यह हैं ओमेगा 3 से भरपूर आहार – खाईये, स्वस्थ रहिये

शरीर में ओमेगा 3 की  कमी होना एक व्यापक समस्या है. यदि आप ओमेगा 3 से भरपूर आहार लेंगे तो आपको इनकी कमी से सम्बंधित कोई भी विकार घेर नहीं पाएंगे.

ओमेगा 3 प्राप्त करने का केवल एक ही तरीका है, और वह है ओमेगा-3 युक्त आहारों का प्रचुर उपयोग.

यह हैं ओमेगा 3 से भरपूर आहार, जिनके उपयोग से आप omega 3 की भरपाई काफी हद तक कर सकते हैं.

ओमेगा 3 से भरपूर आहार

इन आहारों को दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है.

1 शाकाहारी आहार 

2 मांसाहारी आहार

शाकाहारी आहारों में ऐसी सब्ज़ियां, बीज या मेवे पाई जाते हैं, जो omega 3 का उत्तम स्रोत होते हैं.

कुलफा का साग (Purslane /Portulaca)

आपको हैरानी होगी, लेकिन शाक सब्जियों में केवल कुलफा ही ऐसा आहार है जिसमें सबसे अधिक मात्रा में omega 3 पाया जाता है.

प्रति 100 ग्राम कुलफा की पत्तियों में 350 mg अल्फ़ा लिनोलिक एसिड (α-linolenic acid) पाया जाता है.

कुलफा में विटामिन A भी प्रच्र्ता में मिलता है और अन्य कई एंटी ऑक्सीडेंटस भी.

जो इसे एक नायाब आहार का दर्जा प्रदान करते हैं.

इस लेख में पढ़िये कुलफा के विस्तृत स्वास्थ्य लाभ.

पालक का साग (Spinach)

कुलफा के बाद दूसरा स्थान पालक का आता है.

इसमें Omega-3 fatty acids की मात्रा 41.4mg प्रति 100 ग्राम होती है जो कुलफा के बाद सबसे अधिक पाई जाती है.

क्योकि पालक उम्दा एंटीऑक्सीडेंट तत्वों से भरा होता है, इसलिए इसका सेवन आपको कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी देता है.

बस एक ध्यान रखिये.

पालक पे अधिक पेस्टिसाइड उपयोग न किये गए हों, नहीं तो यह लाभ की जगह हानिकारक भी हो सकता है.

गोभी (Cauliflower)

यदि भिन्डी के बाद कोई ऐसी सब्जी है जो सभी पसंद करते हों, तो वह गोभी ही है.

यह omega 3 की भी उत्तम शाक सब्जी है.

एक ऐसी सब्जी जो केवल अपने मसालों की गंध लिए होती है.

अपनी केवल हल्की सी महक देती है.

ओमेगा 3 से भरपूर आहार

गोभी की सब्ज़ी हल्की भी होती है और सुपाच्य भी.

लेकिन यह तभी होता है जब इसकी सब्जी बिना किसी पेस्टिसाइड या कीटनाशकों के पैदा की गयी हो.

अन्यथा यह गैस की कारक भी हो सकती है और रोगकारक भी.

ब्रोक्कोली (Broccoli)

गोभी की भांति ही ब्रोक्कोली की सब्जी भी omega 3 का बेहतरीन स्रोत होती है.

हालांकि कुलफा और पालक से कम.

ब्रोक्कोली  गोभी की ही एक प्रजाति मानी जा सकती है जो ठंडी जगहों में पैदा होती है.

भारत में इसे हिमाचल, सिक्किम, कश्मीर, उत्तराखंड जैसे राज्यों में उगाकर देश के हर महानगर में भेजा जाता है.

यदि आपको ब्रोक्कोली उपलब्ध होती हो तो इसका ज़रूर सेवन किया कीजिये.

इसकी महक गोभी से अधिक होती है जो थोड़ी सी सरसों का आभास देती है.

चिया बीज (Chiya seeds)

दक्षिण अमरीका में पाये जाने वाले चिया बीज (Salvia hispanica) ओमेगा3 के अति उत्तम स्रोत माने जाते हैं.

शोधों ने प्रमाणित किया है कि इनके उपयोग से omega 3 की कमी से निजात पाई जा सकती है. (1)

इस लेख का मुख्य चित्र, चिया के पौधों का ही है.

अलसी के बीज (Flax seeds)

यदि आप किसी पेट के रोग जैसे IBS संग्रहणी, आँतों की सूजन या अलसी की एलर्जी से नहीं जूझ रहे हैं, तो अलसी का सेवन करना आपके लिए अति हितकारी है.

रोज़ दो चम्मच भुनी हुई अलसी के बीजों का सेवा कीजिये, काफी हद तक ओमेगा3 की कमी का समाधान हो जायेगा.

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अलसी को भूनना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि अलसी के छिलकों में phytates की मात्रा अधिक होती है,

जो आपके पाचन में बाधा पहुंचा सकते हैं.

अखरोट (Walnut)

मेवागिरियों में अखरोट में ही सबसे अधिक omega3 मिलते हैं.

