आयुर्वेद ही नहीं, दुनिया भर के लगभग सभी चिकित्सा शास्त्रों में लहसुन (Garlic) का गुणगान मिलता है.
फिर चाहे वह प्राचीन चीनी सभ्यता हो या फिर मिस्र या यूनानी.
लहसुन (Botanical name : Allium sativum) के इतने गुण बताये गए हैं कि सब का वर्णन करना असंभव सा कार्य है. (1)
इस लेख में इसके कुछ उन गुणों की चर्चा करेंगे जो वैज्ञानिक शोधों द्वारा प्रमाणित किये जा चुके हैं.
लहसुन पर 3000 से भी अधिक ऐसे शोध हो चुके हैं जो कई प्रकार के रोगों में इसकी प्रमाणिकता सिद्ध करते हैं. (2)
लहसुन के पोषक तथ्य
इसमें पाए जाने वाले प्रभावी तत्वों में ऐलीसिन (Allicin) एक मुख्य घटक है
जिसे एक उत्तम बैक्टीरिया-रोधक (anti-bacterial), फफूंद-रोधक (anti-fungal) एवं
एंटी-ऑक्सीडेंट (anti-oxidant) के रूप में जाना जाता है.
लहसुन में रासायनिक तौर पर गंधक की अधिकता होती है।
इसमें पाये जाने वाले सल्फर के यौगिक ही इसके तीखे स्वाद और गंध के लिए उत्तरदायी होते हैं।
इसमें विभिन्न प्रकार के अन्य पोषक तत्व पाये जाते है जिसमें
प्रोटीन 6.3 प्रतिशत,
वसा 0.1 प्रतिशत,
कार्बोज 21 प्रतिशत,
कैल्शियम 0.3 प्रतिशत
आयरन 1.3 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम होता है।
इसके अतिरिक्त विटामिन ए, बी, सी एवं सल्फ्यूरिक एसिड विशेष मात्रा में पाई जाती है।
लहसुन, सेलेनियम का भी अच्छा स्त्रोत होता है।
आईये जानते हैं क्या हैं लहसुन के स्वास्थ्य लाभ…
1. रोगों से बचाव
लहसुन हमें सामान्य खांसी सर्दी से लेकर कई बड़े रोगों से बचाता है.
एक 12 सप्ताह तक चले विस्तृत अध्ययन ने पाया कि लहसुन लेने पर 63% तक नजला खांसी में कमी आयी. (3)
जुकाम की औसत अवधि में भी 70% तक का सुधार हुआ जो 5 दिन से घट कर 1.5 रह गया.
एक अन्य अध्यन ने पाया कि इसकी 2.56 ग्राम मात्रा लेने पर खांसी जुकाम के दिनों में 61% की कमी आयी. (4)
खांसी सर्दी के अन्य उपाय इस लिंक पर देखिये
2. हड्डियों के लिये लाभकारी
हडजोड व मेथी के बाद लहसुन तीसरे स्थान की वनस्पति है जिसमें एनाबोलिक होर्मोंस पाए जाते हैं.
उम्र बढ़ने पर, विशेषकर महिलाओं में menopause के बाद इन होर्मोंस की कमी के कारण हड्डियों की कमज़ोरी के रोग जैसे ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) पनपने लगते हैं, जो हड्डियों की सघनता (Bone mass) को कम कर देते हैं.
लहसुन का सेवन हड्डियों के स्वास्थ्य के लिये लाभकारी पाया गया है. (5, 6)
Osteoporosis पर अधिक जानकारी इस लेख में देखिये
3. बेहतरीन एंटी-ऑक्सीडेंट
लहसुन के एंटीऑक्सीडेंटस होने पर आरम्भ के शोधों में कुछ विरोधाभास था.
लेकिन पिछले दशक में हुए तमाम शोध इस बात से सहमत हैं कि एंटी ऑक्सीडेंट प्रभाव के कारण ही
लहसुन बुढ़ापे के रोग जैसे Alzheimer, dementia इत्यादि को रोकने में सक्षम है व कैंसर रोधी भी है.
एंटी ऑक्सीडेंट वस्तुएं ही हमारे शरीर से फ्री रेडिकल्स को बाहर निकालने में सक्षम होती हैं.
फ्री रेडिकल्स का जमाव ही हमारी उम्र को बढाता है व रोगों को उत्पन्न करता है. (7, 8)
AntiOxidants पर विस्तृत जानकारी इस लिंक पर देखें
4. कोलेस्ट्रॉल नियंत्रक
पुरुषों के लिए लहसुन एक बेहतरीन विकल्प है.
कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण की अधिकतर एलोपैथिक दवाएं LDL के साथ साथ total lipids को भी घटा देती हैं, जो कि लाभकारी स्थिति नहीं.
लहसुन कुल Lipids को बिना घटाए केवल हानिकारक LDL को कम करता है जिस से कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं होता. (9)
कोलेस्ट्रॉल की पूरी जानकारी इस लिंक पर उपलब्ध है.
5. ह्रदय रोग में लाभकारी
लहसुन ह्रदय रोग में लाभकारी पाया गया है.
कोलेस्ट्रॉल नियंत्रक होने के नाते व रक्त को गाढ़ा होने से बचने के कारण इसको ह्रदय रोग में लाभकारी पाया गया है. (10)
6. त्वचा रोगों में कारगर
लहसुन एक उत्तम एंटी बैक्टीरियल व एंटी फंगल औषधि है.
यही कारण है कि इसे सरसों के तेल में गर्म कर कान में डालते हैं,
सिर के बाल गायब होने (Alopecia) पर लगाते हैं
या फिर Ring worm व urticaria जैसी त्वचा विकृतियों में उपयोग करते हैं.
