कलौंजी एक सर्व सुलभ अत्यंत लाभकारी औषधि व मसाला है.
पारम्परिक इलाज में कई नुस्खे हैं जो कलौंजी को कारगर हितकारी औषधीय गुण वाली वनस्पति का दर्जा देते हैं.
कलौंजी के अन्य नाम
इसे संस्कृत में कृष्णजीरा, उर्दू में كلونجى (कलौंजी), बांग्ला में कालाजीरो, मलयालम में करीम जीरकम, तमिल में करून जीरागम और तेलुगु में नल्ला जीरा कारा कहते हैं। कलौंजी का दूसरा नाम मंगरैल भी होता है.
कलौंजी का english name Nigella seeds है और वानस्पतिक नाम नाइजेल्ला सेटाइवा (botanical name: Nigella sativa) है जो लैटिन शब्द niger (काला) से बना है.
कलौंजी किसे कहते हैं – क्या ये प्याज़ के बीज हैं?
कई लोग कलौंजी को प्याज के बीज ही समझते हैं क्योंकि इसके बीज प्याज के बीज से मिलते जुलते दिखते हैं.
लेकिन प्याज और कलौंजी दो अलग अलग पौधे होते हैं.
कलौंजी भारत सहित दक्षिण पश्चिमी एशियाई, भूमध्य सागर के पूर्वी तटीय देशों और उत्तरी अफ्रीकाई देशों में उगने वाला वार्षिक पौधा है जो 20-30 सें. मी. लंबा होता है।
कलौंजी की पहचान इसकी लंबी पतली-पतली विभाजित पत्तियां होती हैं और 5-10 कोमल सफेद या हल्की नीली पंखुड़ियों व लंबे डंठल वाला फूल होता है।
इसका फल बड़ा व गेंद के आकार का होता है जिसमें काले रंग के, लगभग तिकोने आकार के, 3 मि.मी. तक लंबे, खुरदरी सतह वाले बीजों से भरे 3-7 प्रकोष्ठ होते हैं।
इसका प्रयोग औषधि, सौन्दर्य प्रसाधन, मसाले तथा खुशबू के लिए पकवानों में किया जाता है।
कलौंजी का स्वाद हल्का कड़वा, तीखा और गंध भी तेज होती है।
इसका प्रयोग विभिन्न व्यंजनों नान, ब्रेड, तंदूरी रोटी, नान, केक और आचारों में किया जाता है।
चाहे बंगाली नान हो या पेशावरी खुब्जा (ब्रेड नान) या कश्मीरी पुलाव; ये सब कलौंजी के बीजों से जरूर सजाये जाते हैं।
कलौंजी के औषधीय गुण – शोध परिणाम
कलौंजी पर कई शोध हुए हैं.
जिनमें इसे मोटापे, कामशक्ति अथवा रतिशक्ति की कमी (loss of libido), स्मृतिभ्रंश (forgetfulness) ,
नींद की कमी अथवा अनिद्रा रोग, जोड़ों के दर्द, गठिया अथवा आर्थराइटिस, इत्यादि में लाभकारी पाया है.
इसे डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल नियंत्रक, इन्फेक्शन से बचावकारी भी पाया गया है.(1)
कलौंजी के कैंसर निवारक गुणों पर अब तक हुए शोध इसे कई प्रकार के कैंसर जैसे पैंक्रियास, रक्त, फेफड़ों, गुदा, प्रोस्टेट, ब्रेस्ट, लिवर, किडनी, योनी इत्यादि में लाभकारी मानते हैं.
