नीम्बू के छिलके lemon orange peel health benefits in hindi

नीम्बू के छिलके – शोध आधारित 9 औषधीय गुण

यदि आपको नीम्बू निचोड़कर उसके छिलके फेंक देने की आदत है, तो यह लेख आपके लिये है.

नीम्बू के छिलके गुणों का अनमोल खजाना होते हैं, क्योंकि इसके बेहतरीन एंजाइम छिलकों में ही मिलते हैं, रस में नहीं;

इतना ही नहीं, रस की अपेक्षा छिलकों में पाए जाने वाले कुछ पोषक तत्व पांच से दस गुना तक अधिक मिलते हैं.

आपको पता अवश्य होगा कि घरेलू नुस्खों में नीम्बू के पुराने आचार का कितना महत्व बताया जाता है.

एसिडिटी, दस्त, कब्ज़ का इलाज व भूख बढ़ाना; सब काम, नीम्बू का अचार कर देता है.

लेकिन यह काम रस नहीं बल्कि इसके छिलके करते हैं.

बुज़ुर्ग और बच्चे; जिनसे एंटीबायोटिक सहन नहीं हो पाते हैं; नीम्बू के आचार से ही ठीक हो जाते हैं.

कारण एक ही है.

नीम्बू का अचार छिलके सहित बनाया जाता है, जिनमें नीम्बू के असली गुण समाहित रहते हैं.

नीम्बू के छिलके nimbu ka purana achar

पुराना होने पर इसमें प्राकृतिक लाभकारी एंजाइम भी पनप जाते हैं जो अमृत का काम करते हैं.

IBS संग्रहणी जैसे पेट के रोगों में यह पुराना अचार तुरंत राहत भी देता है और रोकथाम भी करता है.

आधुनिक स्टाइलिश खान पान के चलते, हमने कई आहारों के उपयोग के तरीके बदल लिए हैं.

नीम्बू का आधा अधूरा उपयोग करना भी अपनी आहारशैली में शामिल कर लिया है.

जबकि नीम्बू के छिलके में रस (जूस) से अधिक पोषक तत्व, विटामिन्सफाइबर तथा सेहतगुण मिलते हैं.

नीम्बू के छिलके के पोषण तथ्य

पोषक तत्व  मात्रा प्रति 6 ग्राम

  1. कैलोरी Calories  3
  2. कुल वसा Total fat 0.02 ग्राम
  3. Saturated fat 0 ग्राम
  4. कोलेस्ट्रोल Cholesterol 0 मिलीग्राम
  5. सोडियम Sodium 0.36 मिलीग्राम
  6. पोटैशियम Potassium 9.6 मिलीग्राम
  7. कुल कार्बोहायड्रेट Total carbohydrates 0.96 ग्राम
  8. मीठा Sugars 0.25 ग्राम
  9. फाइबर Dietary fiber 0.64 ग्राम
  10. प्रोटीन Protein 0.09 ग्राम
  11. विटामिन Vitamin A 3 IU
  12. विटामिन Vitamin C 7.74 मिलीग्राम
  13. कैल्शियम Calcium 8.04 मिलीग्राम
  14. लौह Iron 0.05 मिलीग्राम

स्रोत: The USDA National Nutrient Database for Standards

नीम्बू के छिलके के विशेष लाभकारी तत्व

1 एरिओसिट्रिन (Eriocitrin) एक ऐसा ही शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो रस की अपेक्षा छिलके में अधिक पाया जाता है. (12, 3).

2 डी- लिमोनिन (D-limonene) एक ऐसा तत्व है जो मुख्यतः छिलके में ही होता है.

इसके कारण ही हमें नीम्बू की मनभावन महक मिलती है.

यह अति लाभकारी तत्व नीम्बू के रस में होता ही नहीं हैं, केवल छिलके में ही होता है (4).

शोध प्रमाणित करते हैं कि नीम्बू के पूरे वास्तविक गुणों को पाने के लिये हमें इसे छिलके समेत ही खाना चाहिए  (56).

