बढ़ायें सर्दियों में उर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता

कैसे बढ़ायें सर्दियों में उर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता

शरीर की उर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता का अनुकूल बने रहना अच्छे स्वास्थ्य की पहचान है।  जानिये कैसे बढ़ायें सर्दियों में उर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता जो आपको स्वस्थ रख कर मौसम का पूरा मज़ा दे सकते हैं।

कई  बार आप स्वस्थ होते हैं लेकिन उर्जा की  कमी के कारण थकान आपकी पूरी शक्ति को नकार देती है.

कईयों को सर्दियाँ खांसी, जुकाम, जोड़ों के दर्द, एसिडिटी इत्यादि से परेशान भी करती हैं.

मतलब सीधा है कि आपके शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कमज़ोर है.

यह भी हकीकत है कि सर्दियों का मौसम सेहत बनाने के लिये सब से उत्तम समय होता है.

लेकिन जब सर्दियाँ आती हैं तो आपके शरीर में जहरीले पदार्थ (toxins) बढ़ने की सम्भावना भी अधिक हो जाती है.

इसका कारण है कि हम विषद्रव्यों को सही ढंग से निष्कासित नहीं कर पाते.

ये सब कम पानी पीने, भारी भोजन करने व व्यायाम की कमी के कारण होता है.

ऐसे में ज़रूरी है, उर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए कुछ किया जाए.

आईये जानते हैं कैसे बढ़ायें सर्दियों में उर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता की कुछ उपयोगी नसीहतें जो आयुर्वेद द्वारा बताई गयी हैं.

1. नाक, नाभि, नख में तरावट

सर्दियों में शुष्कता अथवा खुश्की एक बड़ी समस्या होती है.

आप जितनी मर्जी cold क्रीम लगायें, त्वचा की खुश्की अथवा रुखा सूखापन, एडियाँ व होंठ का फटना, बने ही रहते हैं.

यह इसलिए होता है क्योंकि अधिकतर कोल्ड क्रीमें पट्रोलियम और सिलिकॉन युक्त होती हैं.

यह केमिकल त्वचा द्वारा शोषित नहीं होते.

ये तभी तक तरावट देती हैं जब तक त्वचा इनसे ढकी रहे.

खुश्की का एक आसान आयुर्वेदिक उपाय है.

रोज़ गाय का घी अथवा सरसों, बादाम या नारियल तेल नाक, नाभि और पैर के अंगूठे के नख पर लगायें.

सारी खुश्की मिट जाएगी.

आपक सोच रहे होंगे कि नाक, नाभि और पैरों के नख पर घे तेल लगाने से कैसे सारी खुश्की मिट सकती है.

जवाब है, ये अनुभूत उपाय हैं जिन्हें मानव सभ्यता चिरकाल से परखती आई है.

2. खूब शाक, सब्जियां खाईये

बथुआ, पालक, पुनर्नवा, मेथी इत्यादि के साग (शाक), गाजर, शलगम, मटर इत्यादि सब्जियां व मूली, चुकंदर जैसे सलाद सेहत के लिये अनुपम वरदान हैं.

इनका खूब सेवन करिए.

ये सब्जियां एंटीऑक्सीडेंटस और पोषण का भण्डार रहती हैं जो आगे के मौसमों जैसे गर्मियों और बरसात में आपको उर्जावान रखेंगी.

3. सर्दियों के फल ज़रूर खाईये

ये एक भ्रांति है कि सर्दियों में ठंडी तासीर की वस्तुएं नहीं कहानी चाहिये।

सर्दियों में ठंड के कारण आपको प्यास कम] लगती है जिस कारण पित्त acidity बढ़ने लग जाते हैं।

शायद यही कारण है कि प्रकृति आपको पित्त  से बचने के लिये ठंडी तासीर के फल सब्जियां उपलब्ध कराती है।

संतरा, किनऊ, पालक, बथुआ, गाजर, मूली इत्यादी सब, सर्दियों में ही मिलते हैं।

विटामिन C के उच्चतम स्रोत संतरा, कीनू, रसभरी इत्यादि सर्दियों के मुख्य फल हैं.