हालांकि यह शोध बिलकुल आरंभिक हैं जो अब गहन शोध के लिये आगे बढ़ाये जा रहे हैं (2)
कलौंजी के औषधीय उपयोग
आईये जानते हैं, कलौंजी के 15 गुण लाभ फायदे, और रोग सम्मत उपचार लेने के तरीकों के बारे में…
1. कलोंजी का तेल – बालों का झड़ना बचाये
1 नींबू के रस के साथ अपने सिर की मालिश करें और 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
हर्बल शैंपू से धो लें।
जब बाल शुष्क हो जाएँ तो कलोंजी का तेल उपयोग करें।
बाल गिरने की रोकथाम में सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए 15 दिनों के लिए जारी रखें।
2 कलौंजी तेल (10 ग्राम), जैतून का तेल (30 ग्राम) गर्म कर लें. इनमें मेहंदी पाउडर (30 ग्राम) मिला कर एक पेस्ट बना लें।
इसे ठंडा होने दे और सप्ताह में एक बार सिर पर लगाएँ।
यह बालों की झड़ने जैसी समस्याओं से बचाता हैं।
इस पेस्ट के इस्तेमाल से गंजेपन की समस्या को भी हल किया जा सकता है।
जानिये कैसे है कलौंजी का तेल बालों के लिये गुणकारी
2. मधुमेह (Diabetes) की रोकथाम
कलौंजी का तेल मधुमेह की रोकथाम के लिए बहुत उपयोग और फ़ायदेमंद होता है।
काली चाय (1 cup) में Kalonji oil (½ tsp) मिला लें।
इसे सुबह और रात को बिस्तर पर जाने से पहले लें ।
एक माह के भीतर बेहतर परिणाम आने लगता है।
मधुमेह नियंत्रण पर अधिक जानकारी यहाँ देखिये
3. कील मुहांसे के लिए
1 मीठे नीबू का रस (1 कप) और कलोंजी का तेल (आधा चम्मच) मिला लें।
सुबह और रात में बिस्तर पर जाने से पहले इसे चेहरे पर लगाएं ।
यह त्वचा की चमक को बढ़ाता है तथा pimples, acne, blemishes और अन्य काले धब्बों से बचाता है।
2 सिरका (1 कप) और Kalonji तेल (आधा चम्मच) का मिश्रण सुबह और बिस्तर पर जाने से पहले चहरे पर लगाये ।
इससे चेहरे के सफ़ेद या काले धब्बों को रोका जा सकता है।
Pimples acne उपचार पर अधिक जानकारी यहाँ देखें
4. कलौंजी – स्मरणशक्ति के लिए
स्मृति शक्ति को Kalonji oil की मदद से बढ़ाया जा सकता है।
यह मस्तिष्क की शक्ति और एकाग्रता बढ़ाने के लिए भी उपयोगी होती है।
पुदीने की पत्तियां (Mint leaves) (10 ग्राम) ले, इसे पानी में गर्म करे उसके बाद Kalonji तेल ( आधा चम्मच) मिलाये ।
अच्छे परिणाम के लिए इस मिश्रण को दिन में दो बार 20-25 दिनों तक लेते रहे।
5. सिरदर्द के लिए
कलोंजी के तेल के मसाज से सिरदर्द ठीक किया जा सकता है।
सिरदर्द को कम करने के लिए माथे पर Kalonji तेल का मसाज करना चाहिये।
इस तेल को कान के पास भी मला जा सकता है।
साथ ही इसके तेल (आधा चम्मच) को दिन में दो बार पिये, बहुत लाभकारी सिद्ध होगा।
Kalonji तेल के नियमित आधार पर लेने से माइग्रेन का इलाज करने में भी सहायक है।
6. अस्थमा के लिए लाभकारी
दमा और सांस की समस्याओं के इलाज के लिए गर्म पानी (1 कप), कलौंजी का तेल और शहद (honey 1 चम्मच और Kalonji तेल आधा चम्मच) के मिश्रण को अस्थमा के घरेलू उपचार के रूप में लिया जा सकता है।
इसे आप दिन में दो बार ले सकते है।
कलौंजी और शहद के फायदे खांसी और एलर्जी के इलाज में भी पाये गये हैं।
7. ह्रदय रोग के लिए
Kalonji तेल और बकरी के दूध के मिश्रण को स्वस्थ दिल और दिल का दौरा पड़ने की रोकथाम के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
मिश्रण अनुपात बकरी का दूध (1 कप) और Kalonji तेल (आधा चम्मच) में हो।
इस मिश्रण को एक सप्ताह तक जारी रखा जाना चाहिए।
8. कलौंजी – वजन घटाये
मोटापा कम करने के आसान उपायों में कलोंजी को अपनाया जा सकता है।
इसके लिए Kalonji तेल (आधा चम्मच), शहद (2 चम्मच) के योग को गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है।
