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प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोओटिक्स – जानिये, क्या फर्क है दोनों में

प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोओटिक्स दोनों ही, आजकल के पोषण जगत के बड़े विषय माने जाते हैं.

यद्यपि इन दोनों के नाम लगभग एक जैसे ही प्रतीत होते हैं, लेकिन दोनों ही अलग अलग होते हैं

और अपने अपने विशेष गुणों के कारण स्वास्थ्य के लिए अहम जाने जाते हैं.

क्या होते हैं प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोओटिक्स

संक्षिप्त में…

प्रोबायोटिक्स नाम है पेट के लिए लाभकारी बैक्टीरिया का,

जबकि

प्रीबायोओटिक्स लाभकारी बैक्टीरिया का आहार होता है, जिसे खाकर बैक्टीरिया हमारे पेट में खूब फूलते बढ़ते हैं.

इस लेख में जानेंगे सब कुछ…

प्रोबायोटिक्स

ये जिन्दा जागते बैक्टीरिया होते हैं जो हमें कुछ आहारों या सप्लीमेंट्स से मिलते हैं.

यह हमें अनगिनत सवास्थ्य लाभ दे सकते हैं.

प्रीबायोओटिक्स

ये एक प्रकार के कार्बोस (ज्यादातर फाइबर) होते हैं जो हमारी आंत में पचते नहीं हैंऔर लाभकारी बैक्टीरिया इस फाइबर को खाते हैं.

आंतों के बैक्टीरिया को, सामूहिक रूप से आंत वनस्पति या आंत माइक्रोबायोटा के रूप में जाना जाता है.

ये लाभकारी बैक्टीरिया हमारे शरीर के लिए कई जरूरी काम करते हैं.

प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स दोनों की सही मात्रा से यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है

कि आपके पास बैक्टीरिया का सही संतुलन है, जो आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है.

क्यों प्रोबायोटिक्स को फायदेमंद बैक्टीरिया कहा जाता है?

पाचन तंत्र में अच्छे बैक्टीरिया आपको हानिकारक बैक्टीरिया और फफूंद से बचाने में मदद करते हैं.

वे आपके शरीर की रक्षा प्रणाली को संकेत भेजते हैं और सूजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं(12).

इसके अतिरिक्त, आंत के कुछ किस्म के बैक्टीरिया आपके लिए विटामिन K और शॉर्ट-चेन फैटी एसिड बनाते हैं.

शॉर्ट-चेन फैटी एसिड आँतों की सतही कोशिकाओं के लिए सबसे ज्यादा पोषण प्रदान करते हैं.

वे आंत के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच बनाने में सहायता करते हैं

और हानिकारक तत्वों, वायरस और बैक्टीरिया से आंत को बचाते हैं .

ये सूजन को भी कम करते हैं, और कैंसर के खतरे को भी कम कर सकते हैं(3).

कैसे खाद्य पदार्थ आपके  गट माइक्रोबायोटा को प्रभावित करते हैं?

आप जो खाना खाते हैं वह आंत के लाभकारी और हानिकारक बैक्टीरिया संतुलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

उदाहरण के लिए, एक चीनीयुक्त और उच्च वसा वाला आहार नकारात्मक रूप से हमारी आंत के बैक्टीरिया को प्रभावित करता है,

जिससे हानिकारक बैक्टीरिया की प्रजातियों को ज्यादा बढ़ने का मौका मिलता है(456).

जब आप नियमित रूप से हानिकारक बैक्टीरिया को खिलाते पिलाते रहते हैं,

तो वे तेजी से बढ़ते हैं और बड़ी आसानी से अपने समूह बना लेते हैं.

फिर लाभकारी बैक्टीरिया उन्हें ऐसा करने से रोक भी नहीं पाते(78).

आंत के हानिकारक बैक्टीरिया आपको अधिक कैलोरीज लेने को मजबूर कर सकते हैं.

वे स्वस्थ बैक्टीरिया संतुलन वाले लोगों की तुलना में आपकी अधिक कैलोरी खा जाते हैं(9).

