Mind Negativity & Gut Health

Mind Negativity & Gut Health – नकारात्मक सोच और पेट का स्वास्थ्य

यदि आप पेट की गड़बड़ से जूझ रहें हैं तो यह पोस्ट आपके लिए है कि नकारात्मक सोच और पेट का स्वास्थ्य (Mind Negativity & Gut Health) आपस में जुड़े होते हैं।

आईये समझते हैं कि कैसे नकारात्मक सोच हमारे गट हेल्थ को प्रभावित करती है,

इसके कारण और लक्षण क्या हैं, और इसे सुधारने के सरल सर्वोत्तम उपाय क्या हैं।

यह भी जानेगे कि कैसे अपनी सोच को बदलकर हम बेहतरीन पाचन स्वास्थ्य पा सकते हैं।

नकारात्मक सोच और पेट का स्वास्थ्य (Mind Negativity & Gut Health)- परिचय

यदि आप नीचे दिए कुछेक विचारों से प्रभावित हैं तो समझ लीजिए, कि आपकी नकारात्मक सोच और पेट स्वास्थ्य पर असर डाल रही है।

क्या आप यह सोच बैठे हैं कि आपकी कब्ज की समस्या इतनी भयंकर है कि वह अब सही होना मुश्किल है?

मेरे डॉक्टर ने बताया है कि मुझे दूध छोड़ देना चाहिये, क्योंकि दूध गैस और दस्त कब्ज जैसी समस्या करता है। अब जब भी मैं दूध उत्पाद का सेवन करती/करता हूँ तो मुझे समस्या हो जाती है। 

बाहर का खाना खाने से पेट खराब होता है, इसलिये हम घर का खाना ही खाते हैं। अब यदि कभी कभार बाहर का खाना खाते हैं (जैसे पार्टी या ब्याह शादी में) तो हमारा पेट खराब हो जाता है।

मिर्च मसाले ठीक नहीं होते, इसलिये हम सादा भोजन करते हैं।

मैंने सोशल मीडिया में देखा पढ़ा है कि अमुक वस्तुएं पेट के लिए अच्छी नहीं होती। मैने भी पाया है कि वे वस्तुए अब मुझे भी दिक्कत देती हैं।

मैंने पढ़ा  है कि मैदा आंतों में चिपक जाता है और इसे मानता / मानती हूँ।

यदि ऊपर के कुछेक प्रसंग आप पर लागू होते हैं। तो समझ जाईये आप भी इस समस्या से घिरे हुए हैं!

हमारे मस्तिष्क और आंत (Gut) का गहरा संबंध है, जिसे गट-ब्रेन एक्सिस (Gut-Brain Axis) कहा जाता है।

जब हमारा मन नकारात्मक सोच, तनाव, चिंता या अवसाद से प्रभावित होता है,

तो इसका सीधा असर हमारे पाचन तंत्र और आंतों की सेहत पर पड़ता है।


कैसे नकारात्मक सोच हमारे गट हेल्थ को प्रभावित करती है?

हमारे मस्तिष्क और आंतें गट-ब्रेन एक्सिस के माध्यम से जुड़ी हुई हैं।

जब हम तनाव में होते हैं या नकारात्मक सोचते हैं, तो यह हार्मोनल असंतुलन, सूजन और पाचन संबंधी समस्याओं को जन्म देता है।

1. तनाव और कोर्टिसोल का प्रभाव

जब हम तनावग्रस्त होते हैं, तो हमारा शरीर कोर्टिसोल (Cortisol) नामक हार्मोन का स्राव बढ़ा देता है।

कोर्टिसोल का अधिक स्तर आंत की मांसपेशियों को सुस्त बना देता है, जिससे पाचन धीमा हो जाता है।

और यह गैस, अपच, एसिडिटी, कब्ज या दस्त जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।

2. माइक्रोबायोम असंतुलन (Gut Microbiome Imbalance)

हमारा पेट लाखों अच्छे और बुरे बैक्टीरिया से भरा होता है, जिन्हें गट माइक्रोबायोम कहा जाता है।

जब हमारा मन नकारात्मक विचारों से भरा होता है,

तो हमारे अच्छे बैक्टीरिया नष्ट होने लगते हैं जिससे हानिकारक बैक्टीरिया बढ़ने  लगते हैं।

इससे लीकी गट (Leaky Gut), इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS), और आंतों की सूजन (Inflammation) जैसी बीमारिया होने  लगती हैं।

3. डाइजेस्टिव एंजाइम्स की कमी

नकारात्मक सोच और चिंता के कारण पाचन तंत्र कम एंजाइम उत्पन्न करता है, जिससे खाना ठीक से नहीं पचता।

यदि आपको भी कुछ आहार लेने से परेशानी होती है तो यह एंजाइम्स की कमी का लक्षण है।

एंजाइम्स की कमी से पेट भारी लगना, गैस बनना, एसिडिटी और पोषक तत्वों का अवशोषण कम होना जैसी समस्याएं होती हैं।

4. लीकी गट सिंड्रोम (Leaky Gut Syndrome)

अधिक तनाव और नकारात्मक सोच के कारण आंत की परत कमजोर हो जाती है, जिससे विषैले पदार्थ खून में मिल सकते हैं।

इससे एलर्जी, सूजन, ऑटोइम्यून रोग और मानसिक थकान हो सकती है।

5. अपच और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) का खतरा

लंबे समय तक चिंता और नकारात्मक विचारों से आंतों की गतिशीलता (Motility) प्रभावित होती है।

इससे कब्ज (Constipation) और दस्त (Diarrhea) जैसी समस्याएं होती हैं।

यह समस्या आईबीएस (IBS – Irritable Bowel Syndrome) के रूप में उभर सकती है।


कैसे पहचानें कि नकारात्मक सोच आपकी गट हेल्थ को प्रभावित कर रही है?

