इस लेख में पढ़िये IBS संबंधी आपके प्रश्नों के उत्तर (IBS Course FAQs)
सोशल मीडिया में IBS रोग के इलाज को लेकर कई भ्रांतियाँ मिलती रहती हैं, जो आपको भ्रम में डाल सकती हैं।
हमारे अधिकतर पुराने ग्राहक जगह जगह अपना इलाज करवा कर हताश हो चुके होते थे।
स्वाभाविक है जब ऐसा होता है तो कोई भी नया इलाज को लेने से पहले मन में कई शंकाएं और प्रश्न उठते हैं।
आपके मन में भी कई प्रश्न हो सकते हैं।
यहाँ उन सभी प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं जो सामान्यत: आप जानना चाहते हैं।
क्या IBS जड़ से समाप्त हो सकती है?
(Is IBS Curable in Ayurveda)
आयुर्वेद में IBS (Irritable Bowel Syndrome) को संग्रहणी और ग्रहणी के रूप में जाना जाता है।
यह एक पाचन तंत्र संबंधी विकार है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है।
एलोपैथिक प्रणाली में, IBS को एक लक्षणात्मक विकार (symptomatic disorder) मानकर केवल लक्षणों का ही उपचार किया जाता है।
जबकि आयुर्वेद इसे प्रणालीगत (Systemic) विकार मानता है, और रोग के मूल कारणों के इलाज का लक्ष्य रखता है।
आधुनिक शोध मानते हैं कि इस समस्या को लक्षणात्मक विकार (symptomatic disorder) मानकर इसका एलोपैथिक प्रणाली में निदान संभव नहीं है।
इसके लिये एक समग्र दृष्टिकोण (Holistic approach) की आवश्यकता होनी चाहिये जो केवल आयुर्वेद में ही उपलब्ध है। इस तथ्य को एलोपैथिक प्रणाली भी स्वीकारती है।
IBS के आधुनिक चिकित्सा (एलोपैथी) उपचार
एलोपैथिक प्रणाली में, IBS को एक कार्यात्मक विकार (Functional disorder) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसका अर्थ है कि इसका कोई ठोस कारण आसानी से पहचाना नहीं जा सकता है।
इस रोग में आधुनिक चिकित्सा (एलोपैथी) केवल लक्षणात्मक (symptomatic) राहत पर ध्यान केंद्रित करती है।
आधुनिक चिकित्सा (एलोपैथी) के उपचार पेट दर्द (abdominal pain), सूजन (inflammation), गैस अफ़ारा (bloating), दस्त (diarrhoea), या कब्ज (constipation) जैसे लक्षणों के प्रबंधन के इर्द-गिर्द ही घूमते रहते हैं।
और इन्हीं लक्षणों को कम करने के लिए दवाएँ दी जाती हैं।
जैसे पेट की ऐंठन मरोड़ और दर्द के लिये antispasmodics, कब्ज़ के लिये laxatives, अतिसार, जुलाब या दस्त के लिये anti-diarrheal, गैस एसिडिटी के लिये antacids & PPIs, इत्यादि इत्यादि।
लेकिन ये सभी औषधियाँ उस अंतर्निहित असंतुलन (underlying imbalances) को ठीक नहीं करती हैं जो IBS को जन्म देती है।
परिणामस्वरूप, आधुनिक चिकित्सा (allopathy) के इलाज में तुरन्त राहत तो मिल सकती है लेकिन बीमारी का बार बार होना एक बड़ी और आम समस्या बनी रहती है।
एलोपैथी के जानकार कहते हैं कि उनके पास IBS का कोई स्थायी (permanent) उपचार नहीं है।
IBS इलाज की आयुर्वेद पद्धति
आयुर्वेद इस रोग को व्यापक (Comprehensive) और प्रणालीगत (Systemic) दृष्टिकोण प्रदान करता है जो रोग के मूल कारणों को संबोधित करता है और इसे समग्र रूप से ठीक करने की क्षमता का लक्ष्य रखता है।
IBS को आयुर्वेद शरीर के दोषों-वात, पित्त और कफ में गहरे असंतुलन की अभिव्यक्ति के रूप में देखता है।
