महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही, बाल गिरने की समस्या पाई जाती है,
लेकिन गंजेपन आरम्भ होने का समय और प्रक्रिया (Pattern) लिंग के अनुसार अलग-अलग हो जाते हैं।
समय से पहले बालों के गिरने की आनुवंशिक समस्या को एंड्रोजेनिक एलोपेसिया (androgenic alopecia) कहा जाता है,
जिसे आमतौर से पैटर्न बाल्डनेस (Pattern baldness) के रूप में जाना जाता है।
सही से की गयी बालों की देखभाल आपको इन रोगों से बचा सकती है.
बालों की देखभाल – बाल कम होने के कारण
वैसे तो बाल झड़ने के कई कारण हो सकते हैं
लेकिन अनुवांशिक कारणों के अतिरिक्त विकार, किसी विष, तेज़ एंटीबायोटिक, स्टेरॉयड या दर्द निवारक का सेवन कर लेने,
उपदंश, दाद, एक्जिमा आदि के कारण भी अक्सर ऐसा हो जाता है।
इस समस्या से परेशान पुरुषों में बाल गिरने की समस्या किशोरावस्था से ही हो सकती है,
जबकि महिलाओं में इस प्रकार बाल गिरने की समस्या 30 के बाद उत्पन्न होती है।
पुरुषों में इस समस्या को सामान्य रूप से मेल पैटर्न बाल्डनेस (Male pattern baldness) के नाम से जाना जाता है।
इसमें बालों की सीमा (Hairline) पीछे हटती जाती है और शीर्ष यानि टकली पर विरल हो जाती है।
महिलाओं में एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया को फीमेल पैटर्न बाल्डनेस (Female pattern baldness) के नाम से जाना जाता है।
इस समस्या से पीड़ित महिलाओं में पूरे सिर के बाल कम हो जाते हैं, लेकिन हेयरलाइन पीछे नहीं हटती।
महिलाओं में एंड्रोजेनिक एलोपेसिया के कारण बहुत ही कम पूरी तरह गंजेपन की समस्या होती है।
बालों की देखभाल – अपनाईये ये नुस्खे
कुछ हर्बल नुस्खे और खान-पान के तरीके के अतिरिक्त दैनिक जीवन-शैली बालों की देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
1 पिसा हुआ नमक व काली मिर्च एक-एक चम्मच, नारियल का तेल पांच चम्मच मिलाकर गंजेपन वाले स्थान पर लगाने से बाल आ जाते हैं।
कलौंजी को पीसकर पानी में मिला लें।
इस पानी से सिर को कुछ दिनों तक धोने से बाल झड़ना बंद हो जाते हैं और बाल घने भी होना शुरू हो जाते हैं।
2 यदि बाल किसी स्थान से उड़ जाए तो गंज के स्थान पर नींबू रगड़ते रहने से बाल फिर आने लगते हैं।
जहां से बाल उड़ जाएं तो लहसुन या प्याज का रस लगाने से बाल आने लगते हैं।
बालों में नीम का तेल लगाने से भी राहत मिलती है।
3 बाल झड़ते हैं तो गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाएं।
नहाने से पहले इस पेस्ट को सिर पर लगा लें।
15 मिनट बाद बाल गरम पानी से सिर को धोएं।
ऐसा करने पर कुछ ही दिनों बालों के झड़ने की समस्या दूर हो जाएगी।
बालों के लिए प्राकृतिक टॉनिक
4 उड़द की दाल उबाल कर पीस लें।
इसका सोते समय सिर पर गंजेपन की जगह लेप करें।
हरे धनिए का लेप करने से भी बाल आने लगते हैं।
केले के गूदे को नींबू के रस के साथ पीस लें और लगाएं, इससे लाभ होता है।
अनार के पत्ते पानी में पीसकर सिर पर लेप करने से गंजापन दूर होता है।
5 आंवला के फलों का चूर्ण दही में मिलाकर हल्के-हल्के हाथों से सिर पर मालिश करें और 5 मिनट बाद गुनगुने पानी से बालों को धो लें।
कुछ दिनों तक ऐसा करने से बाल स्वस्थ हो जाते हैं और डेंड्रफ भी दूर हो जाते हैं।
6 अमरबेल के पौधे से रस तैयार किया जाए और
सिर पर प्रतिदिन सुबह एक सप्ताह तक लगाया जाए तो सिर से डेंड्रफ नदारद हो जाएगी,
साथ ही बालों का झडने का सिलसिला भी कम हो जाता है।
माना जाता है कि आम के पेड पर चढी हुई अमरबेल को उबालकर उस पानी से स्नान किया जाए तो गंजापन दूर होता है।
गुडहल और गेंदा होते हैं नायाब
7 गेंदा के फूलों का रस नारियल तेल के साथ मिलाकर उससे हल्की-हल्की मालिश करके नहा लिया जाए
तो सिर में हुए किसी भी तरह के संक्रमण, फोड़े- फुंसियों में आराम मिल जाता है।
8 गेंदे के फूलों बीजों के चूर्ण को नारियल या जैतून के तेल में मिलाकर गुनगुना गर्म किया जाए और इस तेल को बालों पर लगाया जाए तो बाल चमकदार हो जाते हैं।
