Uric Acid - Causes & control

यूरिक एसिड – लक्षण, कारण और उपाय

शरीर में यूरिकएसिड (Uric acid) का उत्पादन एक स्वाभाविक क्रिया है.

सामान्य स्तर से अधिक मात्रा का यूरिक एसिड प्राय: किडनी द्वारा फ़िल्टर कर दिया जाता है.

फिर यह मूत्र द्वारा बाहर निकल जाता है.

यूरिक एसिड के सामान्य लेवल्स

हमारे रक्त में यूरिकएसिड लेवल्स इस प्रकार का होना चाहिए:

पुरुषों के लिये : 3.4 से 6.8mg/dL

महिलाओं के लिये: 2.4 से 6.0 mg/dL

यूरिक एसिड क्या है

समस्या तब खड़ी होती है जब यूरिक एसिड टेस्ट में तय सामान्य मानक से अधिक यूरिक एसिड शरीर में पाया जाये और इसका जमाव जोड़ों पर होने लगे.

इस विसंगती को यूरिकएसिड (Uric acid) का रोग या hyperuricemia कहा जाता है.

यह दो कारणों से हो सकता है

1 शरीर में अधिक मात्रा में यूरिक एसिड का बनना, या

2 किडनी द्वारा कम मात्रा में यूरिक एसिड का निस्सारण

यूरिक एसिड बढ़ने के कारण

प्यूरिन्स (Purines) नाइट्रोजन तृप्त अवयव होते है जो सभी खाद्य पदार्थों में पाये जाते हैं,

किसी में कम, किसी में अधिक.

जब शरीर में प्यूरिन्स विघटित होते हैं तो यूरिकएसिड बनता है.

और यह यूरिकएसिड रक्त के माध्यम से बहता हुआ किडनी तक पहुंचता है.

जहाँ किडनियां इसे फ़िल्टर कर मूत्र के द्वारा शरीर के बाहर कर देती हैं.

लेकिन कई बार, अधिक प्यूरिन्स से यूरिकएसिड इतना बढ़ जाता है कि उसका पूरा निस्सारण नहीं हो पाता.

और यह जोड़ों में जमने लगता है.

इस जमाव के कारण हमारे जोड़ सही से काम नहीं कर पाते.

इसके अधिक जमाव हो जाने से हमें जकड़न, दर्द और सूजन जैसे लक्षण मिलने लगते हैं.

अधिक मदिरापान (विशेषकर बियर), किडनी की कार्यशीलता में कमी, thyroid की कमजोरी.

वंशानुगत प्रभाव, एंडोक्राइन रोग जैसे कि डायबिटीज व एसिडोसिस इत्यादि भी यूरिकएसिड को बढ़ा देते हैं.

कैंसर रोधी दवाएं, BP की दवाएं, pain killers का अधिक सेवन भी Uric acid बढ़ने के कारक होते हैं.

उपवास, वजन घटाने के लिये  की गई जबरदस्ती की डाइटिंग और व्यायाम भी थोड़े समय के लिये यूरिक एसिड को बढ़ा देते हैं.

यूरिक एसिड बढ़ने से नुकसान

उच्च मात्रा के कारण शरीर की मांसपेशियों में सूजन आने लगती है जिस कारण दर्द का आभास होता है.

यह दर्द जोड़ों पर अधिक होता है जैसे कि गर्दन, घुटने, कमर, टखनी, हाथ पैरों की उँगलियाँ इत्यादि.

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रोग पुराना होने पर गाउट व आर्थराइटिस जैसी समस्याएं भी खडी हो जाया करती है.

यूरिकएसिड रीढ़ की हड्डी, घुटने, हाथ पैरों की उँगलियाँ, कूल्हे, गर्दन, कंधे जैसे सभी जोड़ों वाले अंगों को अपनी चपेट में ले सकता है.

इसलिये सावधान रहिये, क्योंकि यूरिक एसिड कई अंगों को प्रभावित कर जीवन असहज बना सकता है.

यूरिक एसिड घरेलू उपचार इलाज और उपाय

यूरिकएसिड की मात्रा को आहारों और जड़ीबूटियों से नियंत्रित किया जा सकता है.

इसको कुछ प्राकृतिक उपायों द्वारा भी कम किया जा सकता है, जो इस प्रकार हैं:

1 अधिक प्युरिन युक्त आहारों का सेवन कम करें

दालें, बीन्स जैसे कि राजमाह, लोबिया इत्यादि, मशरूम, मांस, मछली इत्यादि के प्रोटीन में अधिक प्यूरिन्स पाए जाते हैं.

सब मद्यपानों में से बियर में सब से अधिक प्युरिन होते हैं.

इनका सेवन कम करने से यूरिकएसिड में भी कमी आ जाती है.

2 कम वसा युक्त आहार लें

वसा युक्त आहार शरीर की यूरिकएसिड निस्सारण क्रिया को धीमा करते हैं.

इसलिए घी, तेल, मक्खन युक्त आहार कम करने पर भी यूरिक एसिड में कमी आ जाती है.

3 अधिक पानी पियें

अधिक पानी पीने से यूरिकएसिड मूत्र द्वारा बाहर निकल जाता है.

