IBS संग्रहणी - पेट का हठी रोग What

क्या होता है IBS संग्रहणी रोग – लक्षण, कारण और इलाज

पेट का सही न होना कई रोगों को जन्म देता है। 

10 में से 7 लोग पेट की बीमारी या समस्याओं से ग्रसित रहते हैं, जिनमे IBS संग्रहणी एक मुख्य समस्या मानी जाती है। 

सुबह एक बार शौच जाने के बाद ऐसा आभास होना कि एक बार फिर जाना चाहिए जिससे पेट हल्का हो जाए। 

आप चाय या कुनकुना पानी पियेंगे ताकि एक बार फिर हाजत हो जाए। 

जब ये ना हो, तो आप टहलना आरम्भ कर देंगे या फिर न्यूज़पेपर इत्यादि पढ़ कर इंतज़ार करेंगे कि एक बार फिर से प्रेशर बने तो राहत मिले। 

ये इस रोग के कई लक्षणों में से एक है। 

इस लेख में जानेंगे क्या है संग्रहणी या IBS, इसके लक्षण, कारण और उपचार अथवा इलाज के बारे में। 

ये भी जानेंगे कि कैसे इस दुखदायी रोग से हमेशा के लिये छुटकारा पाया जाये, जिसकी चपेट में आबादी के एक बड़ा तबका शामिल रहता है। 

IBS संग्रहणी रोग क्या है

यह प्रश्न अक्सर पूछे जाते है कि IBS क्या है, और क्यों IBS का इलाज तुरन्त नहीं हो पाता है। 

IBS संग्रहणी के मुख्य लक्षण को इस प्रकार से समझते हैं:

भिन्डी की सब्जी पेट के लिये अच्छी मानी जाती है। 

इसमें मिलने वाला फाइबर पेट के लिये रामबाण माना जाता है। 

सबको भिन्डी सामान्यत: गुणकारी ही लगती है। 

लेकिन एक दिन आपने जब भिन्डी खाई तो पेट में गैस बन गई। 

अगली बार जब भिन्डी खाई तो पेट बिलकुल ठीक रहा। 

कुछ दिनों बाद जब फिर भिन्डी खाई तो उस दिन दस्त लग गये। 

फिर किसी अन्य दिन वही भिन्डी खाने से से कब्ज़ हो गयी। 

और फिर अगली कुछ बार भिन्डी की ही वजह से आपने अपने पेट को बिलकुल सही पाया। 

भिन्डी तो एक ही है लेकिन अलग अलग दिनों में हमारे पेट तंत्र में इसके भिन्न भिन्न प्रभाव या लक्षण देखने को मिले। 

यही है IBS अथवा ग्रहणी अथवा संग्रहणी

संग्रहणी को English में IBS कहा जाता है, जिसका पूरा अर्थ है इर्रीटेबल बाउल सिंड्रोम ( Irritable Bowel Syndrome)

आयुर्वेद में इसे संग्रहणी रोग कहा गया है जिसका अर्थ है

पेट में ऐसे तत्वों का संग्रह जो पाचन में बाधक बन जाते हैं.

आधुनिक विज्ञान इसे  IBS या Irritable Bowel Syndrome कहता है जिसका अर्थ है

हमारी पाचनतंत्र का अकारण ही उग्र, तुनक मिज़ाज अथवा चिड़चिड़ा हो जाना। 

IBS संग्रहणी रोग के लक्षण

यह रोग केवल लक्षणों से ही पहचाना जाता है, क्योंकि पेट के सामान्य टेस्ट (Stool Test, Endoscopy, Colonoscopy etc) इसे पकड़ नहीं पाते हैं। 

भूख का पूरा अनुभव होना लेकिन थोडा सा भोजन खाते ही पेट के पूरे भरने का भान होना। 

दो भोजनों के बीच पूरा अंतराल होते हुए भी भूख का कम लगना,

पेट के ऊपरी हिस्से में जलन एसिडिटी (Acidity) का बने रहना। 

खाना खाने के बाद पेट में भारीपन, तनाव महसूस करना। 

कब्ज़ (अर्थात सख्त कठोर मल) न होते हुए भी ऐसा आभास होना कि पेट ठीक तरह से साफ़ नहीं हुआ है। 

दोबारा, तिबारा शौच की हाजत की अपेक्षा रखना कि पेट साफ़ हो जाए.

चिपचिपा चिकना मल आना, मल में चिकनाई, मल में झाग आना,

बार बार थोड़ा थोड़ा मल आना,

या फिर दो दो तीन दिन तक मल आने की अनुभूति न होना। 

IBS संग्रहणी के अन्य लक्षण (Other symptoms of IBS)

कभी कभी इतनी गैस या जलन का बनना कि सही से सोच पाना भी मुश्किल काम लगता है। 

पेट का फूलना गैस बनना; बिना कुछ भारी भोजन किये पेट में गैस का बन जाना.

कभी कब्ज़ हो जाना तो कभी दस्त की तरह शौच होना। 

पेट दर्द और गैस बढ़ जाने पर बेचैनी होना या फिर कभी कभी उल्टी होने जैसा लगना। 

कभी कभी  शौच की तेज़ हाजत होना कि जैसे रोक ही नहीं पाएंगे। 

लेकिन जाने के बाद ऐसा भान होना कि पेट अच्छी तरह से साफ़ ही नहीं हुआ.

शौच जाने का आभास केवल क्षणिक होना.

अर्थात यदि एक तीन मिनट में शौच गए तो ठीक, नहीं तो शौच की हाजत का बिना शौच किये समाप्त हो जाना.

कभी कभी या अक्सर, खाना खाने के तुरंत बाद शौच जाने की हाजत होना.

कुछ खाते ही ऐसा प्रेशर बनता है जो ज़रा भी रोके नहीं बनता.

कभी कभी बिना कोई भोजन में बदलाव किये या दवाई लिये, ऐसा भान होना कि पेट बिलकुल ठीक है.

जो एक दो दिन चलता है फिर दोबारा कोई न कोई पेट की समस्या का खड़ा हो जाना.

सही से मल विसर्जित न होने के कारण भारीपन, सुस्ती, चिडचिडापन व उर्जाहीनता का भान होना.

धीरे धीरे अन्य लक्षणों जैसे अनिद्रा, पेट की सूजन, शरीर में भारीपन, अकड़न इत्यादि से ग्रसित होना.

यह जरूरी नहीं कि IBS में ऊपर बताये गये सभी लक्षण हों। 

यह सभी लक्षण प्रासंगिक हैं, जिसका मतलब है कि सभी लक्षण का होना ज़रूरी नहीं.

इनमें से कुछेक लक्षणों का होना भी कम उग्रता की संग्रहणी के परिचायक होते हैं,

जो धीरे धीरे, बाद में, सभी लक्षणों से युक्त IBS में बदल सकती है। 

IBS के लक्षण (Symptoms of IBS) रोग की अवधि और आयु के अनुसार बदलते रहते हैं और इनकी उग्रता भी बदलती या घटती बढती रहती है.

