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गाजर की कांजी – बेहतरीन टॉनिक, जानिये बनाने की विधि

इस लेख में जानेंगे गाजर की कांजी के स्वास्थ्य लाभ गुणों और इसकी बनाने की विधि के बारे में.

गाजर अपने आप में एक अभूतपूर्व पोषक आहार है.

गाजर के स्वास्थ्य लाभ इसे एक विविध उपयोगी आहार भी बनाते हैं.

सब्जी के रूप में इसके कई व्यंजन तैयार किये जाते हैं और इसे सलाद के रूप में भी उपयोग किया जाता है.

आपको सर्दियों में गाजर का जूस लगभग हर शहर में मिलेगा

और इसका हलवा भी लगभग हर घर में तैयार किया जाता है.

गाजर का मुरब्बा पूरे साल उपयोग किया जाता है जिसे पेट के लिए अति लाभकारी माना जाता है.

पोषण तथ्य

प्रति 100 ग्राम गाजर में आपको तीन दिन से भी अधिक विटामिन A की मात्रा मिल जाती है.

इसीलिए आपको बताया जात है की गाजर खाने से नज़र बिलकुल दुरुस्त बनी रहती है.

गाजर के मुख्य पोषण तत्व इस प्रकार से रहते हैं

Sodium 69 mg2%
Potassium 320 mg9%
Total Carbohydrate 10 g3%
Dietary fiber 2.8 g11%
Sugar 4.7 g
Protein 0.9 g1%
Vitamin A334%Vitamin C9%
Calcium3%Iron1%
Vitamin D0%Vitamin B-65%
Vitamin B-120%Magnesium3%

पोषण तालिका से स्पष्ट है कि गाजर फाइबर का भी बढ़िया स्रोत है

और सोडियम पोटैशियम का बेहतरीन संतुलित आहार भी.

फाइबर और सोडियम पोटैशियम के इस संतुलन के कारण ही गाजर को ह्रदय हितकारी आहार भी बताया जाता है.

गाजर की कांजी

वैसे तो गाजर के सभी व्यंजन पौष्टिक माने जाते हैं लेकिन इसकी कांजी पीने का अपना एक विशेष महत्त्व है.

वह इसलिए क्योंकि कांजी एक खमिरिकृत पेय है जिसमें गाजर के गुण तो मिलते ही हैं

साथ ही पेट के लिए लाभकारी बैक्टीरिया और एंजाइम्स भी प्रचुरता में उपलब्ध हो जाते हैं.

गाजर की कांजी में lactobacillus plantarum नामक लाभकारी बैक्टीरीया प्रचुर मात्रा में मिलता है, जो आपके पेट को स्वस्थ और मूड को खुशमिजाज रखने में सहायक होता है।

यही बैक्टीरिया और एंजाइम्स हमारी पाचन शक्ति को दुरुस्त करने में सहायक होते हैं.

कांजी पीने के लाभ वाकई अनंत होते हैं.

गाजर की कांजी बनाने की विधि

जब पानी में गाजर का  कुछ दिन के लिए  खमीरीकरण किया जाता है तो इस पेय को कांजी पेय कहा जाता है.

बनाने की विधि बड़ी ही आसान है.

1 पाव भर या आधा किलो गाजर को अच्छी तरह धो कर इसके आड़े लगभग 1.5 से 2 इंच लम्बे टुकड़े काट लें.

2 इन टुकड़ों को एक खुले मुहं वाले मर्तबान या जार में डाल दें कि जार आधे हिस्से तक गाजर से भर जाये.

3 आप आधा किलो गाजर में एक चुकंदर भी काटकर मिला सकते हैं,

जिससे आपकी कांजी में चुकंदर के गुण भी आ जायेंगे और रंग भी सुर्ख लाल हो जायेगा.

सुर्ख लाल रंग लेने के लिए ही काली गाजर की कांजी भी बनायी जाती है.

4 इसमें एक से दो चम्मच पिसी हुई राई या सरसों, एक से दो चम्मच चीनी या शक्कर, स्वादानुसार काली मिर्च, भुना पिसा जीरा और धनिया और नमक मिला लें.

5 चाहें तो इसमें बारीक कटा पिसा हुआ अदरक और लहसुन भी मिला सकते हैं.

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6 अब जार को पानी से भर दें और ढक्कन लगा कर किसी धूप वाली जगह रख दें.

7 3-4 दिन में कांजी तैयार हो जाएगी.

जिसकी बेहतरीन महक और लाजवाब स्वाद आपको तरोताज़ा अनुभूति देंगे.

  1. 3-4 दिन बाद इसे रसोई में रख लें.

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रोज़ एक कप निकालिये और बीच में से तीन चार टुकड़े गाजर डालकर पीजिये

लगभग आधा किलो गाजर से ढाई से तीन लीटर कांजी बन जाती है.

इतनी मात्रा के लिए आपको दो छोटे चाय के चम्मच राई लेनी चाहिये और चीनी के दो तीन चम्मच लेने चाहिये

चीनी डालने से कि खमीरीकरण जल्दी और आसानी से हो जाता है.




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