सदियों से आयुर्वेदिक, चीनी, यूनानी एवं पश्चिमी दवाओं में गोखरू का उपयोग होता आया है. वास्तव में गोखरू – दुनियाभर का शक्तिवर्धक टॉनिक माना जाता है.
आखिर हो भी क्यों न.
बच्चों से लेकर जवान, बूढों तक; पुरुष, महिलाओं; सब के लिए यह एक उत्तम रसायन माना जाता है.
ताकत, वाजीकरण, शारीरिक शक्ति और वीर्य की कमी, रतिशक्ति की कमी, स्वप्नदोष, नामर्दी, नपुंसकता, व मूत्रल औषधियों के कई योगों में इसका उपयोग किया जाता है.
यूरोप में गोखरू (English: Tribulus; Botanical name: Tribulus terrestris) को मनोदशा सुधारण (mood enhancer),
जननेंद्रिय विकारों जैसे लिंग दौर्बल्य (Erectile dysfunction) व
महिला कामलिप्सा कमजोरी (loss of libido) के लिये उपयोगी माना जाता है.
रूस में इसे एक उत्तम वीर्यवर्धक टॉनिक के रूप में जाना जाता है.
गोखरू पर हुए आधुनिक शोधों के कारण यह एथलीटों व बॉडीबिल्डरों में एक पसंदीदा सप्लीमेंट के रूप में जाना जाने लगा है. (1)
कई सारे शोधों ने गोखरू को सेहत और कामशक्ति के लिये लाभकारी पाया है.
इनके परिणामों के चलते एक बड़ा बाज़ार खड़ा हो गया है, और गोखरू के उत्पादों की मांग भी अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई है.
आईये जानते हैं गोखरू के गुण और लाभ फायदे और औषधीय उपयोग के बारे में…
गोखरू की पहचान
गोखरू या ‘गोक्षुर’ (Tribulus terrestris, Land caltrops, Puncture vine) भूमि पर फ़ैलने वाला छोटा प्रसरणशील पौधा है
यह प्राय: हर प्रकार की जमीन पर उग जाता है।
उत्तर और मध्य भारत मे, बंगाल से लेकर राजस्थान व तमिलनाडू से लेकर उत्तर में शिवालिक श्रृंखला तक गोखरू बहुत मिलता है।
पत्र खंडित और फूल पीले रंग के आते हैं, फल कांटे युक्त होते हैं.
इसमें चने के आकार के कड़े और कँटीले फल लगते हैं।
बाजार मे गोखरु के नाम से इसके बीज मिलते हैं।
यही बीज अथवा फल औषधि के काम में आते हैं. (2)
आयुर्वेद के भावप्रकाश ग्रन्थ में उल्लेख है कि इसके कांटे गाय जैसे पशुओं के खाए जाने पर छुरी की धारदार घाव की भांति असर करने के कारण ही इसे गो+क्षुर कहा जाता है.
गोखरू – दुनियाभर का शक्तिवर्धक टॉनिक
आयुर्वेद गोखरू को वीर्यक्षीणता, स्वप्नदोष व नपुंसकता के लिये उत्तम वनौषधि बताता है.
साथ ही इसका उपयोग धातु प्रमेह, किडनी दोष, पथरी, मूत्र विकार व वातरक्त के रोगों के लिये बताया गया है.
इसे आरोग्यवर्धक माना गया है जिसके लाभ पूरे शरीर को मिलते हैं.
पश्चिमी सभ्यताओं में गोखरू को सेक्स के लिये एक उत्तम औषधि के रूप में जाना और उपयोग किया जाता है.
वे इसे कामवासना की कमी के लिये एक उत्तम टॉनिक मानते व उपयोग करते हैं. (3)
आधुनिक विज्ञान के शोध भी, गोखरू के इन उपयोगों के प्रभाव को सही मानते हैं. (4)
कैसे काम करता है गोखरू
शोधकर्ताओं ने गोखरू में ऐसे प्राकृतिक रसायनों अथवा योगों का पता लगाया है जो testosterone की उत्पादकता बढाने का कार्य करते हैं.
हाल ही के एक शोध ने गोखरू को testosterone बनाने की गतिविधि में सहायक पाया है.