IBS संग्रहणी – क्यों होता है यह रोग

संग्रहणी रोग के आधुनिक वैज्ञानिक लक्षण व कारण लगभग वही हैं जो आयुर्वेद में वर्णित हैं.

फर्क केवल इतना है कि आयुर्वेद में इसे वातज संग्रहणी, पित्तज संग्रहणी, कफज संग्रहणी इत्यादि नामों से विभाजित किया गया है, जबकि आधुनिक चिकित्सा में इसका वर्गीकरण IBS-C, IBS-D, IBS-M (या IBS-A) इत्यादि मुख्य समूहों में किया जाता है। 

IBS treatment in hindi ibs ka ilaj sangrahani rog ka ayurvedic upchar

आयुर्वेद में बताई गयी संग्रहणी ज़्यादातर बढ़ी हुई उम्र में पाई जाती है, जबकि आजकल की IBS संग्रहणी छोटी उम्र में भी होती पाई जाती है। 

इसका मुख्य कारण है, आधुनिक दिनचर्या और खानपान, और साथ ही साथ आहारों में बढ़ती विषाक्तता (Pesticides), उन्नत किस्में (Genetically modified foods) और आधुनिक दवाओं के गंभीर दुष्प्रभाव। 

लेख लम्बा न हो जाए, इसलिए इसे संक्षेप में जानने का प्रयास करेंगे। 

पाचन तंत्र में असंतुलन

हमारा पाचन तंत्र जटिल रासायनिक प्रतिक्रियाओं का अनूठा तालमेल है, जिसमें मुंह की लार (Saliva) से लेकर, अमाशय (stomach), यकृत (Liver), अग्नयाशय (Pancreas) के रसायनों, enzymes व आतों में उपस्थित जीवाणुओं (Gut microbiota) का महत्वपूर्ण योगदान रहता है.

आंतों के जीवाणु अपने आप को वैसे ही ढालने का प्रयास करते हैं जिस प्रकार के रसायन व आहार उन्हें उपलब्ध होते हैं.

जब इस तालमेल में असंतुलन एक लम्बे समय अथवा कुछ महीनों या वर्षों  तक चलता रहता है तो इन जीवाणुओं के व्यवहारऔर संख्या में भी असंतुलन पैदा हो जाता है.

बैक्टीरिया का सामान्य व्यवहार

दूसरा, Amoeba और कई अन्य एक कोषकीय जीवाणु इस धरती पर सबसे पहले पैदा होने वाले एक कोशकीय जीव हैं। 

इनमें से  हम Amoeba  की बात करेंगे, जिसकी कई किस्में हमारे पेट के लिये कष्टकारी होती हैं। 

ये अपने आप को स्वयं विभाजित कर अपनी संख्या बढ़ा सकते है। 

Amoeba रुके हुए पानी के स्रोतों जैसे झीलों, तालाबों या कुओं में खूब पाया जाता है.

जब ये amoeba हमारे पीने के पानी के साथ शरीर में प्रवेश करता है तो ये अमाशय के तेजाब, लिवर के पित्त व पैंक्रियास के क्षारों से भी बच निकल कर बड़ी आंत तक जा पहुँचता है.

बड़ी आंत में सामान्यत: ये वहां के बैक्टीरिया का आहार बन जाता है.

लाभकारी बैक्टीरिया पर हानिकारक बैक्टीरिया का आक्रमण

लेकिन जब हमारे बैक्टीरिया किसी कारण कम हो जाएँ या कमज़ोर हो जाएँ तो यह ये amoeba उनसे भी बच जाता है और आंत की दीवार में छिप जाता है.

जहां ये अपने वंश को बढाने लगता है.

जब भी कभी किसी कारण, हमारी आंत के बैक्टीरिया थोड़े निष्प्रभावी होते है ये amoeba बाहर आकर अपनी कॉलोनी बनाने लगते है.

इनके कॉलोनी बनाने के प्रयास के समय बैक्टीरिया व amoeba में भयंकर युद्ध हो जाता है जिस कारण हमें कब्ज़, दस्त, आंव, अफारा व गैस का प्रकोप झेलना पड़ता है.

यदि युद्ध के बाद amoeba का पक्ष जीत जाता है तो अगले युद्ध के डर से ये अपनी जनसँख्या इतनी बढ़ा लेता है कि हमें कब्ज़ हो जाती है। 

जब यह आंत में अपना जमावड़ा बनाना चाहता है तो यह आंतों की गति को निष्क्रिय कर देता है जिस कारण हमें कब्ज़ हो जाती है.

यदि हमारे बैक्टीरिया का पक्ष जीतता  है तो हमें दस्त लग जाते हैं.

यह इसलिए होता है क्योकि  हमारा बैक्टीरिया पक्ष अमीबा पक्ष के जीवाणुओं को मलद्वार से बाहर निकाल कर अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता है.

चिकित्सा परिभाषा में अमीबा संबंधी रोगों को amebiasis कहा जाता है। 

यही प्रसंग कुछ अन्य विषाक्त जीवाणुओं जैसे Giardia, Cryptosporidium और Entamoeba histolytica इत्यादि के बारे में भी कहा जा सकता है। 

आधुनिक दवाओं का प्रकोप

IBS रोग में antibiotics, steroids व दर्द निवारक (pain killers) दवाओं के अधिक उपयोग एक अन्य मुख्य कारण है.

यह दवाएं हमारे लाभकारी बैक्टीरिया का भी सफाया कर देती हैं, जो आहार को पचाने का काम करते हैं.

जब इन दवाओं से लाभकारी बैक्टीरिया भी नष्ट हो जाते हैं तो हानिकारक विषाणुओं को आँतों में पनपने और घर बनाने का अवसर मिल जाता है.

टाइफाइड, H Pylori इन्फेक्शन, आँतों की TB, और कई अन्य रोगों के इलाज लम्बे चलते हैं। 

और इनमें बेहद तेज़ एंटीबायोटिक्स दिये जाते हैं, जो आँतों के लाभकारी बैक्टीरिया और एंजाइम दोनों का ही सफाया कर देते हैं। 

संवेदनशील आहार और एलर्जी

आहार की संवेदनशीलता (food sensitivity) और एलर्जी भी IBS के कारण बन जाते हैं.

हालांकि इस बात पर वैज्ञानिकों के दो मत हैं. (1)

जब लंबे समय तक हम उन आहारों को लेते रहते हैं, जिनके प्रति संवेदनशील हों, तब भी पेट के बैक्टीरीया का सन्तुलन बिगड़ जाता है। 

IBS संग्रहणी – मौसमी प्रभाव

ऊपर बताई गई बैक्टीरिया और amoeba के बीच की जंग, मौसम के बदलाव के समय अधिक उग्र हो जाया करती है.

