शरीर की हर क्रिया में पानी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. जानिए क्या हैं शरीर में पानी की कमी के लक्षण और उपाय.
माँ के पेट में हमारा शरीर 90%, पैदा होने पर 80%, बचपन में 70%, बड़े होने पर 60-65% और बूढ़े होने पर 55% पानी ही होता है.
यह शरीर को तरलता देकर पोषक तत्वों को हर कोशिका तक पहुंचाता है।
पानी शरीर के तापमान को नियंत्रित रखता है, जोड़ों और आंखों को चिकनाई देता है।
यह आपके शरीर से अपशिष्ट उत्पादों और और विषद्रव्यों को बाहर निकालने में मदद करता है.
पाचन में सहायक है और त्वचा को युवा बनाए रखने में मदद करता है।
शरीर की हर कोशिका, अंग और ऊतक पानी पर निर्भर करते हैं।
पानी के बिना, शरीर ठीक ढंग से काम नहीं कर पाता।
इसलिए, यह आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
कई बार आपका शरीर सामान्य से अधिक पानी खो देता है।
यह अत्यधिक शारीरिक गतिविधि, अत्यधिक पसीने, दस्त, उल्टी और मधुमेह की वजह से हो सकता है।
बहुत से लोगों को पता नहीं चलता जब उनके शरीर में पर्याप्त पानी का अभाव होता है।
जानिए दस संकेत जो आपके शरीर में पानी की कमी अथवा निर्जलीकरण (dehydration) को इंगित करते हैं.
शरीर में पानी की कमी के 10 लक्षण
1 सिर में दर्द
सिर में दर्द और चक्कर आना प्राय: शरीर में पानी की कमी के संकेत हो सकते हैं।
माइग्रेन्स और सिर दर्द आदि रोगों में पानी की कमी भी एक बड़ा कारण रहती है।
इसके अलावा, पानी की कमी मस्तिष्क में ऑक्सीजन और रक्त के प्रवाह को भी कम कर देती है।
जब भी आप सिर में दर्द से पीड़ित हों तो गोली के बजाय एक गिलास पानी पीजिये।
अगर सिरदर्द निर्जलीकरण के कारण है, तो यह जल्दी ही ठीक हो जाएगा।
2 स्मृति भ्रंश
कहते हैं – ठंडे दिमाग से काम करो.
मस्तिष्क में पानी की कमी की वजह से मन, स्मृति और निर्णय लेने की शक्ति पर बुरा असर पड़ता है।
डिहाइड्रेशन की वजह से आप चीजों पर एकचित्त (focussed) नहीं रह पाते हैं।
आपके अंदर वह उर्जा नहीं होती कि किसी समस्या या मुद्दे पर सही सोच विचार कर सकें, और आप चीजों को भूलने भी लगते हैं।
शोध यह भी बताते हैं कि पानी की कमी के सबसे पहले संकेत थकान, नींद की कमी और बेहोशी आदि होते हैं।
The British journal of Nutrition में प्रकाशित 2011 के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि शरीर में पानी की थोड़ी सी कमी से भी लोगों के संज्ञानात्मक कार्यों और निर्णय लेने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है।
पता चला कि 13.6 प्रतिशत महिलाओं में मूड का अच्छा न रहना, कम एकाग्रता और सिरदर्द जैसे लक्षण निर्जलीकरण की वजह से ही होते हैं।
3 साँस में दुर्गन्ध
सांसो में बदबू शरीर में पानी की कमी का एक और संकेत है।
शरीर में पानी की कमी होने पर, मुंह में उचित मात्रा में लार (Saliva) नहीं बन पाती।
जब डिहाइड्रेशन की वजह से मुँह में लार कम उत्पन होती है तो साँसे बदबूदार हो जाती है।
सांसो में बदबू के साथ साथ आपका मुँह भी शुष्क (dry) हो सकता है।
पानी एक लुब्रिकेंट् (lubricant) की तरह काम करता है, जो गले और जीव्हा में बलगम झिल्ली को नम बनाए रखता है जिससे मुंह शुष्क नही रहता है।
4 कब्ज की समस्या
यदि आप निरंतर पानी पीते हैं तो आपकी पाचन शक्ति ठीक रहती है और कब्ज की समस्या भी नहीं होगी.
