खुशवंत सिंह ( Khushwant Singh) जी ((born Khushal Singh, 15 August 1915 – 20 March 2014) ने 98 साल की खुशहाल जीवन यात्रा की.
पूरा भारत उनको जानता है जो दो बार पद्म विभूषण से नवाज़े गए.
1974 में और पुन: 2007 में.
Operation Blue Star के कारण 1974 का पद्म विभूषण उन्होंने 1984 में वापिस कर दिया था.
जिसे सरकार के अनुरोध पर उन्होंने 2007 में स्वीकार कर लिया था.
वे 98 साल तक बेहतरीन जीवन जिए.
उनका जीवन और जीवन शैली हम सब के लिए एक मार्गदर्शक हो सकते हैं.
जानते हैं…
जीवन जीने के दस सूत्र – खुशवंत सिंह (Khushwant Singh)
1. अच्छा स्वास्थ्य
अगर आप पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं, तो आप कभी खुश नहीं रह सकते।
बीमारी छोटी हो या बड़ी, ये आपकी खुशियां छीन लेती हैं।
2. ठीक ठाक बैंक बैलेंस
अच्छी ज़िंदगी जीने के लिए 55 साल तक काम करना चाहिए और बहुत अमीर होना ज़रूरी नहीं।
पर इतना पैसा बैंक में हो कि आप आप जब चाहे बाहर खाना खा पाएं,
सिनेमा देख पाएं, समंदर और पहाड़ घूमने जा पाएं, तो आप खुश रह सकते हैं।
उधारी में जीना आदमी को खुद की निगाहों में गिरा देता है।
3. अपना मकान
मकान चाहे छोटा हो या बड़ा, वो आपका अपना होना चाहिए।
अगर उसमें छोटा सा बगीचा हो तो आपकी ज़िंदगी बेहद खुशहाल हो सकती है।
4. समझदार जीवन साथी
जिनकी ज़िंदगी में समझदार जीवन साथी होते हैं, जो एक-दूसरे को ठीक से समझते हैं,
उनकी ज़िंदगी बेहद खुशहाल होती है, वर्ना ज़िंदगी में सबकुछ धरा का धरा रह जाता है,
सारी खुशियां काफूर हो जाती हैं।
हर वक्त कुढ़ते रहने से बेहतर है अपना अलग रास्ता चुन लेना।
5. दूसरों की उपलब्धियों से न जलना
कोई आपसे आगे निकल जाए, किसी के पास आपसे ज़्यादा पैसा हो जाए, तो उससे जले नहीं।
दूसरों से खुद की तुलना करने से आपकी खुशियां खत्म होने लगती हैं।
6. गप से बचना
लोगों को गपशप के ज़रिए अपने पर हावी मत होने दीजिए।
जब तक आप उनसे छुटकारा पाएंगे, आप बहुत थक चुके होंगे
और दूसरों की चुगली-निंदा से आपके दिमाग में कहीं न कहीं ज़हर भर चुका होगा।
7. अच्छी आदत
कोई न कोई ऐसी हॉबी विकसित करें, जिसे करने में आपको मज़ा आता हो, मसलन गार्डेनिंग, पढ़ना, लिखना।
फालतू बातों में समय बर्बाद करना ज़िंदगी के साथ किया जाने वाला सबसे बड़ा अपराध है।
कुछ न कुछ ऐसा करना चाहिए,
जिससे आपको खुशी मिले और उसे आप अपनी आदत में शुमार करके नियमित रूप से करें।
8. ध्यान
रोज सुबह कम से कम दस मिनट ध्यान करना चाहिए।
ये दस मिनट आपको अपने ऊपर खर्च करने चाहिए।
इसी तरह शाम को भी कुछ वक्त अपने साथ गुजारें।
इस तरह आप खुद को ज़रूर जान पाएंगे।
9. क्रोध से बचना
कभी अपना गुस्सा ज़ाहिर न करें।
जब कभी आपको लगे कि आपका दोस्त आपके साथ तल्ख हो रहा है,
तो आप उस वक्त उससे दूर हो जाएं,
बजाय इसके कि वहीं उसका हिसाब-किताब करने पर आमदा हो जाएं।
10. अंतिम समय
जब यमराज दस्तक दें,
तो बिना किसी दुख, शोक या अफसोस के साथ उनके साथ निकल पड़ना चाहिए अंतिम यात्रा पर,
खुशी-खुशी।
शोक, मोह के बंधन से मुक्त हो कर जो यहां से निकलता है,
उसी का जीवन सफल होता है।
सारशब्द
इन दसों सूत्रों को पढ़ने के बाद पता चला कि सचमुच खुशहाल ज़िंदगी और शानदार मौत के लिए ये सूत्र बहुत ज़रूरी हैं।
पता नहीं कि खुशवंत सिंह ने पीएचडी की थी या नहीं।
पर इन्हें पढ़ने के बाद लगने लगा है कि ज़िंदगी के भी डॉक्टर होते हैं।
ऐसे डॉक्टर ज़िंदगी बेहतर बनाने का फॉर्मूला देते हैं ।
ये ऐसे ही एक ज़िंदगी के डॉक्टर की ओर से ज़िंदगी जीने के लिए दिए गए नुस्खे हैं
आप भी अपनाईये, और लाभ लीजिये.
पोस्ट साभार:
J P Tiwari, acknowledged with gratitude and thanks.
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