इस कारण संग्रहणी का हमला अक्सर हर दो तीन महीने के अंतराल में अथवा मौसम के बदलाव में अधिक दुखदायी होता है.

गर्मियों व बरसात के पूरे समय ये रोग उग्र ही रहता है, जबकि जाड़े सर्दियों में पितज संग्रहणी का प्रकोप बढ़ जाता है। 

एक विशेष बात

IBS का रोग पनपने में कई महीने या वर्ष का समय लग जाता है। 

इसी कारण शुरुआती दौर में इतना अनुभव नहीं होता.

इसके लक्षण धीरे धीरे पनपते हैं जिन्हें हम आरंभ में एसिडिटी, अफारा, बदहजमी, दस्त, कब्ज़ इत्यादि समझकर सहते या टालते रहते हैं.

कृपया जान लें, बताये गये उदाहरण सांकेतिक है, बिलकुल सटीक नहीं.

क्योकि जीवाणुओं सम्बंधित प्रतिक्रियाएं काफी जटिल होती हैं जिन सबका उल्लेख करने पर ये लेख सैंकड़ों पृष्ठ लंबा हो सकता है.

IBS संग्रहणी से जुड़े रोग

IBS एक रोगलक्षण  समूह का नाम है.

इसकी कई किस्में भी होती हैं जिनमें से तीन मुख्य मानी गयी हैं.

रोग के पुराने होने पर एक किस्म दूसरी में और दूसरी किस्म तीसरी में परिवर्तित भी होती रहती है.

पुराने हो जाने पर IBS संग्रहणी पेट के कई अन्य रोगों का कारण भी बन जाती है.

जिनमें से मुख्य यह हो सकते हैं:

आँतों की सूजन (IBD), अल्सरेटिव कोलाइटिस (UC), Crohon’s disease, छोटी आंत की इन्फेक्शन (SIBO),

बवासीर (Piles), SRUS, नाभि का खिसकना (Entral gastritis), पेट या गुदाद्वार का कैंसर 

GERD, Hiatus hernia और आमाशय पेट के घाव (Peptic ulcer),

जीर्ण कब्ज़ रोग (Chronic constipation) इत्यादि.

IBS संग्रहणी है कई रोगों की जननी

संग्रहणी जब पुरानी हो जाती है तो यह कई अन्य जटिल रोगों की जननी भी बन जाती है.

इस रोग के अगले गंभीर आयाम ऑटोइम्यून बीमारियों जैसे जोड़ों के दर्द, आर्थराइटिस, डायबिटीजथाइरोइड इत्यादि का पनपना होता है.

रोग प्रतिरोध कम होना, 

शोधकर्ताओं के एक बड़ा तबका डायबिटीज, आर्थराइटिस, गाउट, उच्च रक्तचाप, बालों व दृष्टि पर दुष्प्रभाव इत्यादि के पीछे IBS को ही मुख्य कारण मानते हैं. (2, 3, 4, 5)

इसे कई प्रकार के कैंसर का भी कारक माना जाता है, जिनमें गुदा, अमाशय और आंत के कैंसर मुख्य हैं.

IBS संग्रहणी और मानसिक विकार 

आगे चलकर यह समस्या मानसिक विकृति का रूप ले लेती है.

जिस कारण ये आलस्य व मनोदशा में नकारात्मक बदलाव का कारण भी बन जाती है.

चेहरे की रौनक गायब हो जाती है. 

हंसने व खुश रहने के अवसरों (विवाह, जन्मदिवस, सामाजिक त्योहार, मेल मिलाप) पर भी मन खिन्नता से भरा रहता है. (6)

लगभग 20% लोग अवसाद (Depression) का अनुभव करते हैं।

60% आईबीएस मरीजों में सामान्यीकृत चिंता (Anxiety) सबसे आम मानसिक स्वास्थ्य समस्या पाई जाती है।

पेट की समस्या मन की विचारशीलता पर इतनी हावी हो जाती है कि सही सोचने समझने की शक्ति भी सही से काम नहीं कर पाती. (7)

आईबीएस मस्तिष्क क्रियाओं को भी प्रभावित करती  है।

लोग मस्तिष्कीय धुंद (Brain fog) का अनुभव करते हैं, जिसमें भ्रम, भूलने की बीमारी और ध्यान केंद्रित करने(focus) में कठिनाई शामिल हो सकती है।

IBS के कुछ रोगी अच्छी सलाह देने वालों; जैसे मित्र, परिवार, डॉक्टर इत्यादि की सलाहों को भी शंकित होकर देखते हैं। 

इस रोग में तनाव के अकारण बने रहने और मानसिक खिन्नता से यौन क्षमता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है,

जिस कारण वैवाहिक जीवन पर भी संकट आ जाता है(8).

कुछ लोगों में आत्महत्या के विचार (Suicidal ideation) भी जन्म लेने लगते हैं।

IBS संग्रहणी और आधुनिक चिकित्सा

अकसर पूछा जाता है; क्या संग्रहणी IBS का कोई पक्का (permanent) इलाज अथवा चिकित्सा है?

इसका जवाब है – हाँ. बशर्ते आप बताये गए नियम व खानपान पर ध्यान दें.

नहीं तो इस रोग के दोबारा पनपने में समय नहीं लगता.

एलोपैथी में IBS संग्रहणी का उपचार अथवा इलाज केवल लाक्षणिक (symptomatic) रहता है, स्थाई नहीं।

इसलिये एलोपैथी में अक्सर कहा जाता है कि IBS के रोग का प्रबंधन किया जा सकता है, इलाज नहीं। 

मतलब, यदि गैस एसिडिटी बने तो antacid;

constipation हो तो laxatives;

दस्त हों तो antibiotics व anti-prozoal इत्यादि.

एलोपैथी में IBS का कोई कारगर व स्थाई उपचार नहीं है.

इसका बड़ा कारण है, कि एलोपैथी केवल लक्षणात्मक (symptomatic) उपचार की पद्धति है,

संग्रहणी का होम्योपैथिक इलाज भी काफी हद तक लक्षणात्मक ही होता है.

जबकि IBS संग्रहणी का उपचार केवल प्रणालीगत (systemic) तरीके से ही किया जा सकता है, जो केवल प्रमाणित वैकल्पिक चिकित्सा में ही संभव है, जो रोग को जड़ से सही करने में सक्षम है।

IBS संग्रहणी – प्रणालीगत चिकित्सा

पित्त संग्रहणी, वातज संग्रहणी, कफज संग्रहणी इत्यादि नाम आपको भ्रम में डाल सकते हैं.

लेकिन यदि आप संग्रहणी का रामबाण इलाज चाहते हैं तो जान लीजिये कि केवल प्रणालीगत चकित्सा में  ही IBS संग्रहणी रोग को बहुआयामी उपचार से ठीक किया जा सकता है जो आयुर्वेद सम्मत भी है और विज्ञान सम्मत भी.