वास्तव में, IBS, संग्रहणी या ग्रहणी, मुख्य रूप से पाचन अग्नि (Digestive fire) और आंतों (Gut) के खराब कामकाज से जुड़ा हुआ रोग होता है।
इसलिए, आयुर्वेदिक उपचार पाचन तंत्र में संतुलन बहाल करने, आंतों को शक्तिशाली बनाने और खराब पाचन के कारण जमा होने वाले विषाक्त पदार्थों को समाप्त करने पर केंद्रित होता है।
आयुर्वेद में IBS का इलाज व्यक्ति की शारीरिक प्रकृति और उसके विशिष्ट दोष असंतुलन के आधार पर होता है। जो हर व्यक्ति के लिये भिन्न भिन्न हो सकता है।
इसलिये, IBS संग्रहणी का स्थायी (Permanent) उपचार केवल आयुर्वेद में ही संभव है।
कैसे होता है आईबीएस का आयुर्वेदिक इलाज
IBS अथवा ग्रहणी लक्षणों और रोगों के विस्तृत समूह का नाम है, जिसके उपचार में समग्र दृष्टिकोण (Holistic approach) की आवश्यकता होती है।
सबसे पहले रोग के लक्षणों का विश्लेषण किया जाता है, जो रोगी द्वारा दिये गये विवरण और जांच रेपोर्टों (यदि हों) के आधार पर होता है। समझने के लिये आपसे कई प्रश्न भी पूछे जाते है।
विश्लेषण के आधार पर IBS की किस्म और संबंधित विकारों की तीव्रता का निर्धारण किया जाता है।
अंतत: इलाज के लिये एक समग्र (Holistic) नीति बनाई जाती है, जिसमें लक्षणों के अनुसार औषधियां और सप्लीमेंट्स चुने जाते हैं।
औषधियों और सप्लीमेंट्स का चयन
इसे आपकी IBS की किस्म और संबंधित विकारों की तीव्रता के आधार पर तय किया जाता है, जैसे कि…
आंतों के लिये
साधारण IBS में केवल RemIBS औषधि से काम चल जाता है।
IBS-D में, यदि अतिसार की रोजाना आवृति तीन से अधिक बार होती हो तो RemIBS के साथ साथ PunicaDS भी दी जा सकती है। यदि आवृति तीन या इससे कम हो तो केवल RemIBS ही दी जाती है।
IBS-C में, यदि रोजाना पेट साफ न होता हो, तो RemIBS के साथ साथ Somalo भी दी जा सकती है। Somalo आंतों को गतिशीलता प्रदान करती है।
यदि मल विसर्जन रोज़ होता हो लेकिन मलाशय पूरा खाली न होता हो, तो इसकी आवश्यकता नहीं होती है।
चयापचय सुधार (Improving Metabolic Impairment)
IBS रोग में यदि कोई प्रक्रिया सबसे पहले असंतुलित होती है, तो वह है हमारी चयापचय (Metabolism) क्रिया।
चयापचयन (Metabolism) के असंतुलन से ही IBS के साथ अन्य रोग भी जुड़ते जाते है, जैसे कि लिवर की खराबी, गैस एसिडिटी, ब्लड प्रेशर, और कई मानसिक विकार आदि।
इसके लिये Anabol N नामक उत्पाद दिया जाता है जो इसे सुधारने का कार्य करता है।
सामान्यत: इसे एक ही बार दिया जाता है और यह 45 दिन के लिये पर्याप्त रहती है।
हाँ, जिन्हें IBS के साथ साथ uric acid, gout, जोड़ों के दर्द की समस्या पनप रही हो या हो गई हो, उन्हें इसका सेवन दोबारा भी लेना पड़ सकता है।
लघु पंचकर्म
आयुर्वेद में पंचकर्म पाचन तंत्र के शोधन (Cleansing) की क्रियाओं को कहा जाता है।
जिसके द्वारा शरीर से रोग और खराब पोषण के कारण पैदा हुए विषाक्त तत्वों को बाहर निकाला जाता है।
इसमें पाँच क्रियाएं होती हैं, जिन्हें करने के लिये आपको कुछ दिनों का अवकाश लेने की आवश्यकता होती है।
