आयरन की कमी

आयरन की कमी – जानिये, क्या हैं 10 लक्षण और उपाय?

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अन्य पोषक तत्वो के साथ साथ आयरन अथवा लौह की भी जरूरत होती है. आयरन की कमी आजकल की एक बड़ी समस्या है जिससे जनसँख्या का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित पाया जाता है.

विशेषकर महिलाएं और बच्चे.

शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को हीमोग्लोबिन (haemoglobin) नामक प्रोटीन की ज़रूरत होती है,

जो रक्त को उसका लाल रंग भी देता है और शरीर में ऑक्सीजन ले जाने का काम भी करता है.

लेकिन यदि आयरन की कमी हो, तो रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन ठीक से नहीं बन पाता.

और यदि शरीर में हीमोग्लोबिन की पर्याप्त मात्रा न हो

तो आपके टिश्यू और मसल ऑक्सीजन की पूरी मात्रा नहीं ले पाएंगे

और अपने कार्य भी सही से नहीं कर पाएंगे.

आयरन की कमी को एनीमिया कहा जाता है.

यद्यपि एनीमिया की कई किस्में होती हैं, लेकिन दुनिया भर में आयरन अथवा लोहे की कमी से होने वाला एनीमिया पहले स्थान पर आता है. (1).

आयरन की कमी के मुख्य कारण

  1. आहार में लौह तत्व की कमी,
  2. आँतों की सूजन, IBS संग्रहणी जैसे पेट के रोग
  3. गर्भावस्था(pregnancy ) में आयरन  की बढ़ी हुई ज़रूरत
  4. बढ़ा हुआ मासिक धर्म स्राव या
  5. आंतरिक रक्त स्राव (Internal bleeding) हो सकते हैं.

जो भी कारण हों, आयरन  की कमी आपके जीवन की उमंग को कम ज़रूर कर देती है,

जो आपके शरीर, एकाग्रता और कार्यक्षमता पर विपरीत प्रभाव डालती है (2).

आयरन की कमी के संकेत और लक्षण एनीमिया की गंभीरता के आधार पर अलग अलग होते हैं.

इसका जल्दी या देर में विकसित होना इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी उम्र और स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति क्या है.

कुछ मामलों में तो, लोगों को कुछ भी पता ही नहीं चलता कि उन्हें एनीमिया का रोग है.

जानिये शरीर में आयरन  की कमी के 10 संकेत और लक्षण (सबसे ज्यादा पाया जाने वाला लक्षण सबसे पहले दिया गया है):

असामान्य थकान

बहुत थका हुआ महसूस करना आयरन की कमी के सबसे ज्यादा होने वाले लक्षणों में से एक है, जो कम से कम आधे से अधिक लोगों को प्रभावित करता है (34).

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके शरीर को हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन बनाने के लिए आयरन की आवश्यकता होती है,

जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है.

हीमोग्लोबिन (hemoglobin) शरीर में ऑक्सीजन ले जाने का काम भी करता है.

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जब आपके शरीर में सही मात्रा में हीमोग्लोबिन नहीं होता है तो ऑक्सीजन की सही मात्रा आपके ऊतकों और मांसपेशियों तक नहीं पहुंच पाती है,

जिससे उन्हें जो ऊर्जा मिलनी चाहिये वो नहीं मिल पाती है.

हीमोग्लोबिन की कमी से हमारे दिल को शरीर में ऑक्सीजन तृप्त खून पहुँचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है,

जिसके कारण ज्यादा थकान महसूस होने लगती है.

थकान को अक्सर आधुनिक व्यस्त, जीवन का सामान्य हिस्सा माना जाता है,

अकेले इस लक्षण के साथ आयरन  की कमी को समझ पाना मुश्किल हो जाता है.

आयरन  की कमी वाले कई लोगों को कमजोरी के साथ साथ ऊर्जा की कमी भी महसूस होती है,

सुस्ती महसूस होती है और काम में ध्यान लगाने में मुश्किल होती है,

जिसके कारण लोग ऑफिस में अच्छा काम नहीं कर पाते.

 2 आँखों और चेहरे का पीलापन

त्वचा और आँखों की निचली पलकों के अंदर का पीलापन आइरन की कमी के अन्य मुख्य लक्षण होता है (567).

खून को उसका लाल रंग हीमोग्लोबिन देता है, इसलिए लौह की कमी से हीमोग्लोबिन का कम स्तर खून को कम लाल बना पाते हैं.