प्रणालीगत चकित्सा का मतलब है पाचन तंत्र में मूलभूत बदलाव ला कर उसे फिर से अपने वास्तविक स्वरूप में लाना.

रोग के सब के सब कारक लक्षणों का एकसाथ इलाज होना चाहिये। साथ ही खानपान में बदलाव भी करना होता है. 

उद्देश्य रहता है कि पाचन क्रिया के सभी अंगों में फिर से सामंजस्य स्थापित किया जाए.

इसीलिये बहुआयामी उपचार आवश्यक हो जाता है.

आई बी एस का आयुर्वेदिक उपचार में मुख्यत: इन पहलुओं पर औषधियां दी जाती हैं, जो सभी एक निर्धारित क्रम में लेनी होती हैं :

1 विषाणुओं का सौम्य योगों द्वारा उन्मूलन

2 निर्धारित क्रम में पेट की सफाई

पेट और आंत के घाव या उग्रता का उपचार

4 IBS के साथ साथ ही पेट के अन्य सहयोगी रोगों का इलाज

IBS के ऑटोइम्यून दुष्प्रभावों का निवारण

लाभकारी बैक्टीरिया को बढ़ाना

संग्रहणी की आयुर्वेदिक दवा

IBS संग्रहणी का आयुर्वेदिक इलाज केवल समग्र रूप से ही किया जा सकता है.

फौरी इलाज से कभी भी नहीं.

आयुर्वेद सेंट्रल द्वारा IBS संग्रहणी चिकित्सा के पूरे उपचार के लिए 4 से 6 औषधियों और सप्लीमेंट्स का कोर्स दिया जाता है

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उपयोग विधि बताई जाती है, खानपान सम्बन्धी नियम भी और निर्धारित क्रमानुसार कई कारगर उपाय भी सुझाये जाते हैं.

ध्येय रहता है कि आप पूरी उम्र इस रोग से बचे रह सकें और अन्यों की सहायता भी कर सकें.

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IBS संग्रहणी सम्बंधित अन्य लेख

IBS संग्रहणी सम्बन्धी कुछ अन्य लेख इन लिंक्स पर देखे जा सकते हैं.

संग्रहणी IBS की किस्में

आँतों की सूजन (IBD) के लक्षण, कारण और इलाज

छोटी आंत में संक्रमण (SIBO) के लक्षण और उपचार

IBS संग्रहणी और आँतों की सूजन (IBD) में फर्क और समानतायें

कब्ज़ (constipation) के लक्षण, कारण और इलाज उपाय

संपर्क कीजिये 

आप नीचे दिये फोन पर व्हाट्सएप या कॉल कर सकते हैं:

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सारशब्द

IBS संग्रहणी एक ऐसा रोग है जो अन्य कई रोगों जैसे कि गठिया, डायबिटीज, लिवर रोग, किडनी रोग इत्यादि को जन्म दे सकता है.

यह जीवन को खिन्नता से भी भर देता है जिससे जीवन की उमंग और उल्लास कम होने लग जाते हैं.

जीवन का भरपूर आनंद लीजिये,

रोग को कभी भी अनदेखा मत करिये.

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56 thoughts on “क्या होता है IBS संग्रहणी रोग – लक्षण, कारण और इलाज”

  1. Maene 5 salon me kai ilaj karvane ke baad aapka yeh IBS ka course liya tha.

    Apka IBS ka yeh treatment bada hi prabhavkari hai.

    Aur Sir ji, aap hamesha phone email per turant jawab dete hain to man khush ho jaata hai. Aapse baat karke aisa lagta hai ki bimari bhag gai hai.

    Aapka hamesha abhari hun.

  2. आदरणीय राजीव जी
    एक बात ज़रूर कहूँगा आपसे बात करके ही लगता है कि सारी समस्यायें ठीक हो गयी हैं. जो आप होसला बढ़ाते हैं जो एकाएक मन में उर्जा सी महसूस होती है.
    आज तीन महीने बाद मुझे लगता है ही काश मुझे आपका पता सात साल पहले लग जाता तो तो इतना नुक्सान नहीं होता जो मेने भांति भांति के इलाजों से उठाया है.
    आपके ही कारण वैवाहिक जीवन भी बच गया है और नौकरी भी जो IBS के कारण खतरे में आ गये थे.
    आप का बारम्बार धन्यवाद नमन

  3. I was suffering from IBS and had lost all hope till I found you through internet search.
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    I wish to thank you Sir for your ever positive responses. I always got your helping replies whenever I called you.
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    Jin logo KO colitis Ki problem hoti hai Vo hi logo jante hai ish problem ka dard kais hota.so Jo logo chahte hai Ki jaldi se ish problem ko thik kare to please use aryuved central medicine.ish medicine ko use karte hi slowly slowly hi colitis Ki problem thik Ho jati hai or life Mai ek new confidence aa jata hai

  4. प्रशांत तिवारी

    राजीव जी धन्यवाद आपके द्वारा दी गई जानकारियो के अनुसार प्रदत्त औषध के कारण मेरे पिता जी के स्वास्थ में तेजी से सुधार हुआ है
    ये ओषधियों सही में चमत्कारिक गुणों से युक्त है और जिसे भी इसकी तकलीफ हो वो जरूर लेवे बहुत ही जबरदस्त फायदे है
    इसके मैं शुरू में आयुर्वेद में विस्वास नही था परंतु इसे देखने के बाद मेरी जिज्ञासा और बढ़ गई है
    मुझे लगता था आप मुझे ही इतना समय देकर समझाते है मगर यहाँ तो सभी आपके व्यहार के इतने कायल है यह प्रसंसनीय है
    जो पीड़ित होता है और उसका परिवार इसे समझ सकता है परंतु जब मार्गदर्शन उम्दा हो तो पीड़ा खत्म हो जाती है मैं उन समस्त जिज्ञाशु लोगो से अनुरोध भी करूँगा की शर्मा जी से फोन में जरूर बात करे
    ये मेरा विश्वास है आधी बीमारी तो मनोबल बढ़ा कर ठीक कर देंगे पुनः आपका आभार राजीव जी

  5. My mother aged 79 years was not getting cured of her dysentery, dyspepsia and acidity, for over two years. Doctors told us that she was suffering from IBS and medicines were not working because of her age.
    Then we searched on google and found your article on IBS and decided to give it a try.
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    Thanks for your wonderful treatments and products.

