पानी हमारी देह का लगभग 66℅ हिस्सा होता है।
हर क्षण यह शरीर से किसी न किसी क्रिया से बाहर निकलता ही रहता है.
वह चाहे हमारी पसीने एवं मल मूत्र त्याग की क्रिया हो या फिर सांसों का चलना.
चिंता हो, गुस्सा हो या तनाव हो, दो घूँट पानी पी लीजिये: ऐसा लगता है जैसे रेगिस्तान में बसंत ऋतु आ गई हो.
आप परिश्रम से थके मांदे हों, पानी का एक गिलास सारी थकान दूर कर देता है.
प्रचुर मात्रा में पानी पीने का सीधे सीधे मतलब है शरीर के हर अंग को तृप्ति प्रदान करना
और बदले में चुस्ति स्फूर्ति पाना और रोगों से दूर रहना.
आपको चमकीले बाल चाहिए, आभावान त्वचा, पेट का हल्कापन, चुस्ती स्फूर्ति; सभी लाभ पानी से लिये जा सकते हैं
पानी के मुख्य काम
पानी भोजन पचाने में सहायता करता है,
पचाये गए पोषण को शरीर के सभी अंगो तक पहुँचाने का काम करता है,
साथ ही सभी क्रियाओं द्वारा विसर्जित द्रव्यों को बाहर निकालने का कार्य भी करता है,
शरीर का तापमान नियंत्रण तथा हमारे नर्वस सिस्टम की सुचारू कार्यप्रणाली में भी पानी का ही मुख्य योगदान रहता है,
आइये, देखते हैं कि प्रकृति के इस अनमोल उपहार के मुख्य फायदे क्या क्या हैं
1 कैलोरी नियंत्रण: मोटापा घटाने में सहायक
मोटापे का मुख्य कारण ज़रुरत से अधिक कैलोरीज का जमाव तथा मेटाबोलिज्म का कम होना ही है.
बहुत से शोध यह प्रमाणित करते हैं कि पानी का प्रचुर सेवन मोटापा घटाने में सहायक होता है.
इसके दो मुख्य कारण हैं.
पहला, पानी आपको फुल होने का आभास करता है जिस कारण आप भोजन से कम कैलोरीज ले कर निर्वाह कर लेते हैं.
दूसरा, पानी पीने से हमारे मेटाबोलिज्म में अप्रत्याशित वृद्धि होती है जो मोटे शरीर वालों में कम रहती है. (1)
मोटापा घटाने के लिये हर भोजन से करीब 20-25 मिनट पहले भर पेट पानी पी लीजिये
या फिर मुख्य भोजन से पहले भरपेट सलाद जैसे मूली, गाजर, पत्तागोभी, स्लाद्पत्ता, खीरा, ककड़ी इत्यादि खा लीजिये.
इससे आप के मुख्य भोजन की मात्रा कम हो जाएगी.
साथ ही मेटाबोलिज्म के बढ़ने से आपके शरीर में उपस्थित फैट का विघटन होना भी प्रारंभ हो जायेगा.
ऐसा करने से आप अपने मुख्य भोजन से कैलोरीज भी कम मात्रा में लेगे. (2)
एक शोध के अनुसार, वजन घटाने वाले वे लोग जिन्होंने खाने से पहले पानी पिया वे 44% अधिक वजन घटाने में सफल रहे. (3)
2 मुहांसों से निजात
यह आम धारणा है कि मुहांसे जवान होने की एक अभिन्न पहचान हैं.
लेकिन ये कैसे, कि कुछ को तो यह होते ही नहीं और कुछ एक इनसे अधिक परेशान हो जाते हैं.
हमारी त्वचा के रंध्र (Pores) शरीर के अवांछित तत्वों (Toxins) को बाहर निकालने का कार्य करते हैं.
जब यह रंध्र (Pores) अवरोधित हो जाते हैं तो टोक्सिंस का निकलना भी रुक जाता है.
फिर इनमें इन्फेक्शन हो जाने से पस बन जाती है जो कील मुहांसों का रूप ले लेती है.
मुहांसों के लिए पानी में नीम्बू मिलाकर उपयोग करने से बड़ा लाभ मिलता है.
नीम्बू में पाये जाने वाले एंटी ओक्सिडेंट (AntiOxidants) त्वचा के रंध्रों को फ्लश कर उनका अवरोध ख़त्म कर देते हैं और मुहांसे नहीं पनपते.
कुछ शोधों से यह भी सामने आया है कि कील मुहांसों के अधिकतर मामलों में दूध के उत्पाद एवं पेट का साफ़ ना होना भी मुख्य कारक रहे हैं.