यही कारण है कि आयरन  की कमी वाली बीमरियों में त्वचा का स्वस्थ और गुलाबी रंग कम हो सकता है.

लौह की कमी वाले लोगों में ये पीलापन पूरे शरीर में दिखाई दे सकता है, या फिर किन्हीं खास हिस्सों में:

जैसे कि चेहरे, मसूड़ों, होंठ के अंदर या निचले पलकें और यहां तक ​​कि नाखून में भी पीलापन हो सकता है (8).

पीलापन उन पहले लक्षणों में से एक है जो डॉक्टर आयरन की कमी के सबसे बड़े संकेत के रूप में देखते हैं.

हालांकि, इस पीलेपन को खून की जाँच करके ही एनीमिया मानना चाहिये

क्योंकि कई बार पीलापन लिवर के रोगों के कारण भी हो सकता है(6).

अधिकतर एनीमिया के मध्यम या गंभीर मामलों में शरीर का पीलापन अवश्य पाया जाता है (9).

यदि आप निचली पलक को नीचे उल्टा कर देखें, तो अंदर की परत अच्छी और जीवंत लाल रंग की होनी चाहिए.

यदि यह बहुत हलके गुलाबी या पीले रंग की है, तो ये लौह की कमी का संकेत हो सकता है.

साँस लेने में परेशानी

खून के द्वारा हीमोग्लोबिन आपके शरीर में ऑक्सीजन को हर जगह पहुंचाता है.

आयरन की कमी से आपके शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाता है,जिससे ऑक्सीजन का स्तर भी कम हो जाता है.

जिस कारण हमारी मांसपेशियों को चलने फिरने जैसी सामान्य काम के लिए भी जरूरी ऑक्सीजन नहीं मिल पाती  (10).

हमारा शरीर अधिक ऑक्सीजन पाने की कोशिश करता है. और हम जल्दी जल्दी  सांस लेने लगते है,

आयरन की कमी वाले अधिकतर लोगों में सांस लेने में परेशानी का होना पाया जाता  है (4).

यदि आपको अपने रोज के काम जैसे चलने में, सीढ़ियों पर चढ़ने या काम करते समय, जिन्हें आप पहले आसानी से करते थे,

लेकिन अब यदि सांस लेने में परेशानी का अनुभव करते हैं तो ये आयरन की कमी का संकेत हो सकता है.

सिरदर्द और चक्कर आना 

आयरन की कमी सिरदर्द का कारण बन सकती है (11).

इन परेशानियों को अक्सर लोग कोई बड़ी बात ना मानकर हलके फुल्के चक्कर आना समझकर नजरअंदाज कर देते हैं (4).

आयरन की कमी का मतलब है लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन का कम होना।

यानि मस्तिष्क तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच रही है.

जिस कारण, मस्तिष्क में रक्त ले जाने वाली नसें सूज जाती हैं, जो सिरदर्द का एक बड़ा कारण बनता है (12).

वैसे तो सिरदर्द के कई कारण हो सकते हैं लेकिन आम तौर पर,

सिरदर्द और चक्कर का बार बार आना आयरन  की कमी का संकेत भी हो सकता है.

अनियमित धड़कन, घबराहट 

दिल की अनियमित धड़कन (Palpitation), जिसे दिल की घबराहट के रूप में भी जाना जाता है,

शरीर में आयरन की कमी के कारण होने वाले एनीमिया का एक अन्य लक्षण माना जा सकता है.

आयरन  की कमी में, हीमोग्लोबिन के कम होने का मतलब है कि दिल को ऑक्सीजन ले जाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है.

दिल पर पड़ने वाले इस बोझ से दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है,

या ये महसूस हो सकता है कि दिल असामान्य रूप से तेजी से धड़क रहा है (413).

गंभीर मामलों में, ये दिल के बढ़े हुए आकार, दिल की फुसफुसाहट (heart murmur ) या धड़कन रुकने से मौत का कारण हो सकता है (4).

हालांकि, ये लक्षण बहुत कम लोगों में पाए जाते हैं.

क्योंकि, लंबे समय तक आयरन की कमी से पीड़ित होने पर ही ये गंभीर परिणाम होते हैं.

6 बेजान त्वचा और बालों का टूटना

इसका कारण ये है कि जब हमारे शरीर में आयरन की कमी होती है,

तो यह अपनी सीमित ऑक्सीजन को अधिक महत्वपूर्ण कार्यों, जैसे कि अंगों और अन्य शारीरिक ऊतकों को निर्देशित करने में लगाता है.