  6. मैंने आपसे IBS का इलाज करवाया था. फिर मेरे कई सम्बन्धियों और मित्रों ने भी आपके कई प्रोडक्ट्स उपयोग किये हैं. मुझे गर्व है आप पर कि आज 7-8 सालों में एक भी व्यक्ति ने यह नहीं कहा कि उन्हें फायदा नहीं हुआ. सबने अपने रोगों से मुक्ति पाई है. आपको बारम्बार सादर नमस्कार

  7. सादर नमस्कार
    जब मैंने आपसे IBS का कोर्स लिया तो मन में कई शंकायें थीं क्योंकि भांति भांति और नामी गरामी जगह से इलाज करने के बाद भी कोई लाभ नहीं मिल रहा था और हताशा मन पर हावी हो गयी थी.
    आपने मुझे इलाज भी दिया और भरोसा भी कि मेरा रोग ठीक हो सकता है. आप पूरे संयम से मेरी समस्या सुनते हैं जबकि आजतक किसी को भी मेने ऐसा नहीं पाया जो मरीज़ की पूरी बात ध्यान से सुने.
    आज में पूरा स्वस्थ हूँ, तो केवल आपके ही कारण. और कह सकता हूँ कि IBS कोई बड़ा या असाध्य रोग नहीं है.

  8. मित्रों

    जब मैंने मेरे एक मित्र के कहने पर आयुर्वेद सेंट्रल से पहली बार दवाओं का आर्डर किया था तो लग रहा था एक बार कोशिश करके देख लेता हूँ. क्योंकि इसके पहले पिछले 5-6 सालों में मैंने लाखों रूपए खर्च करके भी कोई फायदा नहीं पाया था’.

    इसके पहले Alopathy, होमियोपैथी, आयुर्वेद सब प्रकार के इलाज करवाए थे पर सब बेकार और कोई फायदा नहीं. हर डॉक्टर अलग अलग रोग बताते थे. कोई कहता था आँतों में घाव हो गये हैं, कोई कहता था एसिडिटी है, dyspepsia है, वगैरह वगैरह. एक ने तो आंतो में कैंसर का भी शक जाता कर मेरी कोलोनोस्कोपी और एंडोस्कोपी, अल्ट्रासाउंड जैसे टेस्ट करके मेरे हजारों रूपए ऐंठ लिये थे. फिर बताया गया कि IBS है जिसका कोई permanent इलाज नहीं है.

    जब आयुर्वेद सेंट्रल के एक महीने के इलाज में ही लगभग 70% सुधार मिल गया तो मुझे विश्वास हो गया कि मैं पूरी तरह ठीक हो सकता हूँ.

    अगले एक महीने में मैं इस लायक हो गया था कि मुझे घी, दूध, मीठा, मसाले इत्यादि सब सही से हजम होने लग गये थे.

    मैंने फिर भी इलाज को दो महीने और चलाया और आज लगभग डेढ़ साल हो गया है कि मुझे अब IBS की कोई शिकायत नहीं है. शर्मा सर ने मुझे इतना कुछ बता दिया कि मै आज अपने आप का पूरा डॉक्टर बन गया हूँ.

    मेरी माता जी को जोड़ों में दर्द की समस्या थी वह भी Anabol, बोस्वेल्लिया और Cissus के उपयोग से ठीक हो गयी. फिर मेरे किसी अन्य सम्बन्धी को यूरिक acid और कमर दर्द की समस्या थी उसका इलाज भी आयुर्वेद central ने ही किया था.

    उसके बाद से मेरे एक एक कर लगभग 12-14 मित्रों के परिवारों ने आयुर्वेद सेंट्रल के उत्पाद उपयोग किये हैं. और हर एक ने यह कहा की पूरा फायदा आराम मिला है.

    मुझे गर्व है कि आयुर्वेद सेंट्रल का हर उत्पाद बेहतरीन और सलाह बिलकुल सटीक मिलती है.

    आप अपना कोई भी इलाज यहाँ निसंकोच करा सकते हैं. इसमें कोई संशय नहीं है. धन्यवाद.

  9. i am under treatment and i think its complete treatment for IBS sufferers and your search can ends here only.i also have sevral digestive issues like gas indigestion alternative BM,unformed stools,incomplete evacuation.i checked this site and reailsed and got all the answers that we have to take care of 3 things for our digestion.one is HCL acid,2nd is enzymes and third is Bacteria.
    if we have these three things anything we can digest and evacuate properly.
    below i mentioned my 2 big problems which always triggered my IBS symtoms.
    Sugar and sugar products,Milk and Milk products ,
    Here I got the answer why sugar prodcuts is problematic to me .why cant milk suits me.and also got the solution for lifetime not from medicines only but to change our lifetimde and add new dishes to increase HCL,enzymes and bacteria in your daily life so all IBS will go on.
    I asked hudreds of doctors why i am not able to digest things properly.they simply say weak digestion but no one give you exact solution.they wants only to come permanently in his/her clinic for lifetime.eat medicine as routine till your life and just live as it is,dont enjoy it.
    i am under treatment here and i think its complete treatment for IBS sufferers and your search can ends here only.here you will get proper diagnosis and the solutions as well.
    I will share my experience to you all each month.

  10. दो साल पहले मुझे आंतो की TB हो गयी थी तब मैंने आयुर्वेद सेंट्रल से पहली बार संपर्क किया था. राजीव सर ने उस समय मुझे बेहद बढ़िया सलाह दी थी कि TB का सबसे बढ़िया सटीक इलाज alopathy में ही होता है आयुर्वेद में नहीं. जब मैंने उनको बताया कि एक वैद जी कहते हैं कि TB का इलाज आयुर्वेद में भी होता है तो उन्हों ने कहा कि आपके वैद जी गप्प मार रहे हैं. वैदजी से पूछिए कि अपने किसी एक मरीज से संपर्क करा दें जिसका TB का इलाज वैद जी ने किया हो.

    मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि आयुर्वेद सेंट्रल alopathy के TB के इलाज को बढ़िया बता रहे थे और अच्छा लगा कि उन्होंने केवल बढ़िया सलाह दी औरअपना एक भी उत्पाद बेचने की कोशिश नहीं की.

    TB की तेज़ एंटीबायोटिक्स से मेरा पेट बिलकुल खराब हो गया था तब मैंने फिर से राजीव सर से संपर्क किया. तब उन्होंने मुझे probiotics और prebiotics लेने की सलाह दी और कहा कि वे आयुर्वेद सेंट्रल के IBS कोर्स को TB के इलाज के बाद ही देंगे.

    में राजीव सर बिलकुल कायल हो गया कि वे मुझे पूरी सहायता और मनोबल बढ़ाते थे जबकि मैं केवल उनका कीमती समय बर्बाद करता था.

    TB ठीक होने के बाद उन्होंने मुझे IBS कोर्स दिया था चार महीने के लिये, जिससे मुझे पेट की समस्या से पूरी राहत मिल गयी. और मेरा वज़न भी 7 किलो बढ़ गया जो कि पहले कम हो गया था.

    आयुर्वेद सेंट्रल में मुझे ऐसा लगा कि यहाँ पर ग्राहक जैसा कोई व्यवहार नहीं होता. यहाँ आपको लगेगा कि एक बड़ा परिवार है जिसके आप सदस्य हैं, और मुखिया सबकी देखभाल करता है.