क्योंकि आजकल के जीवन में यह सब संभव नहीं हो पाता है इसलिये हमारे IBS इलाज में इसकी दो क्रियाएं की जाती हैं।
- विरेचन (Gut Cleasing): जिसके लिये Gut-CLR नामक उत्पाद का उपयोग किया जाता है।
- हल्का उपवास: जिसे खानपान के नियमों के अंतर्गत कभी कभार करना होता है। चिंता न करें, आपको पूरा दिन भूखा रहने को नहीं कहा जाता है।
प्रीबायोटिक्स
आंतों की सुचारु कार्यप्रणाली के लिये प्रीबायोटिक्स का अहम योगदान रहता है।
यह पेट के लाभकारी बैक्टीरीया का आहार होते हैं, आंतों को तरावट देते हैं, और आंतों में आहारगति को बढ़ावा देते हैं।
इसके लिये PBF Prebiotic नामक उत्पाद दिया जाता है।
संबंधित रोगों का निदान और उपचार
IBS के साथ सबसे बड़ी परेशानी यह है कि पुराना होने पर यह अपने साथ अन्य पेट विकारों को भी जोड़ते जाती है, इसलिये, उनका उपचार भी ज़रूरी हो जाता है।
इनमें से कुछ इस प्रकार के हो सकते हैं।
पित्तविकार (Gastritis)
IBS के साथ साथ पित्तविकार होना एक आम और बड़ी चुनौती होती है।
एसिडिटी, गैस, अफ़ारा, पेट में भारीपन बने रहना, नाभि खिसकना, ऐसिड रिफ्लक्स इत्यादि, सभी पित्तविकार अथवा गैस्ट्राइटिस की श्रेणी में ही आते हैं।
इनके लिये, लक्षणों के अनुसार, एक या दो औषधियाँ दी जा सकती है।
अग्नि असंतुलन (Digestive Fire Imbalance)
इस असंतुलन के कारण ऐसी विकृतियाँ पैदा हो सकती हैं, जिस कारण हमें भोजन के पोषक तत्व मिलने में कठिनाई आती है।
अग्नि असंतुलन के दो मुख्य रूप होते हैं।
अपच अथवा अजीर्ण (Indigestion or Dyspepsia):
जब लंबे समय तक आहार ठीक से पचता नहीं है,
खाने के बाद भारीपन अनुभव होता है, चाहे वह हल्का भोजन ही क्यों न हो;
इसे अपच या अजीर्ण कहते हैं।
मंदाग्नि (Anorexia)
इस विकार में या तो भूख ही नहीं लगती, कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होती है,
या फिर भूख तो लगती है, लेकिन थोड़ा सा खाते ही पेट भरा सा लगता है।
अग्नि असंतुलन के विकारों में अग्निमंथ उत्पाद का उपयोग किया जाता है।
आप जानना चाहेंगे कि IBS कोर्स की औषधियाँ कैसे काम करती है,
कितनी जल्दी लाभ मिलता है,
क्या रोग दोबारा तो नहीं होगा वगैरह वगैरह.
IBS के घरेलू उपाय
हमें वास्तविक प्रसन्नता तब मिलती है, जब इस रोग से पूर्ण मुक्ति पा हमारा ध्येय रहता है कि आप शीघ्र अतिशीघ्र IBS से निजात पाकर स्वस्थ जीवन जियें।
इसलिये औषधियों के साथ साथ उपयोगी घरेलू उपाय भी सुझाए जाते हैं।
औषधियों के साथ साथ आपको कई घरेलू नुस्खे भी बताये जाते हैं, जिन्हें आप बड़ी आसानी से तैयार कर सकते हैं।
यह उपाय आपके लक्षण विशेष के आधार पर सुझाए जाते हैं।
साथ ही आपको निशुल्क लिवर टॉनिक बनाने की सामग्री भी भेजी जाती है;
क्योंकि इस रोग में लिवर का सही होना अत्यंत आवश्यक होता है.
औषधियां कितने दिन तक चलती हैं
प्रत्येक औषधि की मात्रा 60 खुराक की रहती है.
औषधियां रोग की किस्म और उग्रता के अनुसार लेनी होती हैं.
शुरुआती समय के लिये PBF और Anabol-N दिन में दो बार लेनी होती हैं. जिस हिसाब से ये एक महीने के लिये पर्याप्त रहती हैं.
बाद में ये दिन में केवल एक ही बार लेनी होती हैं.
तब इनके पैक 60 दिन तक पर्याप्त रहते हैं.
