आजकल के आहारों की पेस्टिसाइड से होने वाली विषाक्तता से यदि कोई हमें बचा रहा है तो वह हमारा लिवर ही है.
सब्जिओं, फलों, फसलों के पेस्टिसाइडस, पानी व अन्य पेयों के बैक्टेरिया, दूध, अण्डों व मांस उत्पादों में एंटीबायोटिक्स यदि हमारे शरीर में टिकने लगें तो हमें जल्दी इस धरती से विदाई लेनी पड़ जायेगी.
ये हमारा लिवर ही है जो हमें इन विषों से बचाकर सारा बोझ अपने ऊपर लेता है.
इस लेख में जानेंगे क्या होती है लिवर की खराबी या लिवर रोग जैसे कि सूजन, कमजोरी, पीलिया, गर्मी, फैटी लिवर इत्यादि;
व क्या हैं इनसे बचने के उपाय.
लिवर रोगों के इलाज व दवायें व लिवर टॉनिक पर भी चर्चा करेंगे.
लिवर (यकृत) है हमारे तंत्र का महत्वपूर्ण अंग
यह हमारी कुल शारीरिक क्रियाओं सब से अधिक कार्यकलापों में योगदान देता है जिनकी कुल संख्या 500 से ऊपर की है.
भोजन चयापचय, ऊर्जा भंडारण, रक्त को स्वच्छ रखना, डिटॉक्सीफिकेशन, प्रतिरक्षा प्रणाली सहयोग और विशाल प्रकार के जीवरसायनों का उत्पादन; ये सब लिवर के ही कार्य हैं।
लिवर हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंग भी है, जो वास्तव में एक ग्रंथि की श्रेणी में आता है.
यदि लिवर ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पाये तो कई समस्याएँ खड़ी हो जाती है।
वायरस संक्रमण, आधुनिक तेज़ दवाएं, आनुवांशिक रोग, अनुचित खानपान और शराब इत्यादि लिवर कमजोरी के कारक हैं।
सामान्यत: लिवर की खराबी चेतावनी देकर ही आती है।
इसलिए, लिवर खराबी के लक्षणों को अनदेखा करना बिलकुल उचित नहीं.
प्रकृति ने कुत्ते, बिल्ली, गाय इत्यादि जैसा सहज ज्ञान मानव को भी दिया था, लेकिन उस सहज भाव को अब अज्ञान व वहम ने इतना ढक लिया है कि हम अपने मन (जिसे जी भी कहते हैं) की सुनने में भी भ्रम करते हैं.
लिवर खराबी के लक्षण
1 लिवर खराब होने पर पेशाब का रंग बदल जाता है। गहरा हो जाता है।
लेकिन, यदि ऐसा केवल कभी कभार ही होता है तो यह पानी की कमी की वजह से भी हो सकता है।
2 जब लिवर में सूजन आ जाती है, तो पेट का आकार भी बढ़ जाता है।
इसे मोटापा समझने की गलती करना परेशानी में डाल सकता है।
अगर आपको उस स्थान पर समय-समय पर दर्द हो रहा हो, तो चिकित्सक को जरूर दिखाएं।
थकान, भूख में कमी
3 अत्यधिक थकान होना, त्वचा का रूखा होना और आंखों के आसपास काले घेरे हो जाना भी कभी-कभी लिवर की खराबी का नतीजा होता है।
लिवर कमजोर होने की स्थिति में त्वचा क्षतिग्रस्त व बेजान हो जाती है, और बालों से जुड़ी समस्याएं भी होती है।
4 यदि भूख न लगने की समस्या हो या फिर पेट में गैस बनना व बदहजमी जैसी समस्याएं लगातार हो रही हों, तो इसे भी लिवर की खराबी का एक लक्षण माना जाता है।
इसके साथ ही छाती में जलन और भारीपन भी हो सकता है।
5 मुंह का स्वाद बुखार न होने पर भी खराब हो जाना और लगातार कड़वापन बना रहना, यह भी लिवर की खराबी के कारण हो सकता है।
लिवर की खराबी होने पर अमोनिया की अधिकता के कारण मुंह से बदबू भी आने लगती है.
6 यदि लिवर पर वसा (Fat) जमी है और या फिर वह बड़ा हो गया है, तो पाचन तंत्र में इतनी खराबी आ जाती है कि कुछ भी खाने का मन नहीं होता.
पानी भी हजम नहीं हो पाता, व उल्टी आने लगती है।
पीलापन
7 यदि त्वचा का रंग फीका पड़ गया है और उस पर सफेद रंग के धब्बे पड़ने लगे हैं तो ये लिवर स्पॉट हो सकते हैं,
जो बताते हैं कि लिवर ठीक नहीं।
8 यदि आंखों का सफेद भाग पीला नज़र आये और नाखून पीले दिखने लगे तो पीलिया (Jaundice) हो सकता है।
मतलब है कि लिवर संक्रमित है।
9 लिवर बाइल द्वारा कई एंजाइम पैदा करता है.
