मोटापा एक ऐसी विसंगति है जिसमें शरीर में सामान्य से बहुत अधिक वसा जमा हो जाती है,
और स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है.
परिणामस्वरूप, मोटे लोग जानलेवा बीमारियों जैसे डायबिटीज, ह्रदय रोग, थाइरॉयड समस्या, हाइपरटेंशन और किडनी रोग से ग्रस्त हो बड़ी कम आयु में ही जीवन खो रहे हैं.
आईये, जानते हैं, क्या है मोटापे की वैज्ञानिक परिभाषा व क्या हैं मोटापा घटाने के तरीके उपाय
बॉडी मास इंडेक्स (Body Mass Index या BMI)
किसी व्यक्ति के दुबले या मोटे होने का वैज्ञानिक आधार शरीर का बॉडी मास इंडेक्स (Body Mass Index या BMI) होता है.
BMI निकालने का एक बहुत ही सरल फार्मूला है,
जहाँ शरीर के वज़न (किलोग्राम में) को शरीर की ऊँचाई (मीटर में) के स्क्वायर से भाग दे देते हैं.
उदाहरण के लिये यदि किसी का वज़न 60 किलो है और ऊँचाई 1.65 मीटर है तो उसका BMI इस प्रकार से निकालेंगे:
60/1.65/1.65= 22
(यदि आपको अपनी ऊँचाई फुट इंचों में पता है तो इंचों को 2.54 से गुना करके सेंटीमीटर बन जायेंगे जिन्हें 100 से भाग देकर मीटर निकल आएंगे.
मान लीजिये किसी कि ऊँचाई 5 फुट 8 इंच है, तो इंच बने 5*12+8= 68; जिनके सेंटीमीटर हुए 68*2.54= 172.72; और मीटर हुए 172.72/100= 1.7272)
किसे कहेंगे मोटापा
BMI के तरीके से हमारे वज़न को चार मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है:
- 18.5 से कम – कम वज़न (Underweight)
- 18.5 से 25 – सामान्य उत्तम वज़न (Normal healthy weight)
- 25 से 29.9 – अधिक वज़न (Overweight)
- 30 से ज्यादा – अत्यधिक वज़न (Obese)
यदि आपका का BMI श्रेणी 3 या 4 का है तो ये मोटापे की श्रेणियां हैं.
इसका ये भी मतलब है कि आपको अपना वज़न घटाने की ज़रुरत है.
भारत में मोटापे की परिभाषा भिन्न है
2007 में हुए National Family Health Survey के अनुसार भारत में लगभग एक करोड़ से अधिक जन मोटापे से ग्रस्त हैं.
मोटापे ने एक महामारी के रूप में जगह बना ली है, जो अब डायबिटीज के बाद नंबर दो पर है.
इससे संज्ञान लेते हुए Ministry of Health & Family Welfare ने Indian Council of Medical Research के साथ मिलकर 2012 में मोटापे का नया पैमाना जारी किया, जो दुनिया के अन्य देशों से भिन्न है.
इसके पैमाने के अनुसार 23 kg/m2 से अधिक का BMI overweight माना गया.
अन्य परिभाषाएं इस प्रकार हैं:
सामान्य Normal BMI: 18.0-22.9 kg/m2,
अधिक वज़न Overweight: 23.0-24.9 kg/m2,
मोटापा Obesity: >25 kg/m2.
ये सब इसलिए किया गया क्योंकि भारतीय मोटापे में तोंद में चर्बी का बढ़ना एक मुख्य विसंगति पायी गयी,
जो भारतियों के शरीर में पाए जाने वाले DNA के एक विशेष जीन के कारण होता है.
पेट में चर्बी का जमाव डायबिटीज व ह्रदय रोग का एक मुख्य कारक माना जाता है (1)
मोटापे के कारण
मोटापे के मुख्य कारक या तो हमारे मस्तिष्क में समाहित होते हैं या फिर शारीरिक-क्रियातंत्र (Physiology) में.
व्यायाम और सामान्य दैनिक गतिविधियों के लिए आवश्यकता से अधिक कैलोरी लेने के परिणामस्वरूप अक्सर मोटापा बढ़ता है.
मोटापे के अन्य कारणों में एंटीबायोटिकस व स्टेरॉयडस का अनुचित उपयोग व
आहार में पेस्टीसाइड के उपयोग से शारीरिक क्रियातंत्र का विकृत होना भी पाया गया है.
क्या करें
मोटापे के कारणों से ये कदापि न समझें कि मोटापे के लिये हमें अपनी जीवन शैली बदलने की ज़रूरत नहीं.
बिलकुल है,
और यदि आप वाकई मोटापे से निजात पाना कहते हैं तो आपको अपने आहार व जीवन शैली में परिवर्तन लाने ही होंगे.
मोटापे का आमतौर पर स्वयं उपचार किया जा सकता है.
उपचार का मुख्य आधार आहार, व्यायाम व जीवन-शैली परिवर्तन है.
आयुर्वेद में मोटापा घटाने के दुर्लभ व कारगर योग उपलब्ध हैं
जिनसे आप अपने शरीर को सुडौल, आकर्षक व उर्जावान बना सकते हैं.
अन्य लेखों में, मोटापा घटाने के दिनचर्या बदलाव व आहारों की चर्चा समय समय पर की गयी है.