गर्मियों में प्राकृतिक ठन्डे पेय जैसे गन्ने का रस, छाछ मठा, नीम्बू पानी इत्यादि तरोताज़गी और उर्जा देने का काम करते हैं. सोडा फ़िज़ गन्ने का रस (Soda fizz sugarcane juice) रस के गुण तो देता ही है
साथ ही इसके रोगप्रतिरोधक और अन्य औषधीय गुणों को भी बढ़ा देता है.
इसमें डलने वाला नीम्बू और मीठा सोडा दोनों ही, इसके गुणों को चार चाँद लगा देते हैं.
नतीजा, यह थ्री-इन-वन अमृत तुल्य ड्रिंक आपको उर्जा, रोगप्रतिरोधक क्षमता के साथ साथ तीन मुख्य रोगों से बचा कर भी रखता है
1 किडनी मूत्राशय की पथरी और किडनी के अन्य रोग
2 एसिडिटी, यूरिक एसिड, गाउट की समस्या, और
3 कैंसर जैसे रोगों से बचाव
यदि आप इसे एक बार भी बना कर उपयोग कर लें,
आप पेप्सी, लिम्का जैसे गुणहीन बाजारू कोल्डड्रिंक्स सब भूल जायेंगे.
आईये जानते हैं इसकी झटपट आसान विधि और गुण लाभ फायदों के बारे में…
सोडा फ़िज़ गन्ने का रस बनाने की विधि
सामग्री
ठंडा किया हुआ गन्ने का रस | एक गिलास |
नीम्बू | एक मध्यम आकार का |
मीठा सोडा | चौथाई चाय का चम्मच |
विधि
1 गन्ने के रस को पहले फ्रिज में बढ़िया ठंडा कर लें.
सोडा फिज्ज़ बनाने के लिए एक गिलास भरकर बाहर निकाल लें.
2 अब गन्ने के रस के आधे आधे गिलास के दो भाग करके दो अलग अलग गिलास में डाल लें.
3 एक गिलास के रस में नीम्बू का रस निचोड़ लें.
थोडा चम्मच से हिला कर मिला लें.
4 दूसरे गिलास के रस में एक चौथाई चम्मच बेकिंग सोडा डालिए.
चम्मच से हिलायें ताकि सोडा पूरा रस में घुल जाये.
5 नीम्बू-गन्ने के रस वाले गिलास (3) को सोडा-रस वाले गिलास (4) में पलट दीजिये.
6 फ़िज़ अथवा झाग उठने लगेगी.
7 चियर्स!!!
8 तुरंत पी जाईये.
सोडा फ़िज़ गन्ने का रस – औषधीय विशेषताएं
इस पेय के तीनों घटकों के गुण और सव्स्थय लाभ इस प्रकार से हैं:
गन्ने का रस
गन्ने का रस उर्जा और पोषण दोनों का भण्डार होता है.
इस में भरपूर आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नेशियम और फॉस्फोरस जैसे आवश्यक मिनरल्स
और घुलनशील फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं,
जो शरीर की हर प्रणाली के लिये लाभप्रद माने जाते हैं.
महिलाओं और बच्चों में खून की कमी की भरपाई गन्ने के रस से पूरी की जा सकती है.
गन्ने के रस के 20 गुण लाभ इस लेख में देखे जा सकते हैं.
नींबू
नीम्बू के गुणों से कौन परिचित नहीं.
नीम्बू विटामिन C का बेहतरीन भण्डार होता है.
और विटामिन C एक उच्च कोटि का एंटीऑक्सीडेंट है जो हमें रोग प्रतिरोधक क्षमता देता है,
त्वचा को जवान रखता है,
दांतों को चमकदार, नज़र को तेज़ बनाता है और कैंसर इत्यादि से बचा कर रखता है.
मीठा सोडा
अब बात करते हैं घर की रसोई के मीठे सोडे की, जिसे बेकिंग सोडा भी कहा जाता है.
इसे आप सख्त बीन्स जैसे राजमाह, लोबिया या चना जैसे सख्त बीजों को नर्म करने के लिए उपयोग करते हैं.
या फिर कभी डोसा इडली के mix में डाल कर उनकी फर्मेंटेशन करते हैं.
इसे english में Baking soda कहते हैं और रासायनिक नाम है sodium bicarbonate.
मानव जाति सदियों से मीठे सोडा का उपयोग करती आयी है.
यह प्राकृतिक अवयव nahcolite से भी बनता है और कारखानों में trona नामक ore से भी बनाया जाता है.
मीठा सोडा हमारे शरीर की pH को हल्का सा क्षारीय कर देता है
जिस कारण किडनी में संचित oxalates, phosphates और कैल्शियम मैग्नीशियम के अघुलनशील विषद्रव्य घुल जाते हैं
और हम पथरी रोग से बचे रहते हैं.
साथ ही किडनी की कार्यक्षमता भी बढ़ जाती है.
यह शरीर की अम्लता भी कम करता है
जो लगातार होने वाली पित्त एसिडिटी के कारण पित्त प्रकृति अथवा एसिडोसिस (Acidosis) नामक रोग का रूप ले लेती है. (1)
जब हमारे शरीर में क्षारीय प्रभाव रहता है तो antioxidants भी सही से काम करने लगते हैं.
मीठे सोडे के प्रभाव से कैंसर कोशिकाओं के कवच टूट जाते हैं और एंटीऑक्सीडेंट के प्रभाव से ये कोशिकाएं आगे पनप नहीं पाती.
बेकिंग सोडे का क्षारीय प्रभाव शरीर के जोड़ों में जमा यूरिक एसिड का भी क्षरण कर देता है
जिसके कारण यूरिक एसिड, आर्थराइटिस और गाउट जैसे रोगों का भी काफी हद तक निस्तार हो जाता है.
बेकिंग सोडा एसिडिटी कम कर पाचन का सुधार भी करता है.
नीम्बू से मिलने पर बेकिंग सोडा sodium citrate व sodium ascorbate में बदल जाता है,
और सेहत के लिये और भी लाभदायी बन जाता है.