यदि मुंह में कडुहार लगे तो इसका मतलब है कि बाइल निर्माण ठीक नहीं है।
लिवर के लिये घरेलू उपाय
हल्दी
लिवर के लिए अत्यंत उपयोगी है।
इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते है और यह एंटीऑक्सीडेंट का कार्य भी करती है।
हल्दी की रोगनिरोधन क्षमता हैपेटाइटिस बी व सी का कारण बनने वाले वायरस को बढ़ने से रोकती है।
इसलिए हल्दी को अपने खाने में शामिल करें या रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर पिएं.
या फिर निहार मुंह पानी के साथ लें.
इसमें नीम्बू, शहद, इत्यादि मिलाकर भी ले सकते हैं.
हल्दी के गुणों पर अधिक जानकारी यहाँ देखें.
सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar)
लिवर में उपस्थित विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता करता है।
भोजन से पहले सेब के सिरके को पीने से शरीर की चर्बी घटती है।
सेब के सिरके को आप कई तरीके से उपयोग कर सकते हैं- एक या आधे गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं, या इसे सलाद में दाल कर उपयोग करें।
ये लाभ ही देगा.
सेव के सिरके के गुणों पर अधिक जानकारी यहाँ देखें.
आंवला
विटामिन सी के सबसे संपन्न स्रोतों में से एक है और इसका सेवन लिवर की कार्यशीलता को बनाये रखने में सहायता करता है।
अध्ययनों ने साबित किया है कि आंवला में लिवर को सुरक्षित रखने वाले सभी तत्व उपस्थित हैं।
लिवर के स्वास्थ्य के लिए आपको दिन में 4-5 कच्चे आंवले खाने चाहिए या फिर जूस पीजिये.
जब कच्चा आंवला न मिले तो इसका आचार खायें, मुरब्बा खाएं या फिर कैंडी खाएं.
आंवला के गुणों पर अधिक जानकारी यहाँ देखें
त्रिफला
त्रिफला के तीनो घटक, हरड, बहेड़ा, आंवला; लिवर के लिये लाभदायी हैं.
त्रिफला चूर्ण खाएं या त्रिफला को दाल सब्जी इत्यादि में मिलाकर खाएं.
पपीता
लिवर की बीमारियों के लिए सबसे सुरक्षित प्राकृतिक उपचारों में से एक है, विशेष रूप से लिवर सिरोसिस के लिए।
हर रोज दो चम्मच पपीता के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पिएं।
इस बीमारी से पूरी तरह निजात पाने के लिए इस मिश्रण का सेवन तीन से चार सप्ताहों के लिए करें.
पपीते के गुणों पर अधिक जानकारी यहाँ देखें
सिंहपर्णी
की जड़ का काढ़ा लिवर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले उपचारों में से एक है।
अधिक लाभ पाने के लिए इस चाय को दिन में दो बार पिएं।
चाहें तो जड़ को पानी में उबाल कर, पानी को छान कर पी सकते हैं।
सिंहपर्णी की जड़ का पाउडर बड़ी आसानी से मिल जाएगा।
मुलेठी
का उपयोग कई लिवर की बीमारियों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है।
इसके उपयोग के लिए मुलेठी की जड़ का पाउडर बनाकर इसे उबलते पानी में डालें।
फिर ठंड़ा होने पर छान लें। इस काढ़ा पानी को दिन में एक या दो बार पिएं।
मुलेठी के गुणों पर अधिक जानकारी यहाँ देखें
ओमेगा 3
की कमी भी लिवर के लिये हानिकारक होती होती है.
ओमेगा3 के लिये अलसी के बीज सलाद में या अनाज के साथ उपयोग करने से लिवर के रोगों में सहायता मिलती है.
इसी प्रकार अखरोट में उपस्थित ग्लुटथायन, लिवर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर इसकी सफाई करता है।
ओमेगा 3 के लिये लेख पढ़ें.
ओमेगा-3 के गुणों पर अधिक जानकारी यहाँ देखें
पालक और गाजर
के रस का मिश्रण लिवर सिरोसिस के लिए काफी लाभदायक घरेलू उपाय है।
पालक का रस और गाजर के रस को बराबर भाग में मिलाकर पिएं।
लिवर की मरम्मत के लिए इस प्राकृतिक रस को रोजाना कम से कम एक बार जरूर पिएं
कसैले फल और पत्तेदार
सब्जियों में उपस्थित द्रव्य पाचन तंत्र में उपस्थित विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर लिवर की रक्षा करते हैं।
इसके अतिरिक्त, हरी सब्जियां पित्त के प्रवाह को बढ़ाती हैं। कसैले आहार डायबिटीज में भी लाभकारी होते हैं.
कसैले फलों के लाभ पर यह लेख देखें
लिवर की बेहतर देखभाल के लिये अन्य लेख यहाँ देखें:
लिवर (Liver) ठीक तो सब ठीक
हमारा लिवर हमें विषों से बचाकर सारा बोझ अपने ऊपर लेता है.
ऐसे में हमें लिवर का पूरा ख्याल रखना चाहिए.
लिवर की देखभाल घरेलू उपायों व लिवर टॉनिक लेकर की जा सकती है.