जब कि एक अन्य विश्लेषण में यह भी सामने आया कि गोखरू शुक्राणुओं की गिनती को बढाने में कारगर रहता है.
एक अन्य शोध ने पाया कि गोखरू रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढाता है जिसके कारण ही testosterone के बढ़ने की गतिविधि भी बढ़ जाती है.(4)
गोखरू के गुणों का महत्व
Testosterones का उचित स्तर, कामोत्तेजना, जननक्षमता और बेहतर रतिक्रीड़ा का कारक माना जाता है.
यह मांसपेशियों के सुडौलपन व मोटापे को रोकने में भी सहायक रहता है.
उर्जाशक्ति देने के कारण इसे बेहतर नींद, तनाव निवारक व बेहतर खुशमिजाजी का भी स्रोत मानते हैं.
गोखरू, क्योंकि testosterone के स्तर में सुधार पर काम करता है, इस कारण इसे इन सभी विसंगतियों में लाभकारी जाना गया है.
गोखरू – किन्हें खाना चाहिए
यदि आप सुडौल देह चाहते हैं, रोज़ व्यायाम करते हैं, जिम जाते हैं, वेट ट्रेनिंग लेते हैं या खिलाडी हैं; तो गोखरू आपको गज़ब के परिणाम दे सकता है.
गोखरू में उपलब्ध सैपोनिन्स (Saponins) शरीर को उर्जावान रखने में सहायक रहते हैं.
यदि शरीर में शुक्र अथवा वीर्य-उत्पत्ति कम हो रही हो.
चाहे यह आयु के बढाव के कारण हो या मानसिक तनाव, अव्यवस्थित दिनचर्या, प्रदूषित पर्यावरण, तेज़ दर्दनिवारक या एंटीबायोटिक दवाओं के कारण.
क्षीण शुक्र-उत्पत्ति (lower testosterone activity) के लिये गोखरू एक बेहतरीन प्राकृतिक विकल्प है.
क्या महिलायें और बच्चे ले सकते हैं
बिलकुल.
गोखरू का उपयोग कई रोगों और एक रसायन अथवा टॉनिक के रूप में भी किया जाता है.
बच्चों और किशोरों का वजन व लम्बाई बढाने के लिए गोखरू एक उत्तम रसायन अथवा टॉनिक है.
इसे लेने पर जल्दी और असरदार लाभ मिलता है.
गोखरू का उपयोग महिलाओं के लिये भी वरदान है.
इसके के उपयोग से माहवारी दोष, दुर्बलता, खून की कमी और प्रसूता महिला के दूध में बढ़ोतरी होती है. (5)
इसके उपयोग से पेट भी ठीक रहता है साथ ही मूत्रल होने के कारण यह पथरी, high BP, यूरिक एसिड, गाउट इत्यादि में भी लाभकारी रहता है.
औषधि के रूप में गोखरू का उपयोग पथरी रोग, high BP, पित्त शांति के लिये अकेले या अन्य योगों के साथ किया जाता है.
गोखरू के सप्लीमेंट्स
मुख्यत: उपरोक्त कारणों से गोखरू के सप्लीमेंट्स भी काफी लोकप्रिय हैं जिन्हें इस लिंक पर देखा और खरीदा जा सकता है:
गोखरू का उपयोग अन्य औषधियों के साथ भी किया जाता है.
क्योकि ऐसे योग शक्तिदायक भी होते हैं, योगवाही भी और रोग प्रतिरोधक भी.
आयुर्वेद सेंट्रल का प्रसिद्ध उत्पाद अमृतयोग एक ऐसा रसायन टॉनिक है जिसमें गोखरू, अश्वगंधा, गिलोय, केवांच, शिलाजीत और आंवला का प्रमाणित तालमेल रहता है.
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सारशब्द
पूरे परिवार के लिए गोखरू एक बेहतरीन टॉनिक है.
विभिन्न विसंगतियों और कामशक्ति के लिये भी गोखरू एक प्राकृतिक उपाय है.
इसका उपयोग कई रोगों जैसे high BP, पथरी, किडनी रोग, यूरिक एसिड व गाउट इत्यादि से बचा सकता है, और लम्बे समय तक जवान रख सकता है.
बच्चे, जवान और बूढ़े सभी को; गोखरू के योगों का उपयोग करना चाहिए और इसके लाभ पाने चाहिए.