  11. IBS का यदि कोई सबसे बढ़िया इलाज है तो यहीं पर है. इसमें कोई शक नहीं. आज मैं बिलकुल ठीक हूँ जबकि इससे पहले जब भी इलाज करवाया तो कहीं भी पूरा इलाज नहीं हुआ. शुक्रिया आपका आयुर्वेदा सेंट्रल

  12. 12 -13 साल बाद पहली बार ऐसा लगा कि संग्रहणी का इलाज संभव है. आज तीन महीने बाद मेरे सभी रोग के लक्षण समाप्त हो गये हैं और आपके बताये अनुसार अब मैं केवल खामीरिकृत आहार ले रही हूँ. दवाई छोड़े भी एक महीने से ऊपर हो गया है.
    आपकी Cissus और Boswellia से मेरे पतिदेव की जोड़ों का दर्द भी ठीक हो गया है, लेकिन आपके बताये अनुसार हम इन्हें तीन महीने तक ज़रूर लेते रहेंगे.
    मझे पहले से ही आयुर्वेद पर विश्वास था और आपने इस विश्वास को और बढ़ा दिया है. सादर नमस्कार

  13. Mujhe 15-16 saal se IBS ki problem thi. Jab mene Ayurved Central se treatment order kiya to mann me shanka thi ki theek houngi bhi ya nahin, kyonki kai jagah se ilaj lekar bhi koi fayda nahi ho raha tha.
    Aapke IBS course se mujhe poora fayda hua hai. Sabse achhi baat hai ki aap hamesha aisi knowledge dete hain jisse ki kai ilaj hm ghar pr hi kar sakte hain.
    Aapne hamare kai vaham bhi door kiye hain jaise ki moong dal, baingan, aluminium ke bare mei.
    Thanks a lot for your continuing help. God bless Ayurved Central.

  14. Sir mujhe IBS course se bahut hi jyada labh huwa abhi Maine pahle course Ka istemal Kiya sabse jyada labh mujhe garmiyo me bhi ghutne kamar aur yedi ke dard se chhutkara mil gya ab kitni bhi bike chalata hu mujhe koe taklif nhi Hoti aur pet ki dikkat bhi pahle se bahut jyada achha hai Aapke diye huwe Salah aur medicine sach me kargar hai main karib 10 sal se presani hu IBS se aur bahut jagah Maine ilaj bhi Karaya lekin itni rahat Kabhi nhi Mili dhanyawad

  15. Sir maine 3 yers allopathy ka ilaj karya.
    Gastritis tha mujhe. Aur sibo bhi tha.
    Par Koi fayda nahi HUA. Bahut medcine li.
    aapke ibs ke 1 month ke course se mujhe bahut fayda hua.
    Pet saf hone LAGA.
    bhook badhiya lagne lagi.
    aur acidity ka to namo nissan mita gaya.
    sir aap ki medcine bahut.powerful hui.
    ab mai apne aap ko energytik Feel karta hu.
    Jis kisi ko bhi gastritis ya aant ki dikkaat hai.ek baar ye medcine jaroor use kare.
    iske results wonder ful hai

  16. Sir , Dr shaab ka contact No bhejiye plz
    Main b pichle 15 salo se constipation Gastric prblm se joojh raha hu..Body me improvement nhi ho raha balki weight loss hota hai..Plz koi upay bataye..Plz apna Contact No send Kare

  17. Hi All

    I hope my honest review helps you all.

    If you trust ayurveda then Ayurved Central stands best among all. I admire Rajeev Sir and their entire staff for their indepth knowledge of the subject, unparalleled amongst all I have interacted with.

    Their products are truly effective which brings glory to the ancient wisdom of Ayurveda.

    I have used their products for my wifes’s IBS issues and she is all well now, as happy as she was before this Irritable Bowel Syndrome.

    Thanks and good luck to all

  18. Thanks Mr Bora for your great review. We are humbled and grateful.

    We are glad to know of your wife’s recovery.

    Your blessings keep us motivated at all times.

    Best Regards

  19. पिछले 5-6 हर जगह धक्के खाने के बाद मुझे आपके यहाँ से पहली बार कोई कारगर दवाई मिली है जिसने मेरी परेशानी ठीक कर दी है।

    में आपका शुक्रगुजार हूँ खासकर मैडम हीना और शर्मा सर का।

    अब मेरी बेटी रेहाना भी आपसे दवा ले रही है। उम्मीद है वो भी जल्द ठीक हो जाएगी।

  20. I belong to Kerala and very much believe in Ayurveda. I had IBS issues which were troubling me for the past many years.
    I tried Allopathy, Homoepathy and Ayurved too, but could not get much relief.
    My symptoms would go during the treatment but would come back again and again.
    An ex colleague of mine who was also suffering from IBS and acidity, suggested me about ayurved Central. I took their medicines for about three months and got cured fully.
    For the past two years, I have not faced any issue. I am glad to say that even after the treatment they have always responded well and advised me from time to time. This is what impresses me a lot.
    Their caring behaviour is a great experience.
    Best of luck to everyone ay Ayurved Central

  21. satish chandra yadav

    प्रणाम आदरणीय।
    सर आपकी दवा का आज 41 वा दिन है। मैं पूरी तरह से रोगमुक्त और अवसादमुक्त महसूस कर रहा हूं।सर पेट के रोगों पर आपका शोध और उससे जुड़ी दवाओं का कम्पोजीशन बहुत ही बेजोड़ है।मैं आपका बहुत शुक्रगुजार हूं और धन्यवाद भी कहना चाहूंगा कि आप अपनी दवा के साथ स्वयं फोन करके दैनिक रिपोर्ट लेते रहते है। आप तो मेरे लिए भगवान की तरह है जो मुझे Ibs bds जैसे गंभीर बीमारी से मुक्ति दिलवाए।

    अतिशय धन्यवाद आदरणीय।

  22. Meri pet ki pareshani ka ilaj yahan pr hi hua hai. Iske pahle mijhe kahi bhi sahi ilaj nahi mila. Sab paise lootne me lage hote the.
    yahan mujhe ek mahine me hi rahat mil gai.
    Maine Dr sahab ko bol diya tha ki men dawai 5-6 mahine tak kha sakta hun, lekin unhone kaha ki ab iski koi jarurat nahi hai.
    mujhe bada acha laga, thanks

  23. For the first time in over 11-12 years I found an ayurvedic treatment which totally addressed my gut issues and bloating.

    I am amazed that ayurveda is so effective. I still remember when Dr Rajiv asked me to enjoy maggi and assured me with full confidence that nothing will happen.

    I ate maggi, pizza, burgers continuously for 4 five days and found that I could easily digest them. Sir’s motivation helped me break my so many other mindsets on diet.

    Only thing I still do is, I eat less chillies.

    Rest, life is fun after I took treatment from Ayurved Central.

    I now eat everything I feel like.

    One thing you would always find about Sir is his constant motivation. He always makes one feel happy and bindaas!