क्लीनिकल न्यूट्रीशन के यूरोपीय जर्नल 2003 में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि तरल पदार्थों का सेवन न करने से कब्ज बढ़ जाती है।
इसलिए कब्ज रोकने के लिए महत्वपूर्ण है कि आप स्वयं को हाइड्रेटेड बनाए रखें।
5 पेशाब के रंग में बदलाव
अगर आप टॉयलेट का उपयोग हर कुछ घंटों में नहीं कर रहे हैं तो हो सकता है आपके शरीर में पानी की कमी है।
आपके शरीर के विषाक्त पदार्थ, पेशाब के माध्यम से बाहर निकलते हैं, इसलिए पेशाब की कमी समस्या पैदा कर सकती है।
अपने मूत्र के रंग पर नजर रखें। यह आपके हाइड्रेशन स्तर का एक महत्वपूर्ण सूचक है।
नीचे की तालिका में पेशाब के विभिन्न रंगों के अर्थ लिखे हैं, इन्हें ज़रूर जानिये.
लगभग साफ़ या हल्के रंग का मूत्र एक हाइड्रेटेड शरीर की निशानी है,
जबकि पीला या गहरा भूरा रंग एक संकेत है कि आपके शरीर में पानी की कमी है।
यदि रंग और गहरे रंग का हो तो यह खतरे का संकेत है.
कई दवाओं के वजह से भी पेशाब का रंग पीला या गहरा भूरा हो जाता है.
लेकिन यदि आप किसी प्रकार की दवाई का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो ये शरीर में पानी की कमी का संकेत है।
6 थकान और सुस्ती
यदि आप काम किए बिना ही थकान और सुस्त महसूस कर रहे हैं,
तो यह आपके शरीर में पानी की कमी के कारण हो सकता है।
पानी की कमी मस्तिष्क सहित पूरे शरीर में अपर्याप्त ऑक्सीजन की कमी का कारण बनती है।
और ऑक्सीजन की कमी थकान और सुस्ती का कारण बन जाती है।
जब आप निर्जलित होते हैं, तो आपके शरीर को काम करने के लिए उचित रक्त संचरण में; और यहां तक कि आपको सांस लेने में भी मुश्किल होती है।
7 मांसपेशियों में ऐंठन
हमारे शरीर की कार्टिलेज और हड्डियों के जोड़ों में 80 प्रतिशत भूमिका पानी की होती है।
शरीर में पानी की कमी की वजह से मांसपेशियों और जोड़ों में ऐंठन, सूजन, गर्दन दर्द तथा जोड़ों में दर्द जैसी समस्याएं होने लगती है।
पसीने के माध्यम से हुई पानी की कमी भी मांसपेशियों में ऐंठन पैदा करती है,
क्योंकि इसमें पानी के साथ साथ शरीर के लवणों की भी कमी हो जाती है।
यदि पानी की कमी से जोड़ों मांसपेशियों में समस्या आ जाये तो पानी का सेवन कर हल्का सा व्यायाम जैसे चलना, उछलना कूदना इत्यादि कर
लेने चाहिए जो उचित चयापचय के लिए ज़रूरी हो जाते हैं.
8 त्वचा की लोच में कमी
पानी की कमी में यदि आप त्वचा को पिंच करते अथवा चुटकी लेते हैं तो इसे अपने आकार में वापिस आने के लिए सामान्य से अधिक समय
लगता है.
पानी की कमी के लक्षणों में ड्राई स्किन होना और होंठ का सूखना भी शामिल है।
9 रक्तचाप में कमी
पानी की कमी में यदि कोई लेटकर या बैठने के बाद उठ खड़ा होता है तो ब्लड प्रेशर में अचानक कमी आ जाती है,
जिससे आँखों के सामने अँधेरा या चक्कर सा आ जाता है.
इसे orthostatic hypotension कहा जाता है.
10 दिल की धड़कन में तेज़ी
पानी की कमी से प्लाज्मा की मात्रा में कमी आ जाती है जो रक्त परिसंचरण को प्रभावित करती है.
परिणामस्वरुप दिल की धड़कन दर बढ़ जाती है।
निर्जलीकरण, आपके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का कारण बन जाता है
जिस कारण शरीर पर अतिरिक्त दबाव के कारण, दिल की धड़कन तेज हो जाती है।
निर्जलीकरण के उपाय
पानी की कमी का एक ही उपाय है
हाइड्रेटेड रहकर सतर्क और सक्रिय रहना.
इसलिए हर उचित अंतराल पर पानी पीते रहें।
पानी की कमी के साथ साथ यदि लवणों की भी कमी हो गयी हो तो
पानी में चीनी, नमक और नीम्बू मिला कर पीने से तुरंत उर्जा मिलने लगती है.
यदि आपको कभी दिल की धड़कन तेज लगे, तो धीरे-धीरे पानी पीना शुरू करें।
लाभ मिलना चाहिए.
यदि समस्या बनी रहती है, तो अपने डॉक्टर से तुरंत परामर्श करें।
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