परिणामस्वरूप, जब हमारी त्वचा और बालों को ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो ये सूखे और बेजान हो सकते हैं.

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आयरन की कमी के अधिकतर मामलों में बालों के झड़ने को एक गंभीर समस्या माना गया है (1415).

रोजाना बाल धोने और ब्रशिंग के दौरान कुछ बाल तो टूट ही जाते हैं जो कि पूरी तरह से सामान्य है,

लेकिन अगर रोज ही गुच्छे के गुच्छे बाल गिरते जा रहे हैं, तो यह आयरन की कमी के कारण हो सकता है.

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जीभ, मुहँ  में सूजन और अकड़न

कभी-कभी हम सिर्फ अपने मुंह के अंदर और उसके आस-पास की सूजन देखकर ये समझ सकते हैं कि

हम लोहे की कमी वाले एनीमिया से पीड़ित हैं या नहीं.

ये आयरन की कमी के प्रमुख संकेतों में से एक माना जाता है

जब हमारी जीभ सूजन के साथ अकड़ी हुई, पीली या अजीब तरीके से चिकनी हो जाती है (16).

यह सब मेयोग्लोबिन (myoglobin) नामक प्रोटीन की कमी के कारण होता है

जो जिव्हा समेत कई मस्स्ल्स को उनकी कार्यशैली में सहायता करता है.

आयरन की कमी से मुंह में सूखापन, जिव्हा में कटाव और अलसर (Mouth ulcers) भी हो जाया करते हैं(17).

टांगों पैरों का अकारण हिलते रहना

आराम के समय में, पैरों का अकारण हिलते रहना लौह की कमी से जुडी समस्या होना पाया गया है (18).

पैरों के अकारण हिलने की समस्या (restless leg syndrome) में आराम की स्थिति में भी पैरों को  हिलाने की प्रबल इच्छा होती है.

पैरों और जांघों में खुजली करने का मन करता है जो परेशानी पैदा कर सकता है.

रात में यह समस्या और बढ़ जाती है जिसके कारण नींद आने में बहुत मुश्किल हो सकती है.

पैर  जांघों को हिलाने खुजाने  की इस बीमारी को अभी तक पूरी तरह समझा नहीं जा सका है.

हालांकि, इस सिंड्रोम वाले 25% लोगों को लोहे की कमी वाले एनीमिक रोग से ग्रस्त माना जाता है,

और जितना लौह का स्तर कम होगा, इस बीमारी के लक्षण भी उतने ही खराब होंगे (19).

9 नाजुक और विकृत नाखून

एक बहुत ही कम प्रचलित लक्षण चम्मच के आकार वाले उँगलियों के नाखून होते हैं,

जो लोच रहित और टुकड़ों में खंडित होते हैं. भी लौह की कमी का लक्षण माने जाते हैं.

इस विसंगति को कोइलोनाइचिया (koilonychia) कहा जाता है (820).

आयरन की कमी के उपचार आयरन की कमी से होने वाले रोग

यह लक्षण अक्सर जल्दी टूटने वाले नाखूनों से शुरू होता है जो आसानी से छिलते या टूट जाते हैं.

अगले चरणों में, चम्मच के आकार की नाखून होने की सम्भावना रहती है जहां बीच का नाखून दब जाता है

और नाखून के किनारे चम्मच की तरह गोलाकार होने लगते हैं.

इस तरह की लौह की कमी आमतौर पर बहुत कम होती है और केवल एनीमिया के गंभीर मामलों में ही ये पाई जाती है.

10 आयरन की कमी के अन्य संकेत

ऐसे बहुत से अन्य कारण हो सकते हैं जो शरीर में लौह की कमी है के संकेत देते हैं.

ये वैसे आमतौर पर नहीं होते और इन लक्षणों को लौह की कमी के आलावा कई दूसरी बिमारियों से जुड़ा पाया जा सकता है.

लौह की कमी वाले एनीमिया के दुसरे लक्षणों में शामिल हैं:

अजीब चीजें खाने की इच्छा

अजीब तरह के ऐसे आहार जो आम तौर पे नहीं खाये जाते, को खाने की इच्छा को “पाइका” “pica.” कहा जाता है.

इसमें बर्फ, मिट्टी, धूल, चाक या पेपर खाने के लिए मन कर सकता है.

ये लौह की कमी का संकेत हो सकता है और गर्भावस्था में भी ऐसा हो जाया करता है. (21).