लाभ मिलने के अनुसार अधिकतर मामलों में Anabol-N का उपयोग एक महीने बाद बंद भी कर दिया जाता है।
Gut-CLR का उपयोग शुरुआत के तीन या पांच दिन और बाद में हर सप्ताह या माह में एक दो बार ही होता है
इस कारण Gut-CLR का एक पैक 5 से 8 महीने तक भी चल जाता है.
इसी प्रकार उग्र लक्षणों में Rem-IBS दिन में तीन बार लेनी होती है जबकि बाद में केवल एक या दो बार ही लेनी होती है.
यदि इसका उपयोग तीन बार किया जा रहा हो तो यह 20 दिन चलेगी
जबकि दो खुराक प्रतिदिन में 30 दिन और एक खुराक प्रतिदिन में 60 दिन.
आरम्भ की इलाज की अवधि में Rem-IBS और Gut-CLR अलग अलग समय या दिनों में ही दी जाती हैं इकट्ठे कभी नहीं.
अर्थात जिन दिनों में Rem-IBS का उपयोग होता है उन दिनों में Gut-CLR का उपयोग नहीं किया जाता.
लेकिन बाद में Rem-IBS लेते हुए भी Gut-CLR का उपयोग किया जाता है.
क्या हर बार पूरा IBS कोर्स ही आर्डर करना होता है?
नहीं.
आपको सब उत्पाद आर्डर करने की आवश्यकता नहीं है.
केवल वही उत्पाद आर्डर कीजिये जो चाहिये हों.
कितने दिनों में लाभ दिखना आरम्भ होगा
लाभ पहले 8-10 दिन में ही अनुभव होने लग जाता है.
बहुत सारे ग्राहक 15-20 दिन के भीतर ही बताते हैं कि उनके कष्ट ठीक हो गए हैं.
लेकिन इसका यह मतलब कदापि नहीं कि रोग भी पूरा ठीक हो गया हो.
उन्हें सलाह दी जाती है कि खानपान में बताये गए घरेलू उपायों, नियमों और नुस्खों द्वारा अपने आपको पूरा सेहतमंद रखें.
हम चाहते हैं कि आप सुझाये गये खानपान और दिनचर्या नियमों में बदलाव कर हमेशा के लिये रोगमुक्त बनें और औषधियों का सेवन तब तक ही करें जब तक ज़रूरी हो.
कितने समय तक औषधियां लेनी पड़ेंगी
यह रोग की उग्रता और अवधि पर निर्भर करता है.
अधिकतर रोगियों को एक माह के भीतर ही लाभ मिल जाता है.
जबकि कुछ अन्य के लिए 2 – 3 महीने या अधिक समय भी लग सकता है.
कुछ भी हो, 10-15 दिन में लाभ का अनुभव हो ही जाता है.
क्या रोग जड़ से खत्म हो जायेगा
सामान्य खांसी, जुकाम और बुखार से लेकर कोई भी रोग दोबारा हो सकता है.
लेकिन यदि उचित बचाव करेंगे तो किसी भी रोग के दोबारा होने से बचा जा सकता है.
IBS संग्रहणी पर भी यही नियम लागू होता है.
आपको केवल यह जानने की आवश्यकता है कि कैसे खानपान और अन्य दिनचर्या में क्या बदलाव करने चाहिए,
जो आपको हमेशा रोगमुक्त रख सकें.
यह सुझाव आपको क्रमवार बताये जाते हैं ताकि आप उन्हें अपना कर लाभ का स्वयं अवलोकन कर सकें.
जब यह सारा ज्ञान आपको उपलब्ध होगा तो निश्चित ही आप रोग पर विजय पा लेंगे और दोबारा नहीं पनपने देंगे.
हमारे बहुत सारे वर्षों पुराने ग्राहक बिलकुल रोगमुक्त हैं,
यही नहीं, उन्हीं के कारण हमसे कई नए ग्राहक औषधियां/उत्पाद मंगा कर अपना इलाज करते हैं.
वास्तव में, हमारे कुल कारोबार का बहुत बड़ा हिस्सा हमारे पुराने ग्राहकों द्वारा समर्थित नये ग्राहकों से ही आता है.
IBS रोग में खानपान के क्या नियम हैं
औषधियां भेजने के साथ ही आपको खानपान सम्बन्धी सुझाव, नियम और बदलाव भी उपलब्ध कराये जाते हैं.