    Madam Heena and Anureet too are so caring, and it is a fun talking to them.

    I wish everyone should consult them for any problem and they have easy solutions.

  24. पीयूष जैन

    यह पोस्ट पढ़कर डॉ साहब आपसे जो मेरी बात हुई उसके लिये बहुत बहुत धन्यवाद।

    आपने मुझे पूरा समय दिया, मुझे सुना। आपका अंत में यह कहना कि मुझे किसी औषधि की जरूरत नहीं है, अपने आप में यह दर्शाता है कि जैसा मैंने आपके बारे में सुना था उससे कहीं अधिक पाया। अन्यथा आजकल कौन है जो अपने प्रोडक्ट नहीं बेचना चाहेगा।

    आपके अपने पेसेंट के लिये इस तरह जागरूक रहना और उनसे इस तरह ट्रीट करना बहुत ही सराहनीय है।

    मुझे आपसे जो सलाह मिली उससे मै पूरी तरह सन्तुष्ट हूँ ।
    नमस्कार 🙏🙏🙏

  25. satish chandra yadav

    मैं इस पोस्ट पर 10-12 महीने बाद दुबारा अपने अनुभव लिख रहा हूं।मुझे IBS और IBD जैसे जटिल रोगों से मुक्ति आयुर्वेद सेंट्रल के राजीव शर्मा सर की देन है।सर से मेरा जुड़ाव पिछले साल मई 2019 में हुई थी जब गर्मी बढ़ने के साथ मेरी हालत बदतर हो गयी थी।उस समय मैं एक प्रतियोगी छात्र था,मेरी पढ़ाई लिखाई के साथ साथ मेरा स्वास्थ एकदम बर्बाद हो चला था।मन मे बार बार एक ही बात आती थी कि शायद मैं छोटी उम्र लेकर आया हूं। feb 2018 से लगातार साल भर मैं एलोपैथ,होम्योपैथ एवम आयुर्वेद में भी दिखाचुका था।लेकिन मेरी समस्या दवा के साथ बस राहत भर देती।सर से जब सम्पर्क किया तो मन मे एक शंका थी कि ऑनलाइन कैसे ट्रीटमेंट करेंगे।खैर ‘मरता क्या न करता’…..शुरू किया ट्रीटमेंट।शुरू के तीन चार दिन मेरे लिए थोड़ा मुश्किल थे।लेकिन शर्मा सर लगातार हमारे सम्पर्क में थे।सर का आशीर्वाद और दवा दोनो दिन पर दिन पोसिटिव रिजल्ट देने लगे लगभग एक हफ्ते बाद मेरे खुद के कॉन्फिडेंस बढ़ने लगे।जैसे जैसे महीने बीतते सुधार होता गया।मेरी कुछ और भी पेरीफेरल समस्या थी सर उसका भी समाधान बताते चलते।अंततः मैं पूरी तरह से स्वस्थ्य हो गया हूं। मेरी दवा भी बंद हुए सात महीने हो गए है।दुबारा कोई भी समस्या नही रही है।आयुर्वेद सेंट्रल के द्वारा दी गयी जानकारी को मैं पढ़ता रहता हूं।सर के प्रति मेरा सम्मान और विश्वास का भाव जो बना हुआ है वो मैं यहाँ बया नही कर सकता।

    चरणस्पर्श आदरणीय।

  26. अति स्नेही सतीश जी !

    आप ने दोबारा कमेन्ट करके हमें ऋणी बना दिया है। हम पिछले कुछ महीनों से आपसे सम्पर्क करते करते रह गए, जिसके लिये क्षमा प्रार्थी हूँ। ईश्वर कृपा आप पर सदैव बनी रहे, स्वस्ति, मंगल कामनायें!!

  27. सुबेदी जी,
    बिगड़ी हुई IBS ही बाद में IBD/ulcerative colitis बनती है। हमारे कई ग्राहक हैं जिन्होंने IBD से पूरी राहत पाई है।

    जहां तक Crohn’s Disease का प्रश्न है, केवल प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स ही इसमें लाभ दे पाते हैं जो हानिकारक कोशिकाओं में apoptosis क्रिया को उत्तेजित कर बीमारू कोशिकाओं का दमन कर सकते हैं।

    आपको जो औषधियाँ भेजी गई हैं, वे Crohn’s के Ileocolitis में कारगर पाई गई हैं।

    उनका नियमित सेवन कीजिये, आशा है आप अपने सुधार से शीघ्र की सबको अवगत कराएंगे।

    अतिशय धन्यवाद, मंगल कामनायें!

  28. Sangeet Wankhade

    मैंने और मेरे परिवार के कई सदस्यों ने आयुर्वेद सेंट्रल से समय समय पर उपचार भी लिया है और स्वास्थय परामर्श भी लिये हैं।

    मुझे यही बताना है कि यहाँ के सभी counsellor बड़े ही प्रेम और सहानुभूति भाव से व्यवहार करते हैं। वे कभी भी व्यर्थ की खरीद नहीं करने देते हैं, केवल वही लेने को कहेंगे जो ज़रूरी हो। यही नहीं मेरे कई परिचितों को यहाँ से मुफ़्त सलाह तो मिली ही है, साथ ही ये भी बताया गया कि उन्हें कौन से टेस्ट करवाने चाहिये।

    मेरी श्रीमती को इन्होंने ही विटामिन डी3 की कमी का बताया था जो जांच करने पर सही निकला। मैं तो यही कहूँगा कि आदरणीय राजीव जी ने संस्था को ऐसा रूप दे दिया है कि यहाँ का हर एक कर्मी कर्तव्यनिष्ठा का दिल से पालन करता है।

  29. दीपक पाटीदार

    आदरणीय सर जी मुझे बहुत समय से पेट में गेस खाना नहीं पचना पाइल्स की समस्या है ।पेट की प्रॉब्लम के कारण चेहरे पर मुंहासे भी बहुत ज्यादा हो रहे हे ।आप मुझे उचित मार्ग दर्शन देवे

  30. अनिल कुमार

    मुझे आई बी एस की दिक्कत थी जिसका सफल इलाज मुझे आयुर्वेद सेंट्रल से ही मिल पाया है। मुझे यह बताते हुए बड़ी खुशी है कि यहाँ के counsellor बड़ी ही आत्मीयता से बात करते हैं जिससे आधा रोग तो वैसे ही ठीक हो जाता है। धन्यवाद पूरे स्टाफ का जिन्हें डॉ साहब ने इतनी प्रेम भाव दिया है। कोटि कोटि प्रणाम

  31. Hello main ayurved ke ilaj se bilkul thik ho gaya hu. Ab mera pet bilkul thik rehta hai aur main sab kha sakta hun. Thank you madam Heena thakur ji, aap bahot badhiya tareeke se customer ka khyal rakhti hai.