इसके अतिरिक्त, कीटनाशकों का इस्तेमाल करके उगाए जाने वाले खाद्य पदार्थों में आंत के बैक्टीरिया पर गलत प्रभाव हो सकते हैं.

हालांकि, इस पर अभी अधिक मानव शोध की आवश्यकता है (101112).

अध्ययनों से यह भी पता चला है कि एंटीबायोटिक्स भी कुछ प्रकार के जीवाणुओं में स्थायी परिवर्तन कर सकते हैं,

खास तौर पर जब इनका सेवन बचपन और किशोरावस्था के दौरान किया जाए, या फिर इन्हें जब लम्बे समय तक दिया जाये.

चूंकि एंटीबायोटिक्स का उपयोग अब इतना व्यापक हो गया है, कि शोधकर्ता अब यह अध्ययन कर रहे हैं

कि बढ़ी उम्र के लोगों के जीवन में ये किस किस प्रकार से स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं(1314).

कौन से आहार प्रीबायोटिक होते हैं?

याद रखें कि कई आहारों में प्रीबायोटिक्स स्वाभाविक रूप से पाए जाते हैं.

ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रीबायोटिक्स सब्जियों, फलों और फलियों में पाए जाने वाले एक प्रकार के फाइबर होते हैं.

इस प्रकार के फाइबर हम मनुष्यों द्वारा पचाने योग्य नहीं होते हैं, लेकिन आपकी आंत का लाभकारी बैक्टीरिया उन्हें पचा सकता है.

आहार जिनमें प्रीबायोटिक फाइबर (prebiotic fiber) अधिक  मात्रा में होते हैं, वो हैं:

•   सभी दालें, काबुली चने, राजमाह, लोबिया, मटर और सेम

•   जौ

•   केले

•   शतावरी

•   लहसुन

•  प्याज

•   मेवागिरी

आंत का लाभकारी बैक्टीरिया प्रीबायोटिक फाइबर को शॉर्ट-चेन फैटी एसिड (short-chain fatty acid) में भी बदल देता है जिसे ब्यूट्रेट (butyrate) कहा जाता है.

ब्यूट्रेट (butyrate) का बड़े पैमाने पर अध्ययन किया गया है, और इसके होने से पेट के अंदर सूजन हटाने वाले प्रभाव पाए गए हैं(15).

यह जीन अभिव्यक्ति को भी प्रभावित कर सकता है,

कैंसर कोशिकाओं के बढ़ने को रोक सकता है

और स्वस्थ कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है ताकि वे विभाजित होकर सामान्य रूप से बढ़ सकें.

प्रीबायोटिक सप्लीमेंट्स

अब आप जानते हैं, कि प्रीबायोटिक्स एक प्रकार का फाइबर होता है

जो आपके आंत के अच्छे बैक्टीरिया को भोजन प्रदान करता है.

यदि आप प्रीबायोटिक्स के सप्लीमेंट्स लेते हैं तो यह पेट के बैक्टीरिया के संतुलन का सबसे अच्छा उपाय है.

Prebiotics के सप्लीमेंट्स आंत की सूजन को कम करने के लिए जाने जा चुके हैं (16).

IBS का इलाज PBF पी बी एफ pre biotic fiber

PBF भी एक एक ऐसा ही प्रीबायोटिक्स सप्लीमेंट है जिसे ले पेट के लाभकारी बैक्टीरिया को बढ़ने में सहायता मिलती है.

कौन से आहार प्रोबायोटिक होते हैं?

ऐसे कई प्रोबायोटिक आहार हैं जिनमें दही की तरह प्राकृतिक रूप से लाभकारी बैक्टीरिया पाये जाते हैं.

यदि आप फायदेमंद बैक्टीरिया चाहते हों तो एक अच्छी गुणवत्ता वाला सादा दही जिसमे जिन्दा लाभकारी बैक्टीरिया हों,

अपने खाने में शामिल कीजिये, अवश्य लाभ मिलेगा.