चिंतित और मायूस रहना 

आयरन की कमी से शरीर के ऊतकों के लिए कम ऑक्सीजन मिलना हमें चिंताग्रस्त बना सकता है.

हालांकि, जैसे ही आयरन की कमी दूर होती है चिंता का हल भी हो जाता है(22).

हाथों, पैरों का ठंडा रहना 

लौह की कमी होगी तो स्वाभाविक है कि हाथों और पैरों सहित शरीर के सभी अंगों को कम ऑक्सीजन मिलेगा.

कुछ लोगों को औरों से अधिक सर्दी लगती है और हाथ पैर भी ज्यादा ठन्डे बने रहते हैं.

इन्फेक्शन से बीमार होना

हमारे शरीर को रोगमुक्त रहने और एक मजबूत बचाव तंत्र बनाने के लिए लौह की आवश्यकता होती है.

इसलिए इसकी कमी से हम  बार बार अन्य बीमारियों के शिकार हो सकते हैं (23).

क्या करना चाहिए

यदि आपको लगता है कि आप लौह की कमी के कारण एनीमिया के शिकार हैं, तो निम्न सलाह पर विचार करें:

आयरन युक्त आहार खाएं

इस बात का प्रयास करें आपको अपने आहार से भरपूर मात्रा में आयरन मिले.

अधिक आयरन वाले आहार खाएं, जैसे कि:

  • गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, बथुआ, सरसों का साग और ब्रोक्कोली
  • सूखे फल और मेवे जैसे कि किशमिश और खुबानी
  • मटर, सेम, राजमा और अन्य दालें
  • बीज और गिरियाँ
  • लौह की अधिकता वाले अन्य आहार सीफ़ूड (sea food) और मांस, पोल्ट्री भी होते हैं.

आयरन के अवशोषण को बेहतर बनाएं

विटामिन सी खाने से आपके शरीर को अपने लौह तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद मिलती है (24).

ऐसे आहार जो ज्यादा खाये जाने पर हमारे लौह अवशोषण को रोक सकते हैं, उनसे बचना बहुत जरूरी है.

इनमें चाय, कॉफी और कैल्शियम की अधिकता वाले खाद्य पदार्थ जैसे डेयरी उत्पाद और पूरे अनाज शामिल हैं.

आयरन के सप्लीमेंट 

सप्लीमेंट लेकर आयरन की भरपाई आसानी से की जा सकती है.

जब आयरन की मात्रा बढ़ाने का कोई और तरीका ना हो तब डॉक्टर लोग आयरन के सप्लीमेंट्स ही सुझाते हैं.

ऐसा आपको तब करना पड़ सकता है यदि आप केवल आहार के माध्यम से आयरन के स्तर को सही करने में समर्थ नहीं होते.

यदि आप लौह पूरक (suppliment) लेते हैं, तो लौह अवशोषण को बढ़ावा देने के लिए इसके साथ आंवला या संतरे का उपयोग भी करें.

हीमोफ़र (Heemofer) जैसे चुनिन्दा आयरन के सप्लीमेंट्स के लिए अलग से आंवला या संतरे की ज़रूरत नहीं होती.

सारशब्द

एनीमिया के सारे प्रकारों में से आयरन की कमी वाला एनीमिया दुनिया भर में लोगों को सबसे ज्यादा होता है.

कुछ लोगों को इसके स्पष्ट लक्षण दिखते हैं,

जबकि कुछ अन्य लोगों को इसका कोई भी लक्षण या संकेत महसूस ही नहीं होता.

यह अक्सर एनीमिया की गंभीरता पर निर्भर करता है.

सामान्य लक्षणों और संकेतों में थकावट, पीली त्वचा, दिल की अनियमित धड़कन,

सिरदर्द या चक्कर आना, सांस लेने में मुश्किल होना, त्वचा का सूखापन और बालों का टूटना,

जीभ और मुंह में दर्द या सूजन, पैरों में बेचैन और लगातार हिलना और

भंगुर या चम्मच के आकार के नाजुक नाखूनों का होना शामिल हैं.

यदि आपको लगता है कि आपके शरीर में लौह की कमी के लक्षण हैं,

तो अपने डॉक्टर से इसके लिए जरूर मिलें.

अच्छी बात यह है कि, लगभग सभी तरह की लौह की कमी को सही तरह के पौष्टिक आहार से या

लौह पूरक  (iron suppliment)  लेने पर काफी आसानी से इलाज किया जा सकता है.

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