ये सब इसमें उपस्थित गंधक (Sulfur) के कारण होता है.
इन रोगों में यदि आप इसका उपयोग बढ़ा देते हैं तो आशातीत लाभ मिलता है. (11, 12)
7. मोटापे को घटाये
आयुर्वेद में लहसुन को मेदोहर यानी मोटापा हरने वाला बताया गया है.
वैज्ञानिक शोध भी बताते हैं कि इसमें वसा के जमाव को रोकने के गुण पाए जाते हैं.
एक शोध ने तो यहाँ तक पाया कि दो महीने में इसकी दैनिक 25 से 30 ग्राम की मात्रा से मोटापे की fat में 4 से 7 किलोग्राम तक की कमी आयी. (13, 14)
मोटापे पर आयुर्वेद के सूत्र इस लिंक पर देखिये
किसे कहते हैं मोटापा, यहाँ जानिये
8. डायबिटीज में उपयोगी
लहसुन को टाइप 2 डायबिटीज में कारगर पाया गया है.
शोध बताते हैं कि लहसुन लेने पर पैंक्रियास की क्रियाशीलता बढ़ जाती है
जिस कारण इन्सुलिन भी अधिक संवेदक हो जाती है.
इन्सुलिन के संवेदनशीलता बढ़ने के कारण शुगर्स का विघटन भी बढ़ जाता है. (15, 16)
डायबिटीज के लक्षण इस लिंक पर जानिये
कसैले आहारों की डायबिटीज में उपयोगिता इस लिक पर देखिये
डायबिटीज के उपाय इस लिंक पर दिये गये हैं
कितनी शुगर मिलती है विभिन्न फलों से, यहाँ देखिये
9. लहसुन के अन्य औषधीय गुण
जैसा कि पहले लिखा है, लहसुन के गुणों पर अनेक शोध हुए हैं.
इसको एक अति पोषक low calorie आहार माना गया है.
इसे स्पोर्ट्स के लिये stamina बढ़ाने वाला,
बुढ़ापे के रोगों जैसे Alzheimer’s Disease व स्मृतिभ्रंश (dementia) इत्यादि में भी गुणकारी जाना गया है.
लहसुन कैसे खाएं
आपको पता होना चाहिये कि लहसुन खाने का सही तरीका और लहसुन खाने का सही समय सुबह खाली पेट ही है
आखिर क्यों दी जाती है खाली पेट लहसुन खाने की सलाह?
वह इसलिए क्योंकि, लहसुन के पूरे गुणों पाने के लिये इसे कच्चा ही खाना चाहिए.
और सुबह सुबह लहसुन खाने के फायदे अनेक होते हैं.
तलने या उबालने पर इसके प्रभावी तेल (Allicin) उड़ जाते हैं, जिस कारण प्रभावशीलता कम हो जाती है.
आप लसून का उपयोग खाने के साथ सलाद के रूप में भी कर सकते हैं.
बेहतर हो आप कच्चा लहसुन खाने का तरीका केवल खाली पेट सुबह ही रखें,
रात को लहसुन खाने के फायदे कोई विशेष नहीं होते हैं.
अगला प्रश्न हो सकता है लहसुन कितना खाना चाहिए या खाली पेट लहसुन कैसे खाएं?
तो तीन से सात कली तक लहसुन रोज़ सुबह खाली पेट खाया जा सकता है.
क्या खाली पेट लहसुन खाने के नुकसान होते हैं?
जवाब है, कोई भी नहीं.
क्या एक कली वाला लहसुन ही लाभकारी होता है?
बिलकुल नहीं.
जितनी छोटी कली होगी उतनी ही अधिक तेज़ और लाभकारी भी.
लहसुन के सप्लीमेंट्स
इसकी औषधीय लोकप्रियता के कारण व इसकी तेज़ गंध से बचने के लिये इसके supplements भी प्रचलन में हैं,
विशेषकर उनके लिये, जिन्हें कच्चे लहसुन खाने में असुविधा होती है.(17)
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दुनियाभर के साथ साथ भारत में भी लहसुन के सप्लीमेंट्स का एक बड़ा बाज़ार विकसित हो चुका है.
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आयुर्वेद में लहसुन पर विशेष
आयुर्वेद का ग्रन्थ भाव प्रकाश ग्रन्थ में पुरुषों के लिए लहसुन लाभ पर लिखा है
कि जो पुरुष लहसुन का उपयोग करते हैं उनकी यौन क्षमता बढ़ जाती है.
जो लहसुन का उपयोग करते हैं उन्हें शारीरिक श्रम करने की आवश्यकता भी नहीं होती.
यह आलेख सैक्स लहसुन के सम्बन्ध को दर्शाता है.
ये शायद इसके कोलेस्ट्रॉल, मोटापे व ह्रदय रोग पर लाभकारी होने व एनाबोलिक प्रभाव के कारण ही लिखा होगा.
एक अन्य तथ्य
आयुर्वेद और रसोई दोनों के दृष्टिकोण से लहसुन एक बहुत ही महत्वपूर्ण फसल है।
भारत का चीन के बाद विश्व में क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से दूसरा स्थान है जो क्रमशः 1.66 लाख हेक्टेयर और 8.34 लाख टन है।
सारशब्द
लहसुन में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जो हमें एक स्वस्थ जीवन देने में लाभकारी हैं.
इसका नियमित सेवन हमें कई रोगों से बचा सकता है तथा साथ ही जीवन को अधिक उर्जावान बना सकता है.
Excellent knowledge. Thanks
अति उत्तम लेख