यदि आपको निम्नलिखित समस्याएं बार-बार होती हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि नकारात्मक सोच आपके गट हेल्थ को नुकसान पहुंचा रही है:

गैस, ब्लोटिंग और एसिडिटी

अनियमित मल त्याग (कब्ज या दस्त)

अत्यधिक थकान और ऊर्जा की कमी

लगातार बेचैनी, तनाव और चिंता महसूस होना

अचानक वजन बढ़ना या घटना

बार-बार पेट का खराब होना 

एलर्जी और इम्यूनिटी कमजोर होना

अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो यह संकेत हो सकता है कि आपकी मानसिक स्थिति आपकी आंतों पर बुरा असर डाल रही है


कैसे दूर करें नकारात्मक सोच को?

अब सवाल यह उठता है कि हम अपने नकारात्मक विचारों को कैसे नियंत्रित करें, ताकि हमारा गट स्वस्थ रह सके?

इसके लिए नीचे दिए गए उपाय अपनाएं:

1. सकारात्मक सोच विकसित करें (Practice Positive Thinking)

प्रतिदिन स्वयं को सकारात्मक बातें कहें जैसे – “मैं स्वस्थ हूं”, “मेरा पाचन तंत्र मजबूत है”।

“मेरी पाचन समस्या अस्थायी है, ये जल्दी ही ठीक हो जाएगी।”

“मैं नहीं कर सकता” जैसी नकारात्मक सोच को “मैं कर सकता हूं” में बदलें।

उन लोगों के साथ समय बिताएं जो आपको खुश और प्रेरित करते हैं

सोशल मीडिया देख पढ़ करप्रभावित न हों।

पेट को दिमाग में मत चढ़ने दें

अपनी पेट की समस्या को दिमाग में मत चढ़ने दें।

पेट से  एक छोटे पालतू कुत्ते की तरह व्यवहार करें।

सोचें कि कोई बात नहीं, मैं इसे ट्रेन कर सुधार लूँगी/लूँगा।


2. ध्यान और योग करें (Practice Meditation & Yoga)

ध्यान (Meditation) करने से हमारा मन शांत होता है और नकारात्मक विचार कम होते हैं।

योग और प्राणायाम करने से तनाव के हार्मोन कम होते हैं और गट हेल्थ में सुधार होता है।

“अनुलोम-विलोम” और “कपालभाति” प्राणायाम आंतों की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाते हैं।


3. गट हेल्दी आहार अपनाएं (Follow a Gut-Friendly Diet)

फाइबर युक्त आहार लें – हरी सब्जियां, फल, और साबुत अनाज खाएं।

प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स लें – दही, छाछ, किमची, सौकरकूट जैसे फूड्स से अच्छे बैक्टीरिया बढ़ते हैं।

शुगर और प्रोसेस्ड फूड से बचें – ये आंतों में सूजन बढ़ाते हैं और गट माइक्रोबायोम को खराब करते हैं।


4. घोड़े बेच कर सोएं (Sleep Freely)

प्रतिदिन 7-8 घंटे की गहरी नींद लें, ताकि तनाव कम हो और गट हेल्थ ठीक रहे।

सोने के एक घंटे से पहले मोबाइल, टेलिविज़न और लैपटॉप का प्रयोग न करें।

सोने से पहले गर्म दूध या हर्बल टी लें, जिससे दिमाग शांत हो सके।

कुछ आध्यात्मिक, ज्ञानवर्धक रीडिंग करें। 

सोते समय मन को शांति देने वाला आध्यात्मिक या ऊर्जावर्धक संगीत, गायन सुनें।


5. नियमित व्यायाम करें (Exercise Regularly)

तेज़ चलना (Brisk Walking), जॉगिंग, और साइकलिंग से गट-ब्रेन एक्सिस शक्तिशाली होती है।

हल्की स्ट्रेचिंग करने से आंतों की गति सही रहती है और पाचन सुधरता है।

सूर्य नमस्कार एक ऐसा आसन जिसमें कई आसनों का लाभ मिल जाता है।


6. स्वयं को व्यस्त रखें (Engage in Positive Activities)

अपने शौक जैसे ड्रॉइंग, म्यूजिक, डांस, गार्डनिंग आदि में समय बिताएं।

किताबें पढ़ें, जिससे सकारात्मक विचार आएं।

घर से बाहर निकलें, आस पड़ोस से मेलजोल बढ़ाएं, छोटे बच्चों बड़े बुजुर्गों के साथ समय बिताएं, सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी।


7. डिजिटल डिटॉक्स करें (Reduce Screen Time & Social Media)

अत्यधिक सोशल मीडिया और नकारात्मक न्यूज़ देखने से बचें।

दिन में कुछ घंटे फोन और लैपटॉप से दूरी बनाएं।


निष्कर्ष

हमारा मन और गट एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं।

नकारात्मक सोच, तनाव और चिंता गट हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं।

लेकिन यदि हम सकारात्मक सोच, हेल्दी डाइट, योग, व्यायाम और अच्छी नींद पर ध्यान दें, तो हम अपने गट को स्वस्थ रख सकते हैं।

आइए, आज से ही सकारात्मक सोच अपनाएं और अपने गट हेल्थ को बेहतर बनाएं!

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