मन चंचल, चल राम शरण में – यही है आनन्द की सही कुन्जी
मनसा वाचा, कर्मणा, मैं हूँ मेरे राम, अर्पित तेरी शरण में, सहित कर्म शुभ काम ॥ मन चंचल, चल राम शरण में राम ही तेरा जीवन साथी, नित्य हितैषी, सब दिन साखी, दो दिन के हैं, ये जग वाले, हरि अंग संग है, जन्म मरण में ॥१॥ जग में तूने प्यार बढ़ाया, […]
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