इस योग को एक दिन में तीन बार लिया जा सकता है।
9. चेहरे की सुंदरता
कलौंजी (Kalonji) तेल (50 ग्राम) और जैतून (Olive) तेल (50 ग्राम) का योग तैयार करे।
नाश्ते से पहले इसके ½ tsp ले।
यह आपकी त्वचा की चमक बढ़ाने में सहायक साबित होगी।
ताजगी और सौंदर्य पाने के लिए इस फार्मूला को एक सप्ताह या अधिक तक तक जारी रखें।
चेहरे की सुन्दरता के अन्य उपाय यहाँ देखें
10. अम्लता (एसिडिटी) के लिए
अदरक का रस (1 चम्मच), Kalonji तेल (आधा चम्मच) के मिश्रण को नमक और पानी के साथ लिया जाता है।
यह अम्लता (एसिडिटी) और गैस्ट्रिक इलाज के प्राकृतिक उपाय के रूप में लिया जा सकता है।
एसिडिटी के कारण और उपाय इस लेख में देखें
11. पेट दर्द के लिए
Kalonji तेल पेट दर्द निवारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
पेट दर्द से राहत पाने के लिए Kalonji तेल (आधा चम्मच), काला नमक और गर्म पानी (आधा ग्लास) लेने से बहुत हद तक पेट के दर्द का इलाज किया जा सकता है।
बेहतर परिणाम के लिए दिन में दो या तीन बार इस मिश्रण को पीते रहे।
सीने में जलन और पेट से जुड़ी समस्याओं का ईलाज किया जा सकता है।
इस मिश्रण को एक दिन में दो बार ले और एक सप्ताह तक इसे जारी रखना चाहिए।
12. खांसी जुकाम के लिए
Kalonji का तेल खांसी और सर्दी के इलाज कराने में अच्छा है।
इसके लिए Kalonji तेल (आधा चम्मच), गर्म पानी (1 कप) और शहद (2 चम्मच) के मिश्रण को दिन में दो बार लें।
इस मिश्रण से साइनस से पीड़ित लोगों को भी फायदा पहुँचता है।
13. बवासीर के लिए
इन दिनों दोषपूर्ण जीवन शैली और गलत आहार के लेने से पाइल्स काफी आम समस्या बन चुका है।
सिरका (1 चम्मच) और Kalonji तेल (आधा चम्मच) के मिश्रण को प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से इस बीमारी को रोका जा सकता है।
इसे एक दिन में तीन बार लगाना चाहिए।
मेंहदी के पत्तों (50 ग्राम), जैतून का तेल (250 ग्राम) और Kalonji तेल (आधा चम्मच) का मिश्रण को पानी में उबाले,
इसके बाद इसे ठंडा कर प्रभावित क्षेत्र पर लगाएँ।
बवासीर का अन्य आसान उपाय यहाँ देखें
14. जोड़ों के दर्द के लिए
Kalonji तेल (आधा चम्मच), सिरका (1 कप) और शहद (2 चम्मच) एक दिन में दो बार जोड़ों पर लगायें,
आप खुद अच्छा महसूस करेंगे।
सूखा अंजीर ( 2), Kalonji तेल (आधा चम्मच) और दूध (1 कप) के मिश्रण को दिन में एक बार लिया जाता है,
यह जोड़ों में दर्द, यूरिक एसिड, गर्दन और पीठ दर्द के उपचार में मददगार साबित होता है।
यूरिक एसिड के लक्षण और उपचार इस लेख में पढ़िये
15. दृष्टि रोगों के लिए
कलौंजी का तेल आंख की लाली, मोतियाबिंद और पानी निकलना जैसी बीमारियों के लिए बेहद फायदेमंद है।
कलोंजी तेल (आधा चम्मच) और गाजर का रस के मिश्रण को खाने से नेत्र रोगों के मामले में फायदा पहुँचता है।
कलोंजी के तेल के फायदे और बनाने कि विधि पर अधिक जानकारी इस लिंक पर देखिये
सारशब्द
आधुनिक वैज्ञानिक शोध भी कलौंजी के गुणों को कई रोगों से बचावकारी मानते है.
शायद इसी कारण, पारंपरिक चिकित्सा में कलौंजी के कई गुण फायदे के सन्दर्भ मिलते है.
कलोंजी का उपयोग हर भारतीय व्यंजन में किया जाता रहा है. विडंबना हैं कि इतनी बढ़िया वस्तु का उपयोग अब हमारी अगली पीढ़ी भूलती जा रही है.
आपने उन्हें जगाने का काम किया है. धन्यवाद
Great information for our well being. I use Kalaunji in most of pickles and chutneys.
बढ़िया लेख. आपके सभी लेख ज्ञान बढाने वाले होते हैं. और हम बड़े ही उत्साह से उन्हें पढ़ते हैं. धन्यवाद.
Bahut hi sahi jaankaari, Thanks