पेट के कई रोगों जैसे IBS संग्रहणी, पेट की सूजन अथवा IBD, अलसर, एसिडिटी, के पनपने के पीछे छोटी आंत के बैक्टीरिया का अत्यधिक बढ़ जाना एक मुख्य कारण होता है।
बैक्टीरिया के अत्यधिक बढ़ जाने के इस रोग को SIBO (Small Intestinal Bacterial Overgrowth) कहा जाता है।
यह एक बड़ी वजह है जिसके कारण पेट कभी दुरुस्त रह ही नहीं पाता।
कभी गैस, कभी पेट दर्द, कभी दस्त, कभी कब्ज़ जैसे उपद्रव इतना परेशान कर देते हैं कि न तो सही से भूख लग पाती है
और न ही खाया भोजन शरीर को लगता है.
पेट कभी सही ढंग से साफ़ होता ही नहीं है।
चिडचिडापन रहना, वज़न का कम होते जाना, पोषक तत्वों की कमी…
प्रसन्नता का गायब हो जाना, सेक्स लाइफ में कमजोरी या उदासीनता जैसे सारे नकारात्मक पहलू जीवन का अभिन्न अंग बनने लगते हैं.
भले ही इस रोग के शुरुआती लक्षण उग्र न लगें लेकिन यह रोग अवश्य ही खतरनाक होता है,
और कई घातक बीमारियों का जनक भी.
आईये जानते हैं क्या है SIBO रोग, इसके कारण और इससे छुटकारा पाने के विकल्पों को.
SIBO – क्या है यह रोग
हमारी छोटी आंत का पर्यावरण लगभग बैक्टीरिया रहित होता है.
स्वस्थ व्यक्ति की छोटी आंत में जीवाणुओं की सँख्या 1000 प्रति मिलीलीटर तक सीमित रहती है,
और ये मुख्यत: Gram-positive किस्म के होते हैं जो एक लाभदायक किस्म होती है।
जब यह संख्या अत्यधिक बढ़ कर एक लाख से दस लाख प्रति मिलीलीटर या उससे भी अधिक हो जाये तो इसे SIBO अर्थात Small Intestinal Bacterial Overgrowth कहा जाता है. (1)
बड़ी बात यह है कि SIBO रोग के बैक्टीरिया लाभदायक न होकर हानिकारक किस्म के होते हैं.
जो खाने को ठीक से पचने नहीं देते और पेट में हर किस्म के उपद्रव पैदा करते हैं।
SIBO के लक्षण
SIBO के कारण पोषक तत्वों का अवशोषण कम होता है,
कमजोरी बढ़ने लगती है, वज़न भी कम होने लगता है, पेट कभी ठीक रह ही नहीं पाता।
अपचन, गैस, पेट दर्द, दस्त, मरोड़, कब्ज़, आंव का रिसाव, आँतों में दर्द का बने रहना –
इनमें से कुछ या सारे लक्षण इस रोग में पाए जाते हैं।
आगे जाकर SIBO रोग IBS संग्रहणी में परिवर्तित होकर अन्य बीमारियों जैसे ऑस्टियोपोरोसिस, डायबिटीज, आर्थराइटिस, यूरिक एसिड, थाइरोइड समस्या का भी कारक बन जाया करता है.
SIBO के कारण
इस रोग के पनपने के कई कारण होते हैं जिनमें से आंतो की गतिशीलता की कमी और पेट के पर्यावरण में एसिड की कमी, दो मुख्य कारण हैं.
पाचन के इम्यून तंत्र की विकृति और अनुवांशिक कारण भी SIBO रोग के कारक माने जाते हैं.
यह भी पाया गया है एंटीबायोटिक्स और antacids का अनुचित उपयोग भी इस रोग को बढ़ावा देते हैं.
एंटीबायोटिक्स और antacids लेने से फौरी तौर पर राहत महसूस होती है
लेकिन अन्दर ही अंदर रोग अधिक उग्र होते जाता है.
SIBO के दुष्प्रभाव
यह रोग धीरे धीरे पनपता है.
यदि एक बार हो जाए तो फिर आतों की सूजन, पोषक तत्वों का अवशोषण सही न होना और पेट का हमेशा गड़बड़ ही रहना इसके अभिन्न परिणाम बन जाते हैं.
SIBO के कारण ही IBS संग्रहणी जैसे रोग पनपते हैं और फिर शुरू होता दौर डायबिटीज, आर्थराइटिस, गाउट, यूरिक एसिड, थाइरोइड जैसी गंभीर समस्याओं का.
किन्हें हो सकता है SIBO रोग
यह रोग किसी को भी हो सकता है.
यदि पेट की गड़बड़ के लिए आपने एंटीबायोटिक या anti-protozoal खाए हैं
या antacids का अनुचित उपयोग किया है,
खानपान पर नियंत्रण नहीं है –
तो आप इसके शिकार हो सकते हैं.
अनियंत्रित खानपान का मतलब है समय से भोजन न करना, बिना भूख लगे खाना, पेट को कभी भी आराम न देना इत्यादि.
SIBO के उपाय, इलाज
सबसे पहले इस रोग में IBS संग्रहणी की दवाई या फिर पूरा IBS कोर्स लेना चाहिए जो बैक्टीरिया का उन्मूलन करे,
पेट की सफाई करे और बैक्टीरिया की लाभकारी किस्मों की संख्या बढ़ाये – न कि हानिकारक बैक्टीरिया की.
SIBO और IBS संग्रहणी के कारण पेट की सूजन, डायबिटीज, आर्थराइटिस जैसे रोगों के उन दुष्प्रभावों का इलाज करना भी अनिवार्य रहता है जो पेट की गतिशीलता (motility) को प्रभावित करते हों.
आयुर्वेद सेंट्रल में Rem-IBS नामक औषधि उपलब्ध है जिसे आप घर बैठे मंगा सकते हैं।
यदि SIBO के साथ साथ IBS संग्रहणी की भी समस्या हो तो चार औषधियों का एक पूरा कोर्स भी उपलब्ध है।
सलाह हमेशा यह रहती है कि पूरा कोर्स लेना ही सबसे अच्छा विकल्प है.
दवाओं के कोर्स लेने के बाद कुछ नियम रखने भी ज़रूरी होते हैं,
जैसे कि अंग्रेजी दवाओं से दूर रहना, कभी कभी भोजन न लेना (उपवास),
तीन से अधिक बार भोजन न लेना, प्रीबायोटिक और प्रोबिओटिक आहारों का सेवन, खानपान में बदलाव इत्यादि इत्यादि.
इन सब पर विस्तृत जानकारी समय समय पर उपलब्ध कराई जाती है.
सारशब्द
SIBO एक ऐसा रोग है जो कई पेट के रोगों को जन्म दे सकता है.
समय रहते SIBO रोग का उपचार करना ही समझदारी है.
यदि अभी इसका इलाज न किया जाए तो आगे जाकर गम्भीर रोगों का पनपना लगभग तय ही समझना चाहिए.
Source Links:
1 https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3099351/
2 https://en.wikipedia.org/wiki/Small_intestinal_bacterial_overgrowth
मुझे SIBO की समस्या थी। मैंने तीन महीने तक Rem-IBS का सेवन किया। अब मेरा रोग बिल्कुल ठीक है और टेस्ट रिपोर्ट भी OK है।
I was suffering from SIBO. Allopathic medicines would work for a few days but there was no permanent cure. My weight had drastically reduced by over 12 kgs.
I consulted Ayurved Central and they gave me RemIBS, PBF and Acirem, which I took for about three months.
For the past six months or so, I have no gut issue and my weight has also incresed by about 6 kgs.