  32. मुझे दो सालसे, खाया हुआ अन्न हजम नहि होता था,
    दो सालसे मुझे पतली संडास आती थी,
    अब तक मैने दो सालसे औरंगाबाद, नांदेड, परभणी, मे इलाज किया मगर मुझे फरक नही आया,

    मुझे औषधी के लिये आयुर्वेद सेंट्रल मे अच्छा मार्गदर्शन मिला।
    दो महीने से यहाँ इलाज लिया
    अब मुझे सब हजम होता है। पेट भी बिल्कुल ठीक है। आपके सब लोग बहुत अच्छे से आसान भाषा मे बात करते हैं समझाते है।
    धन्यवाद

  33. I am too happy to inform everyone that Ayurved Central is the best place for IBS treatment.

    I was suffering from IBS-C and severe acidity for over 7-8 years. I tried many doctors, clinics took all the tests but nothing worked.

    Finally I found Ayurved Central on the google search and contacted them. They listened to my problems in detail and suggested treatment. Which I took for about 3 months.

    Today, it is over six months now that I have not faced any issue. I strictly follow the diet and other rules suggested by them.

    If you are suffering from IBS, I suggest you contact them once. You will yourself be able to make out how caring and professional their staff is, especially Sharma sir and Madam Heena Thakur. Speaking to them itself will give you lot of confidence and positivity.

    Beast of luck to all your staff members.

  34. Satyendra Tripathi

    7-8 साल की निराश के बाद मुझे आयुर्वेद सेंट्रल से बात करने और औषधियाँ लेने का सुखद अवसर मिला। पहली बार बात करते ही मुझे ऐसा लगा कि में ठीक हो सकता हूँ।
    मुझे अतिसार वाली संग्रहणी थी जिसमें मुझे दिन में 4-5 बार टॉइलेट जाना पड़ता था। घर से कहीं भी बाहर जाने में डर लगता था। सफर करना भी छोड़ दिया था।
    लेकिन आयुर्वेद सेंट्रल के इलाज से मुझे पहली बार लगा कि मैं ठीक हो सकता हूँ। एक महीने बाद मुझे 50% राहत मिल गई थी, मैं अब दो बार ही टॉइलेट जाता था। अगले एक महीने (कुल दो महीने)में मेरा रोग बिल्कुल ठीक हो गया था।

    डॉक्टर साहब के कहने पर मैंने एक महीने और इलाज चालू रखा और कुछ औषधिया ईमर्जन्सी के लिये रख ली। आज दो साल बाद मुझे ऐसा लगता है जैसे मुझे कभी कोई रोग था ही नहीं।

    मुझे लगता है संग्रहणी का सबसे अच्छा इलाज आपके पास ही होता है, बाकी सब तो सिर्फ दुकान चलते हैं।

    आपका आभार शुभ कामनायें

  35. Ghanshyam Subedi

    मुझे ulcerative colitis है और crohns भी है । किपीय इसका इलाज बताईए । मैं नेपाल का रहने वाला हूँ और इलाज करा कर थक गया हु।
    प्लीज रिप्लाइ कीजिए

  36. Inki medicine sabse badhiya hai. Mujhe 10 sal baad bhatkane ke bad yahan pe accha ilaj mila hai.

  37. Thanks ayurved central.. inki vjah se MERI bhut purani bimari jad se khatm ho gyi sirf 2 months mein he… Jinko problem hai vo zrur inse samparak kre khas kr ke Dr. Raj se aur Sumanjeet madam se.

  38. मैने 3 साल पहले आयुर्वेद सेंट्रल से दवा मंगवाई थी ।डॉक्टर राजीव शर्मा जी ने स्वयं बात की।मेरा मनोबल बढ़ाया।मुझे दवा से काफी फायदा हुआ।कुछ अपनी खानपान की लापरवाही के कारण फिर से मुझे पेट की प्रॉब्लम होने लगी।पुनः डॉक्टर साहब से सम्पर्क किया है।शीघ्र ही दवा आ जायेगी।मुझे पूर्ण विश्वास है कि मुझे पेट की समस्याओं से निजात मिलेगी।डॉक्टर साहब का बहुत बहुत धन्यवाद।😊

  39. SURENDRA KUMAR MAURYA

    मै लगभग 6 वर्षो से आई बी एस से परेशान था बहुत इलाज किया लेकिन कोई लाभ नही हुआ।
    फिर मैने आयुर्वेद सेंट्रल से आई बी एस का कोर्स लिया। मै अब पूरी तरह स्वस्थ हू।
    सर से बात करके ही आधी बीमारी ठीक हो जाती है और साहस भी मिलता है।
    मुझे उन्होंने कई घरेलू बताये हैं, कि मुझे भविष्य में IBS का रोग कभी न हो।
    इनका डाईट चार्ट भी बढ़िया है, खानपान की कोई भी खास रोकटोक नहीं है। वे केवल बताते हैं कि कैसे अपने फूड ट्रिगर्स को पहचानना है और कैसे उनसे छुटकारा पाना है।
    मुझे IBS के कारण डिप्रेशन भी हो गया था जिसके लिये उन्होंने मुझे एक व्हाट्सएप ग्रुप जॉइन करवाया जिसका भक्तिमय संगीत मुझे इतना अच्छा लगा कि मेरी मानसिक स्थिति मे भी सुधार आ गया है। पहले सब नकारात्मक उलटे विचार ही आते रहते थे।
    मेँ सब से कहना चाहूँगा कि एक बार सर से बात करलें, आपको स्वयं लगेगा कि आधी बीमारी बात करते ही ठीक हो गई है।

  40. Maine yahan se ibs ki treatment li hai. Ayurved central ke product bhi badhiya hain aur staff bhi bada trained hai.
    Inke ilaj se pahle maen kai jagah ilaj kra kar thak gaya tha. Sab jagah doctor kahte the doodh mat piyo, ye mat khao vo mat khao. Fir ek friend ke kahne pr maine yahan baat ki aur darte darte order kiya. 15 din mein hi mujhe bada fayda hua fir maine doodh pikar bhi dekha jo mujhe suit kar gaya. Lekin tab mujhe madam ne roka tha aur kaha tha ki abhi dudh mat piyo, sirf dahi, paneer aur lassi lo. Ek mahine baad doodh try karna, jo maine kiya.

    Mujhe ek baat aaj bhi yaad hai jab ek mahine baad sir ne mujhe 10 din tak gehu ka ata chhodkar maida try karne ko kaha tha.
    Maine darte darte maida khana shuru kiya. Maggi, piza, burger, naan aur kulche vagera sab khub khaye. 3 din baad hi mujhe laga ki maida suit ho raha hai.

    Tab Rajiv sir ne kaha tha ki fijul ke vaham mat kiya karo, sab khaya karo.
    Aaj 5 month baad, maein bilkul thik hu aur sabkuch khata hu. Mera weight bhi 7kg badh gaya hai.
    Thanks Sir and Anureet Kaur madam for your help.

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