खमीरयुक्त आहार एक और बढ़िया विकल्प हैं, क्योंकि उनमें फायदेमंद बैक्टीरिया होता है

जो भोजन में स्वाभाविक रूप से मिलने वाली चीनी या फाइबर से बढ़ता है.

खमीरयुक्त आहार के उदाहरणों में ये खाद्य पदार्थ शामिल हैं:

  • गोभी, भिन्डी, शलगम, गाजर का अचार
  • ढोकला
  • इडली
  • वडा
  • किमची
  • कांजी जैसे कि गाजर, उड़द या अन्य किसी दाल या सब्ज़ी फलकी
  • कोम्बूचा चाय
  • केफिर (डेयरी या बिना डेयरी के)
  • कुछ प्रकार के अचार जो लम्बे समय तक रखे जा सकते हैं जैसे कि नीम्बू का अचार
  • कई प्रकार के सिरके
  • मिठाईयों में जलेबी, इमरती, रसमलाई, रसगुल्ला, छेना
  • रोटियों में भठूरे, बबरू, कुलचे

यदि आप अपने प्रोबायोटिक लाभों के लिए खमीरयुक्त आहार खाने जा रहे हैं,

तो सुनिश्चित करें कि वे पॉस्चराइस्ड नहीं हैं, क्योंकि यह प्रक्रिया बैक्टीरिया को मार देती है.

उनमें से कुछ खाद्य पदार्थों को symbiotic (सिंबॉयोटिक) अथवा पराजीवी भी माना जा सकता है,

क्योंकि उनमें बैक्टीरिया के लिए फायदेमंद जीवाणु और फाइबरदोनों का एक प्रीबायोटिक स्रोत होता है.

Synbiotic (सिंबॉयोटिक)भोजन का एक अच्छा उदाहरण गोभी का अचार है.

प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स (probiotic suppliments)

प्रोबायोटिक सप्लीमेंट गोलियां, कैप्सूल या तरल पदार्थ होते हैं जिनमें जिन्दा लाभकारी बैक्टीरिया होता है.

वे बहुत लोकप्रिय और खोजने में आसान हैं, फिर भी वे सभी आपके पैसे के लायक नहीं हैं.

उनमें से हर किसी के पास समान प्रकार के बैक्टीरिया, या समान सघनता नहीं होती.

वे आमतौर पर बैक्टीरिया के खाने के लिए रेशेदार खाद्य स्रोतों के साथ नहीं आते हैं.

कुछ प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स को बेहतर प्रभाव के लिए बैक्टीरिया को अपनी बड़ी आंत में ले जाने के लिए डिज़ाइन किया जाता है,

जबकि कई अन्य, बैक्टीरिया को पेट एसिड से आगे नहीं ले जा पाते हैं.

ऐसे कुछ लोग हैं जिन्हें प्रोबायोटिक नहीं लेना चाहिए.

यदि वे ऐसा करते हैं तो वे खराब लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं,

जैसे कि छोटी आंत के बैक्टीरिया का ज्यादा बढ़ जाना (SIBO).

यह सप्लीमेंट (गोलियां, कैप्सूल या तरल पदार्थ) के प्रति संवेदनशील लोगों को भी मना होते है.

हालांकि, सही प्रकार के प्रोबायोटिक्स कुछ लोगों के लिए अविश्वसनीय रूप से फायदेमंद हो सकते हैं.

सभी सप्लीमेंट्स के लिए, आप एक हेल्थकेयर पेशेवर से सलाह ले सकते हैं जो प्रोबायोटिक के बारे में जानकार हों.

सारशब्द

स्वास्थ्य के कई पहलुओं के लिए आपको अपनी आंतों के बैक्टीरिया को संतुलित रखना जरूरी है.

ऐसा करने के लिए, बहुत से प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ खाएं,

क्योंकि वे आंत के अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के बीच सबसे आदर्श संतुलन को बढ़ावा देने में आपकी मदद करेंगे.

आखिरकार,अपने आंत वनस्पति (gut flora) को सही करने से आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे लाभ हो सकते हैं.

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