इसलिए यदि आप कुछ दिन के लिये दूध, दही, पनीर, तली चीज़ें, मसाले इत्यादि सब छोड़ कर
केवल पानी, जूस, सलाद इत्यादि का खुला सेवन करें तो आप अवश्य ही स्वच्छ उजला निखार पा लेंगे.
3 पाचन क्रिया के लिये आवश्यक
नीरोगी रहने के लिए पेट का नियमित रहना अति आवश्यक है.
लगभग 88% रोगों के मूल में पेट की अनियमितता एवं कमज़ोर पाचन क्रिया ही मुख्य कारण होती है.
एसिडिटी, गैस, कब्ज़ Constipation, IBS संग्रहणी, सभी; हमारी दैनिक जीवन की उर्जाशक्ति पर असर डालते हैं;
फिर चाहे वो शारीरिक उर्जा हो या मानसिक.
यदि पेट ठीक न हो तो दुनिया का बेहतरीन व्यंजन भी बेकार लगता है.
और यदि ठीक है, तो भूख के सामने साधारण नाश्ता भी प्रकृति का बेमिसाल तोहफा लगता है.
पेट के स्वास्थ्य का इतना बड़ा योगदान होने पर यह भी विचारणीय है कि इसका हमारी पूर्ण जीवनशैली पर कितना असर होता होगा.
प्रातः उठते ही खाली पेट पानी पीना पेट को क्रियाशील कर साफ़ कर देता है.
कब्ज़ Constipation तभी होती है जब हमारे शरीर में पानी कि कमी के कारण बड़ी आंत की तरलता शरीर की अन्य ज़रूरतों के लिये
अपनी दिनचर्या पानी से आरंभ करने वालों को कब्ज़ एवं एसिडिटी कि शिकायत नहीं होती.
कार्बोनेटेड पानी में कब्ज़ निवारक गुण और भी अधिक होते हैं, इसलिए एसिडिटी, गैस, और कब्ज़ Constipation, के लिये आप नीम्बू
सोडा के पानी का उपयोग भी कर सकते हैं (5)
4 किडनी की स्वस्थता एवं पथरी का निदान
हमारी किडनियां प्रतिदिन लगभग 190 लीटर रक्त को शुद्ध करने का काम करती हैं.
इस प्रक्रिया में यह अवांछित तत्वों को विसर्जित कर मूत्राशय में भेजती रहती हैं,
और समय समय पर मूत्रत्याग द्वारा यह अवांछित तत्व शरीर से बाहर होते रहते हैं.
किडनी द्वारा निस्सारण प्रक्रिया में कुछ तत्व अति महीन मुलायम कणों में भी रहते हैं,
यही कण धीरे धीरे छोटे छोटे झुरमुट का रूप ले अंत में पथरी (Stone या Calculi) बन जाते हैं.
पानी का खुला सेवन इन कणों को इक्कठा नहीं होने देता और साथ ही कई प्रकार के स्टोन /पथरी को भी बाहर निकाल फेंकता है.
एक बात पक्की है, आप जितना अधिक पानी पियेंगे आपकी किडनी को उतना ही कम परिश्रम करना पड़ेगा.
यह वैसे ही है कि जैसे अधिक गंदे कपड़ों की अपेक्षा कम मैले कपडे को धोना आसान होता है.
स्वस्थ किडनी एक घंटे में, 800ml से 1000ml का निस्सारण कर सकती है,
जिससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि प्रकृति ने हमें कितनी अच्छी शोधन क्षमता दे रखी है,
5 सिर दर्द में लाभकारी
पानी की कमी से अक्सर सिर दर्द और माइग्रेन कि समस्या हो जाती है.
हालाँकि सिर दर्द के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं.
लेकिन आजकल की जीवन शैली में यह देखा गया है कि पानी पीने भर से ही सिर दर्द में राहत मिल जाती है. (7, 8)
पानी का प्रचुर उपयोग हमारे शरीर, मस्तिष्क एवं मन को कंचन समान शुद्ध रख सकता है
यह कई समस्याओं का निवारण भी कर सकता है
सारशब्द
पानी न केवल शरीरिक गतिविधियों के लिये ज़रूरी है
बल्कि हमारी हर मानसिक एवं बौद्धिक क्रिया में भी इसका अति महत्त्वपूर्ण योगदान होता है.
शरीर की रचना का मूलभूत अंश पानी होने के कारण दिल खोल कर पानी पीना सेहत के लिये बेहद ज़रूरी है.
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