साथ ही, इनकी जडें भी मजबूत हो जाती हैं।
बालों की समस्याओं में हर्बल जानकारों के अनुसार त्रिफला का सेवन हितकर माना गया है।
9 गुडहल (Hibiscus) के फूलों के रस को नहाने से 10 मिनिट पहले सिर पर लगाया जाए
तो इससे बालों के काला होने में मदद मिलती है।
साथ ही, यह एक बेहतरीन कंडीशनर की तरह काम करता है।
बालों के लिए आदिवासी नुस्खे
10 आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार
पारिजात की पत्तियों और बीजों का चूर्ण तेल में मिलाकर प्रतिदिन रात को बालों की जडों में मालिश करने से
बालों का पुन: उगना शुरू हो जाता है, साथ ही, बालों के झडने को रोकने में मदद करता है।
11 शिकाकाई के बीजों को कुचलकर, एक कटोरे में लेकर पानी में डुबो दिया जाए और सारी रात रख दिया जाए।
सुबह इस पानी से बालों की धुलाई की जानी चाहिए।
ये एक नेचुरल शैम्पू होता है।
आदिवासी जानकारों के अनुसार इसका इस्तेमाल बालों को चमकदार और स्वस्थ बनाने के साथ, बालों का दोमुंहा होना बंद कर देता है।
जटामांसी तेल
12 जटामांसी की जड़ों को नारियल के तेल के साथ उबालकर ठंडा होने दें.
प्रतिदिन रात को सोने से पहले इससे मालिश की जाए तो असमय बालों का पकना और झड़ना रुक जाता है।
आदिवासियों का मानना है कि इसके प्रयोग से बालों का दोमुंहा होना भी बंद हो जाता है और बाल स्वस्थ हो जाते हैं।
13 तिल के तेल से बालों की मालिश करना बेहतर माना जाता है।
आदिवासी हर्बल जानकारों की मानी जाए तो तिल के तेल में थोड़ी-सी मात्रा गाय के घी और अमरबेल के चूर्ण में मिला ली जाए
और सिर पर रात में सोने से पहले लगा लिया जाए
तो बाल चमकदार, खूबसूरत होने के साथ घने हो जाते हैं और यही फार्मूला गंजेपन को रोकने में मदद भी करता है।
14 असमय बालों के पकने और बालों के झड़ने के क्रम को रोकने के लिए पातालकोट के आदिवासी नीम के बीजों से प्राप्त तेल को रात में सिर पर लगा लेते हैं और सुबह सिर को धो लिया करते हैं।
माना जाता है कि नीम के बीजों का तेल बालों में एक माह तक लगातार इस्तेमाल करने से बालों का झड़ना रुक जाता है।
डेंड्रफ होने पर 100 मिली नारियल तेल में नीम के बीजों का चूर्ण (20ग्राम) अच्छी तरह से मिलाकर
सप्ताह में दो बार रात में मालिश की जाए तो आराम मिल जाता है।
ये भी कीजिये
15 पके हुए टमाटर का रस बालों पर लगाने से रूसी दूर हो जाती है।
नहाने से 15 मिनट पहले ऐसा करना काफी कारगर होता है।
16 कनेर की पत्तियों का रस दूध में मिला कर बालों पर लगाया जाए तो गंजापन दूर होता है,
साथ ही बालों का असमय पकना दूर हो जाता है।
17 ड्रमस्टिक (Drum stick) अथवा सहिंजन या मुनगा, इसकी पत्तियों के रस को लगा कर
प्रतिदिन नहाने से सिर से रूसी या डेंड्रफ़ खत्म हो जाती है।
इस रस का इस्तेमाल कम से कम एक सप्ताह तक करना जरूरी है।
सहजन की फलियों को उबालकर पल्प तैयार किया जाए और नहाते वक्त इस पल्प को सिर पर शैंपू की तरह इस्तेमाल किया जाए तो यह बाजार में उपलब्ध किसी भी विटामिन ई युक्त शैंपू से बेहतर साबित होगा।
आधुनिक विज्ञान भी सहजन में पाए जाने वाले विटामिन ई को बालों के लिए लाभकारी मानता है।
18 मेथी का भरपूर सेवन बालों की सेहत के लिए उत्तम माना जाता है।
मेथी के बीजों का चूर्ण तैयार करके पानी के साथ मिलाया जाए और पेस्ट बना लिया जाए।
इस पेस्ट को सिर पर लेप करके आधे घंटे के लिए छोड़ दिया जाए और बाद में इसे धो लिया जाए।
ऐसा करने से बालों से डेंड्रफ खत्म हो जाते हैं। ऐसा सप्ताह में कम से कम दो बार किया जाना चाहिए।
19 अरण्डी के बीजों के तेल के उपयोग से बालों का काला होना शुरू हो जाता है।
सप्ताह में कम से कम दो बार अरण्डी का तेल बालों में अवश्य लगाना चाहिए।
रात में तेल लगाकर सुबह इसे किसी शैम्पू से साफ किया जा सकता है।
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