नीम्बू के छिलके के लाभ फायदे

पेट के रोग विशेषकर IBS संग्रहणी, मोटापा, ऑस्टियोपोरोसिस, आर्थराइटिस, डायबिटीज तथा कोलेस्ट्रोल जैसे रोगों के नियन्त्रण के लिये नीम्बू के छिलके अदभुत रूप से लाभकारी पाए गए हैं.

1

नीम्बू के छिलके जवान रखते हैं

शरीर में फ्रीरेडिकल को निष्क्रिय कर नीबू के छिलके उम्र के बढ़ाव को रोकने में सहायक होते हैं.

जिससे त्वचा और सिर के बाल निखर जाते हैं तथा उनसे दिखने वाला आयु का प्रभाव कम हो जाता है.

छिलके खाने के साथ साथ उन्हें गुनगुने पानी में मसलकर त्वचा तथा शिर में नहाने के समय लगा लेना चाहिए.

2 कोलेस्ट्रॉल नियंत्रक

निम्बू के छिलके खाने से कोलेस्ट्रॉल घटने में प्रत्यक्ष लाभ होता है जिससे दिल की सेहत ठीक रहती है.

3 मधुमेह रोगियों के लिए वरदान

इसमें पाया जाने वाला पोटैशियम उच्च रक्तचाप को नियंत्रण करने में मदद करता है

छिलकों में पाए जाने वाले पोल्य्फेनोल फ्लाव्नोइड LDL को कम करते हैं तथा रक्त-कोशिकाओं का शोधन करते हैं,

जिससे मधुमेह रोगियों के ह्रदयरोग व उच्च रक्तचाप में लाभ मिलता है

4 नीम्बू के छिलके कैंसर रोधी होते हैं

नीम्बू के छिलके में पाये जाने वाले दो घटक लिमोनीन तथा सल्वेस्त्रोल कैंसर की कोशिकाओं से लड़ने में सहायता करते हैं.

इसमें पाए जाने वाले फ्लावोनायेड कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं.

त्वचा, बड़ी आंत तथा स्तन के कैंसर से बचाव में नीम्बू के छिलके के प्रभाव विशेष उल्लेखनीय हैं

5 अस्थि हितकारी

नीबू के छिलके में कैल्शियम तथा विटामिन C बाकी अवयवों के साथ मिलकर ऑस्टियोपोरोसिस, ओस्टेओआर्थराइटिस, सूजन वाली आर्थराइटिस तथा अस्थि अथवा हड्डियों की कमजोरी में अत्यंत उपयोगी है.

6 रोगरोधी

नीम्बू के छिलकों का उपयोग रोगप्रतिरोधक क्षमता के लिये रामबाण है.

खांसी, नजला, गले का दुखना व अन्य इन्फेक्शन में इसे उपयोग कर लाभ पाया जा सकता है.

7 पेट के लिए लाभकारी

फाइबर की प्रचुरता के कारण यह पेट कि क्रियाशीलता को नियमित कर पाचन शक्ति को उत्तम बनाये रखने में सहायक होते हैं

8 मुख रोगों में हितकारी

नीम्बु छिल्के में उपलब्ध विटामिन C, कैल्शियम मुख के रोगों जैसे मसूड़ों कि सूजन, gingivitis, पायोरिया इत्यादि की रोकथाम के लिये सहायक हैं

खाना खाने के बाद बस नीम्बू का छिलका चबा लें.

सांस भी तरोताजा हो जाएगी और मुख के रोगों से निजात भी मिलेगी.

9 मोटापा नियंत्रक

नीम्बू के छिलके में उपलब्ध पेक्टिन वजन घटाने में कारगर पाई गई है.

वजन घटाने के लिये नीम्बू के छिलके का आचार प्रचुर मात्रा में करें.

अवश्य लाभ मिलेगा

कैसे करें उपयोग नीम्बू के छिलके

नीबू के छिलकों का नियमित उपयोग कर स्वस्थ रहने की विधियाँ इस प्रकार हैं:

एक किलो नीम्बू ले कर उनका जूस निकाल लें. जूस में समभाग चीनी मिला कर एक बोतल में रख दें.