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क्योकि विटामिन C एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट है, इस कारण इनके सेवन से न तो खांसी जुकाम होगा न ही कोई रोग.

एंटीऑक्सीडेंटस हमें गंभीर रोगों जैसे कैंसर, डायबिटीज, ह्रदय रोग व मोटापे से भी बचाते हैं.

4. भरपूर पानी पीजिये

सर्दियों में एसिडिटी का प्रकोप भी अधिक होता है इस कारण न प्यास लगने पर भी पानी पीजिये.

पानी को कुनकुना कर व उसमें हल्की सी तुलसी, दालचीनी, निम्बू इत्यादि मिला कर भी ले सकते हैं, जिससे स्वाद व महक बढ़ जाए.

पानी अधिक पीने से वात, कफ और पित्त सभी मूत्र द्वारा निकल जाते हैं अथवा नष्ट हो जाते है.

एक बात पक्की है.

यदि आप भरपूर पानी पियेंगे तो एसिडिटी बिलकुल नहीं होगी.

पानी के लाभ इस लेख में देखिये.

5. सर्दियों की आयुर्वेदिक औषधियां खाईये

आवंला, हरड, गोखरू,अश्वगंधा, तुलसी, काली मिर्च, अदरक, त्रिफला जैसी जड़ीबूटियों में कमाल की क्षमता  होती हैं.

सर्दियों के रसायन जैसे च्यवनप्राश, आंवला रसायन, भृंगराज रसायन, दशमूलारिष्ट इत्यादि का उपयोग कीजिये.

त्रिफला और त्रिकटु भी बेहतरीन सस्ते रसायन हैं.

अमृतयोग भी एक ऐसा ही उत्पाद है जिसे कई परिवार तीन चार माह तक उपयोग कर उर्जा और रोग प्रतिरोधी बढ़ाते हैं.

इनसे शरीर में उर्जा का संचार होता है और आपका प्रतिरोध तंत्र मज़बूत होता है.

6. गुनगुने (कुनकुने) पानी से स्नान

आयुर्वेद के मताअनुसार प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिये गुनगुने पानी से स्नान करना चाहिए.

यदि आप चाहें तो इसमें सुगन्धित तेल जैसे चमेली, गुलाब या तुलसी का तेल इत्यादि डाल सकते हैं.

7. खाने में मसालों का प्रयोग

वे दिन गए जब पश्चिम जगत हमारे मसालों को शक की नजर से देखता था.

अब शोधों ने सिद्ध कर दिया है कि मसाले से बढ़ कर कोई भी रोग प्रतिरोधी वनस्पति नहीं है.

भोजन में हमेशा मसालों का उपयोग कीजिये.

जीरा, हल्दी, धनिया, अदरक, दालचीनी,  लाल मिर्च (हरी कम), हींग और काली मिर्च जैसे मसाले खाने में रोज़ प्रयोग करने चाहिए.

इनसे आप साधारण सर्दी जुखाम से लेकर कीटाणुओं से होने वाली सब बीमारियों और गंभीर रोगों जैसे डायबिटीज, आर्थराइटिस और कैंसर इत्यादि से  बच सकते हैं.

8. गरम खाना खाएं

हल्का और गरम भोजन सर्दियों में आपके पाचन तंत्र और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बहुत आवश्यक है.

गरम भोजन सर्दियों में गरमाहट देता है, सुपाच्य होता है और कीटाणुओं से लड़ने में मदद करता है.

9. भरपूर नींद लें

भरपूर नींद स्वास्थ के लिए अत्यंत आवश्यक है.

अच्छे आहार, व्यायाम के बाद भी यदि नींद सहीं नहीं है तो नुकसान ही है.

सर्दियों में खूब सारी नींद लेना शरीर क्रियाओं को नवजीवन देना ही है.

नीद से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.

इससे आपका शारीरिक और मानसिक तनाव भी कम होता है.




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