कुछ बदलाव बाद में भी सिलसिलेवार कराये जाते हैं.
ताकि आप हर सुझाये बदलाव का अवलोकन सवयं करें और उसे जीवन का अभिन्न अंग बना लें.
यह सुझाव बेहद आसान होते हैं जिन्हें आप आसानी से अपना सकते हैं.
क्या औषधियों के कोई दुष्परिणाम होते हैं
सभी औषधियां वानस्पतिक हैं इसलिए इनके कोई भी दुष्परिणाम नहीं होते.
यह अंतर्राष्ट्रीय प्रमाण संस्था ISO द्वारा और भारत के उच्च निर्माण विधियों यानि GMP द्वारा प्रमाणित हैं.
औषधियां कहाँ से मिलती हैं
औषधियां हमारे द्वारा सीधे आपके पास भेजी जाती हैं.
यह बाज़ार में उपलब्ध नहीं हैं.
इनकी गुणवत्ता और इनके डुप्लीकेट होने से बचाने के लिए ऐसा किया गया है.
कैसे भेजी जाती है औषधियां
सभी औषधियां कूरियर या Speed Post द्वारा सीधे आपके पास भेजी जाती हैं.
जहाँ कूरियर सुविधा उपलब्ध है वहां कूरियर द्वारा; जबकि अन्य सभी जगह स्पीडपोस्ट द्वारा.
विदेशों की सप्लाई DHL या Federal Express से की जाती है.
आर्डर करने के विकल्प (Ordering)
- आप उत्पाद ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं। जिसके लिये भुगतान डेबिट/क्रेडिट कार्ड, नेटबैंकिंग, UPI या कई अन्य प्रकार के e-wallets से किया जा सकता है.
- यदि आप Cash on Delivery चाहते हैं, तो भी ऑनलाइन आर्डर कीजिये और Cash on Delivery विकल्प चुनिये.
- उत्पाद सीधे मंगा सकते हैं; जिसके लिए कृपया अपना पिनकोड सहित पूरा पता फोन नंबर 7889150990 पर WhatsApp कीजिये।
डिलीवरी में कितना समय लगता है
आपका आर्डर मिलने के एक दो दिन के भीतर औषधियां आपको भेज दी जाती है.
दूरी के अनुसार इन्हें आप तक पहुँचने में दो से पांच दिन तक का समय लग सकता है.
औषधियां लेने की विधि
औषधियां लेने की विधि भेजने के समय उपलब्ध करवाई जाती है.
आपसे अपेक्षा है किऔषधियां मिलने पर एक बार संपर्क ज़रूर करें ताकि विधि विधान को आप ठीक प्रकार से समझ लें,
और इलाज आपकी वर्तमान स्थिति के मद्देनज़र आरम्भ हो सके.
रोग सुधार की जानकारी
आपको चाहिये कि समय समय पर अपने सुधार की जानकारी हमें देते रहे.
इसके लिये ईमेल या Telegram द्वारा एक नियत फॉर्मेट आपको भेजा जाता है.
जिसके द्वारा आप हमें अपने सुधार की जानकारी देते रहिये.
क्या IBS से उपजे अन्य रोगों की औषधियां भी उपलब्ध हैं
हमारे पास पेट विकारों से सम्बंधित अन्य कई रोगों की औषधियां उपलब्ध हैं.
इन औषधियों में बवासीर (Piles), लिवर रोग, अलसर, GERD, Hiatus hernia, आन्तरिक एसिडिटी, Proctitis और कोलाइटिस इत्यादि की औषधियां अलग से उपलब्ध करायी जाती हैं.
अन्य उत्पाद
IBS के अतिरिक्त भी कई औषधियां, टॉनिक और सप्लीमेंट्स भी उपलब्ध हैं जिनकी जानकारी आप शॉप सेक्शन में ले सकते हैं.
अन्य समाधान या प्रश्न
ये IBS कोर्स संबंधी प्रश्नों के उत्तर (IBS Course FAQs) हमारे रोग संबंधी प्रश्नों के संकलन से लिये गये हैं।
यदि उपरोक्त प्रश्नों के अतिरिक्त यदि आप कोई अन्य जानकारी या समाधान लेना चाहें तो 7889150990 पर फोन या WhatsApp से संपर्क कर सकते हैं।
अतिशय धन्यवाद, मंगल कामनायें!