेख में देखिये.
10. माहवारी कष्ट निवारक
पपीते का पैपेन नामक एंजाइम देवियों के माहवारी के दर्द को कम करने में सहायक जाना गया है।
इसलिए माहवारी के समय आहार में पपीता को शामिल करना चाहिए।
11. आंखों के लिए लाभकारी
नेत्र स्वास्थ्य के लिए पपीता उपयोगी होता है।
इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन ए की उपलब्धता आंखों की रोशनी को कम होने से बचाती है।
इसके सेवन से रतौंधी रोग का निवारण होता है और आंखों की ज्योति बढ़ती है।
- पपीते का shake
12. अन्य गुण फायदे
इससे इम्यून तंत्र मज़बूत होता है। शरीर को पोषण देने के साथ ही ये रोगों का प्रतिरोध भी करता है।
यकृत तथा पीलिया के रोग में पपीता अत्यंत लाभकारी है।
पपीते में बढ़ते बच्चों के बेहतर विकास के लिए ज़रूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं।
पपीता पेट के तीनों प्रमुख दोष आम, वात और पित्त में राहत पहुंचाता है व आंतों के लिए उत्तम पोषण होता है।
उपयोग विधियाँ
पपीते का उपयोग फल के रूप में अधिक किया जाता है.
इसके शेक, जैम, जेली, हलवे और शीतल पेय भी प्रयोग में लाये जाते है।
कच्चे पपीते की सब्जी बनायी जाती है; परांठे भी बनाते हैं.
पत्तों का रस WBC काउंट बढाने के लिये दिया जाता है.
कुछ एशियाई देशों में इसके पत्तों का सूप और साग शाक भी बनाया जाता है.
बीजों का उपयोग लिवर रोगों के निवारण के लिये किया जाता है.
सौन्दर्य प्रसाधनों में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
चेहरा गोरा, मुहांसे रहित रखने के लिये फलों के गूदे से फेस पैक भी उपयोग करते हैं.
सारशब्द
पपीते का उपयोग पोषण भी देता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी.
इसके गुण और लाभ लगभग हर शारीरिक क्रिया में उपयोगी हैं.
पपीते के पौधे बड़ी आसानी से घर आँगन में लगाये जा सकते है जो जगह भी कम लेते हैं और फल भी भरपूर देते हैं.
इसका नियमित उपयोग कीजिये, कई रोगों से बचे रह कर बेहतर स्वास्थ्य पा सकते हैं.