रोज़ तीन से पांच अखरोट का सेवन कीजिये, ओमेगा3 की कमी से काफी राहत मिलेगी.

अखरोट में पाए जाने वाले विशेष वानस्पतिक योग ही इसे विशिष्ठ बनाते हैं जिनमे मुख्य निम्नलिखित के कई लाभ प्रमाणित हो चुके हैं:

Ellagic acid (234)

Catechin (567)

Melatonin (8910)

अखरोट के विस्तृत स्वास्थ्य लाभ इस लेख में देखे जा सकते हैं.

यदि आप शाकाहारी हैं तो अपनी आहार शैली में ओमेगा-3 के स्रोत युक्त घटक, जैसे कि अलसी, अखरोट, चिया, पालक इत्यादि का प्रचुर समावेश नियमित रूप से कीजिये.

मांसाहार में omega3

ओमेगा3 का सर्वश्रेष्ठ स्रोत मछली प्रजाति होती है.

हमारी शारीरिक क्रिया प्रणाली द्वारा बिना किसी अतिरिक्त प्रोसेस के मछली से सीधे ही DHA और EPA मिल जाता है.

सप्ताह भर में दो या तीन बार वसायुक्त मछली खा लेने से ओमेगा-3 की ज़रुरत पूरी हो जाती है.

क्या फर्क है शाकाहार और मांसाहार के ओमेगा3 में

शाकाहारी आहारों में ALA की अधिकता रहती है जिसे हमारे शरीर को DHA में बदलना पड़ता है.

यह प्रक्रिया कुछ जटिल एवं धीमी रहती है.

जैसा कि पहले बताया है, ALA को DHA में बदलने के लिये हमें रोज़ कुछ समय सूरज की धूप ज़रूर लेनी चाहिए.

आपमें से कुछ को शायद याद हो, गांवों में पूर्वकाल में, दुधारू पशुओं को नियमित अलसी खिलाई जाती थी.

पशुओं के दिन भर धूप भरी चारागाह  में चरने से ALA  बदल कर DHA में परिवर्तित हो जाती थी.

और DHA हमें उनके दूध से ही प्राप्त हो जाया करती थी.

ओमेगा 3 के सप्लीमेंट: एक आसान विकल्प

मौजूदा दौर में, शायद हम अपनी भोजन शैली बदल नहीं पा रहे हैं.

इस कारण ओमेगा-3 के सप्लीमेंट लेने का प्रचलन लोकप्रिय होता जा रहा है.

परिणामस्वरूप, यह सप्लीमेंट्स एक बड़ा बाज़ार बन गए हैं.

विशेषज्ञों का भी मानना है कि यदि  सप्लीमेंट हमें रोगों से बचा लेने में सहायता करते है तो इससे अच्छी बात क्या हो सकती है.

यदि आप मांसाहारी (Non-vegetarian) हैं

तो ओमेगा-3 सप्लीमेंट के कैप्सूल मिलते हैं जो मुख्यतः मछली के तेल से बनते हैं.

इनमें सब से अधिक ओमेगा-3 रहता है.

एक 1000mg के कैप्सूल में लगभग 300mg EPA और DHA रहते हैं.

इसमें विटामिन A, D और अन्य तैलीय अम्ल भी रहते हैं जिनकी उर्जा ओमेगा-3 के लिये योगवाही का काम करती हैं.

Omega 3 के कई प्रकार के fish oil कैप्सूल्स Amazon पर उपलब्ध हैं.

जिनमें से एक अच्छे विकल्प को यहाँ क्लिक कर देखा खरीदा जा सकता है.

यदि आप शाकाहारी हैं

तो अलसी का तेल (Flax Seed oil) आपके लिये सबसे अच्छा विकल्प है.

अलसी के तेल में ALA और EPA की प्रचुरता रहती है.

विज्ञान के नज़रिए से ALA का DHA में बदलना एक जटिल प्रक्रिया है.

जिसकी वजह से हमें अलसी या अखरोट से उतनी DHA नहीं मिल पाती जो उसी मात्रा में मछली के तेल से मिलती है.

इसलिए आपको अलसी के तेल की मात्रा मछली के तेल से लगभग तीनगुनी लेनी चाहिए.

यानि आपको नित्य 3000mg तक की मात्रा कम से कम लेनी चाहिए.

अर्थात आप रोज़ कम से कम 10 ग्राम अलसी का सेवन करें.

अलसी के तेल का स्वाद  भी आमतौर पर पसंद नहीं किया जाता.

शायद इसीलिये अलसी के तेल के कैप्सूल्स प्रचलित भी हो गए हैं और जो शाकाहारी उपभोक्ताओं की पसंद बन गए है.

Amazon पर अलसी तेल के कैप्सूल्स के कई विकल्प उपलब्ध हैं .

जिनमें से एक अच्छे विकल्प को यहाँ क्लिक कर देखा खरीदा जा सकता है. 

सारशब्द

Omega 3 की कमी से हमें कई प्रकार के रोग घेर सकते हैं.

इसे अपने आहार का मुख्य अंश बनाईये.

आपको लाभ जरुर मिलेगा, और स्वस्थता भी.




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