एक सप्ताह में नेचुरल नीबू का शरबत तैयार हो जायेगा, जिसे आप जब चाहें उपयोग करें.

बचे हुए छिलकों को व्यंजन और सौन्दर्य के लिये ऐसे उपयोग करें…

अचार

बचे हुए छिलकों में से बीज अलग कर दें.

छिलकों में नमक, हल्दी, काली मिर्च, अज्वायन इत्यादि मिला कर कुछ दिन तक नर्म होने के लिये धूप में रख दें.

खटास के लिये 2-4 नीम्बू रस समेत डाल सकते हैं.

चाहें तो इसमें सेव की छोटी छोटी करतनें या गुड या शक्कर भी मिला सकते हैं.

नर्म होने पर उपयोग करें.

पेस्ट और चटनी

छिलकों को थोड़ा गरमा कर इनकी पेस्ट भी बनाई जा सकती है.

या फिर आप चटनी इत्यादि बना सकते हैं.

इस पेस्ट को दाल सब्जी इत्यादि में भी मिलाया जा सकता है, जिससे उनकी महक बढ़ जाती है.

इस पेस्ट को दाल सब्जी में बनने के बाद ही मिलाना चाहिए, नहीं तो कड़वाहट बढ़ सकती है.

पीने का पानी

नीम्बू के छिलकों को कद्दूकस कर या छोटे छोटे काट कर छाँव में सुखा लीजिये.

घर के पीने के पानी में थोड़े से छिलके डाल दीजिये.

यकीन मानिये, यह नीम्बू पानी पीने से तृप्ति भी मिलेगी और पानी अधिक भी पीने का मन भी करता रहेगा.

इस प्रकार आप अधिक पानी पीकर शरीर को विषद्रव्यों से मुक्त रख सकते हैं.

छिलकों से निम्बू शरबत भी बनाया जा सकता है.

फेस पैक

छिलकों को सुखा कर ग्राइंड कर लें. इसमें समभाग पिसी हुई चना या मसूर की दाल डाल दें.

नीम्बू के निकले हुए बीज, थोड़ी हल्दी भी इसमें मिला दें.

यह आपका फेस पैक, स्किन पैक तैयार हो गया.

इस फेस स्किन पैक को दही मिला कर चेहरे पर लगाएं.

मुहांसे (Pimples) गायब हो जायेंगे और त्वचा निखर कर दमक जायेगी.

यह सब नीबू के छिलकों के एंटीऑक्सीडेंट और astringent गुणों के कारण होता है.

सावधानियां

निम्बू को अच्छी तरह धो लें ताकि किसी भी प्रकार के पेस्टिसाइड, इंसेक्टिसाइड का प्रभाव न रहे.

धोने के लिये गुनगुने पानी का उपयोग करें अथवा धोने वाले पानी में थोडा सा नमक या सिरका मिला दें

तथा इसमें नीबुओं को 25 से 30 मिनट तक भिगोयें फिर खुले पानी से धो लें.

निम्बू छिलके में ऑक्सालेट अधिक होते हैं.

पथरी रोग में उपयोग न करें.

विशेष

नीम्बू के छिलकों से मेल खाते गुण संतरे के छिलके में भी पाये जाते हैं.

यदि आप एक आधे संतरे का छिलका खा जाते हैं तो आपको बताये गए कई रोगों में लाभ और त्वचा निखार मिल सकता है.

सारशब्द

नीम्बू (Lemon) का रस (जूस) तो हम उपयोग में ले लेते हैं; लेकिन छिलका, जिस में असली लाभदायक तत्व होते हैं; उसे फेंक देते हैं.

हमें फल व सब्जियां उसी रूप में खानी चाहिए जिस रूप में प्रकृति हमें प्रदान करती है.

नीम्बू जूस से अधिक पोषक तत्व इसके छिलकों में मिलते हैं.

नीम्बू के छिलके फेंकिये मत. प्रकृति के इस वरदान का सदुपयोग कीजिये.


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