इसलिये अधिक से अधिक पानी पियें.

यूरिक एसिड से कुहनियों में बदलाव

4 मूत्रल आहारों का सेवन (Diuretic foods)

सभी शाक साब्जियां मूत्रल होती हैं.

इन्हें खाने से अधिक मूत्र बनता है.

इसलिए आहार में पालक, मेथी, बथुआ, हरा धनिया इत्यादि का अधिक सेवन करें.

यूरिकएसिड में नींबू का सेवन भी लाभकारी रहता है.

5 निवारक वनस्पतियां व पेय

मेथी, दारुहल्दी, अजमोद,  गिलोय, एप्पल साइडर विनेगर, गेहूं के जवारे, विटामिन C तृप्त आहार जैसे शिमला मिर्च, अमरुद, नीम्बू, संतरा, मौसम्मी इत्यादि के जूस, मलाई निकला दूध;

यह सभी यूरिकएसिड कम करने में लाभकारी होते हैं.

6 यूरिक एसिड में व्यायाम

इस रोग में ऐसे सभी व्यायाम और योगासन ज़रूर करते रहना चाहिये जिससे जोड़ों की गतिशीलता बनी रहे.

यूरिक एसिड में परहेज – विशेष बात

आपको बहुत सी सलाह मिल जायेगी कि यूरिकएसिड कम करने के लिए प्रोटीन वाले आहार जैसे दालें इत्यादि नहीं खाने चाहिए.

लेकिन यह कोई सही तरीका नहीं है.

कम प्रोटीन लेने से एक आप इसका इलाज तो कर लेंगे लेकिन अन्य तीन बीमारियाँ और पाल लेंगे.

जब हम लम्बे समय तक प्रोटीन कम लेते हैं तो इसका नकारात्मक प्रभाव मांसपेशियों और हड्डियों की शक्ति पर पड़ने लगता है.

रोग निवारण के लिये

ऊपर बताये गये उपाय केवल शुरुआती रोग या इससे बचाव करने के हैं.

यदि आपका लेवल बढ़ा हुआ रहता है, और की जोड़ों की क्षमता को प्रभावित कर रहा है तो आपको तुरंत इलाज भी करना चाहिये.

इलाज में हर एक दिन पल की देरी, आपकी समस्याओं को जटिल और अधिक कष्टकारी बनाती जायेगी.

यूरिक एसिड की एलोपैथी, अंग्रेज़ी दवाओं के दुष्प्रभाव

इस विकार के लिये कई प्रकार की यूरिक एसिड मेडिसिन दी जाती हैं जो या तो यूरिक एसिड को बनने से रोकती हैं

या फिर इसे किडनी के स्टेरॉयड देकर मूत्र द्वारा निकास करने का काम करती हैं.

इन दवाओं को लम्बे समय तक नहीं लिया जा सकता क्योंकि इनके दूरगामी दुष्प्रभाव होते हैं

जिनसे लिवर के रोग, ह्रदय रोग और लकवा जैसे जानलेवा और अपंगकारक रोग होने का खतरा पैदा हो जाता है.

यूरिक एसिड का कारगर आयुर्वेदिक इलाज

इसके लिए आयुर्वेद सेंट्रल में एनाबोल-N (Anabol-N) नामक विशेष औषधि उपलब्ध है.

जिसे लेकर कईयों ने यूरिकएसिड, गाउट और गठियावात से निजात पाई है.

इस औषधि में ऐसी वनस्पतियों और योगों का समावेश है जो रोग को ठीक करने और इसके दुष्प्रभावों का निवारण करने में प्रभावकारी माने जाते हैं.

एनाबोल-N (Anabol-N) का विवरण और ऑनलाइन मंगाने के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिये.

Anabol-N (एनाबोल-एन) – Metabolism Tonic

सारशब्द

यूरिक एसिड की समस्या को नज़रंदाज़ करना एक भारी भूल हो सकती है.

यह रोग गर्दन, रीढ़ में जकड़न, वस्तुएं उठाने की क्रियाये और चलना फिरना, भी कष्टकारी बना देता है.

साथ ही, यह बीमारी गाउट और आर्थराइटिस जैसे गंभीर रोगों का मुख्य कारण बन हमें अपंग बना सकती है.

आगे चलकर यूरिक एसिड चले फिरने से मोहताज भी बना सकता है.

समय रहते अपने यूरिक एसिड का इलाज ज़रूर कीजिये अन्यथा जीवन में चलने फिरने की और अंगों को की अक्षमता का सामना करना पड़ सकता है.

इस रोग को कभी भी हल्का नहीं समझना चाहिए.




3 thoughts on “यूरिक एसिड – लक्षण, कारण और उपाय”

  1. I used Anabol-N for three months last year. I have had no problems thereafter, though I have decided to use it every winter. Thank you for making such product which is herbal and has no side effects.

  2. Your medicine Anabol-N is wonderful in uric acid. In just 20 days, it gave me relief in painful symptoms and in two months, my uric acid level came down from 12.3 to 4.1.

    I am thankful to you for all the information you gave me for foods that helped me in keeping the uric acid within normal rance. Thank you, Ayurved Central.

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